चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता याओ च्यान ने 17 अगस्त को आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में अप्रैल से जून तक चीन द्वारा जापान के जीडीपी को पार करने को लेकर कहा कि इस से चीन की आर्थिक ताकत सिद्ध हुआ है और जोर देते हुए कहा कि सुधार और खुलेपन की नीति से आर्थिक वृद्धि साकार हुई है, साथ ही उन्होंने अनुमान किया है कि भविष्य में चीनी अर्थव्यवस्था निरंतर विकसित होगी।
क्वाशिन स्टोक की पेइचिंग शाखा कंपनी के धन केंद्र के निदेशक, वरिष्ठ निवेश सलाहकार श्री ल्यू क्वांग मिंग ने तेज आर्थिक विकास की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन का कहना है
मेरे ख्याल में चीन द्वारा जापान के जीडीपी को पार करना एक वैश्विक ध्यानाकर्षक सफलता है। ये भी बताते है कि सुधार और खुलेपन नीति लागू होने से चीनी आर्थिक वृद्धि शैली दुनिया की मान्यता मिली है।
चीन दुनिया का दूसरा बड़ा आर्थिक समुदाय बना है, जिसे विश्व का ध्यान केंद्रित है और जिस से चीनियों का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। लेकिन चीन दुनिया की सब से अधिक आबादी वाला देश के रूप में चीन का व्यक्तिगत जीडीपी जापान का 10 प्रतिशत रहा। वरिष्ठ निवेश सलाहकार श्री ल्यू क्वांग मिंग ने परिचय देते हुए कहा कि चीन के 15 करोड़ लोगों का जीवन स्तर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिदिन एक अमरिकी डालर की मापदंड नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा
उक्त विश्लेषण से पता चला है कि वास्तविक स्थिति के अनुसार चीन एक बड़ा आर्थिक समुदाय नहीं है। व्यक्तिगत आय के स्तर से चीनी नागरिकों का सामान्य खपत का स्तर और जीवन की गुणवत्ता देखा जा सकता है। चीन में फिर 4 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, जो एक बड़ी संख्या है।
वास्तव में जीडीपी सिर्फ आकृति है। 2009 के आकड़ों के अनुसार जापान का व्यक्तिगत जीडीपी 37 हजार 8 सौ अमरिकी डालर पहुंची, जब कि हमारा व्यक्तिगत जीडीपी सिर्फ 3 हजार 6 सौ अमरिकी डालर रहा। आर्थिक स्तर जापान से पिछड़ा हुआ है। वरिष्ट निवेश सलाहकार श्री ल्यू क्वांग मिंग ने कहा
जीडीपी में संरचनात्मक अंतर व सूचकांग नहीं शामिल हो सकता है।
व्यापार संरचना से देखा जाए चीन वैश्विक औद्योगिक श्रृंखला की कम अंत पर रहा है, निर्यात में माल व्यापार का बड़ा अनुपात है, जब कि तकनीक व ज्ञान वाले सेवा व्यापार का कम अनुपात है। इस के प्रति ल्यू ने कहा
वर्तमान स्थिति में चीन तेज आर्थिक वृद्धि बनी रह सकती है। लेकिन जीडीपी को ध्यान केंद्रित होना नहीं चाहिये, चीन में जीडीपी की वृद्धि पूंजीनिवेश व निर्यात पर निर्भर होती है, फिर भी उपभोक्ता मंदी में रहा है। इस तरह दीर्घकालिक समय से राष्ट्रीय आय के संरचना वितरण में सुधार व नागरिकों की जीवन स्तर व गुणवत्ता बढ़ाने के लिये लाभदायक नहीं होगा।
शिक्षा, चिकित्सा व सामाजिक प्रतिभूति व्यवस्था की दृष्टि से देखा जाए चीन लोक कल्याण के विकास व संपूर्णता में इंतजार हो रहा है, सार्वजनिक शिक्षा की पूंजी की भारी कमी है और सामाजिक प्रतिभूति के सामने बड़ी मिशन खड़ी भी है।
आर्थिक विकास संरचना की दृष्टि से देखा जाए स्ट्रक्चरल समस्याएं काफी हैं। चीन में शहरी और ग्रामीण के असंतुलित विकास, क्षेत्रीय असंतुलित विकास आदि सवाल मौजूद है। ल्यू ने विश्लेषण करते हुए कहा
अगर चीन भावी आर्थिक वृद्धि की शैली के सुधार में पूंजी लगाएगा और नागरिकों की जीवन गुणवत्ता बढ़ाने में गहरा सुधार आएगा, तो मुझे विश्वास है कि चीन सचमुच बड़ा आर्थिक ताकत बन सकेगा।
यह चीन की अर्थव्यवस्था की वास्तविकता है। चीनी आर्थिक विकास की गुणवत्ता बढ़ने का प्रतिक्षा में है। आर्थिक विकास के दौरान समामाजिक क्षेत्रों में विकास के पीछे रहा है, यह हमारी वास्तविकता है। इसलिये संबंधित आर्थिक विभागों को आर्थिक गणुवत्ता व नागरिकों के जीवन गुणवत्ता बढ़ाने में अधिक काम करने की जरूरत है।
अच्छा दोस्तो, आज का कार्यक्रम यहीं तक, अब रूपा को आज्ञा दें, नमस्ते।(रूपा)