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चीनी स्वंयसेवक विशेषज्ञ अमरीका में सुरक्षित चीनी प्राचीन अवशेषों की मरम्मत के लिए अपना योगदान कर रहे हैं
2010-08-16 10:15:48

चीन के शानशी प्रांत के सांस्कृतिक अवशेषों का एक स्वंयसेवक दल पिछले महीने अमरीका में चीन के थांग राजवंश काल की दो पत्थर मूर्तियों की मरम्मत के लिए अमरीका पहुंचा। युद्धघोड़े के आकार वाली ये दो पत्थर मूर्ति, थांग मकबरे से खोदी गयी छह मूर्तियों का एक भाग है, फिलहाल युद्धघोड़े आकार वाली इस किस्म की अन्य चार मूर्तियां चीन के शानशी प्रांत में सुरक्षित हैं। इन दो खोई हुई मूर्तियों को चीन में वापस लाने की पुकार दिन प्रति दिन तेज होती जा रही है।

सुश्री ल्यो लिंग सी इस बार अमरीका के पिनेनसल्वेनीया विश्वविद्यालय में इन दो मूर्तियों की मरम्मत करने वाले स्वंयसेवक विशेषज्ञों में से एक हैं। वे शानशी प्रांत के सीआन सांस्कृतिक अवशेष मरम्मत केन्द्र की एक वरिष्ठ मूर्ति मरम्मत व सुधार की कलाकार ही नहीं बल्कि वे एक प्रचुर अनुभव प्राप्त और हस्तशिल्पी कला में माहिर विशेषज्ञ हैं। सुश्री ल्यो लिंग सी ने कहा थांग मकबरे की उक्त दो मूर्तियों का मूल्यवान बेशुमार है। उन्होने हमें बताया इन दो मूर्तियों का मूल्य बेशुमार है, वे थांग राजवंश जमाने की पत्थर से खोदी बेहतरीन मूर्तियां हैं, इन की खुदाई कारीगरी का मूल्य अतुल्य है। इन सांस्कृतिक अवशेषों का मूल्य चीनी जनता के मन व इतिहास में बेमिसाल है।

थांग राजवंश मकबरा सातवीं शताब्दी के चीनी सम्राट ली सी मिन की सबसे मनपसंद छह युद्ध घोड़ों के रूप से निर्मित मूर्तियां हैं, जिन्होने चीन के एकीकरण व महान पुनरूत्थान में अपना भारी योगदान किया था। बाद में सम्राट ली सी मिन ने अपनी सबसे मनपसंद इन छह घोड़ों की याद में छह मूर्तियां बनवाई थीं जो उनके देहांत के बाद मकबरे में उनके सिंहाने के पास रखी गयी थीं। सम्राट ली सी मिंग ने इन घोड़ों की मूर्तियों की याद में उन्होंने स्वंय उनके लिए छह कविताएं भी लिखी। पत्थर से निर्मित छह मूर्तियों की कला माहिरता चीन के प्राचीन इतिहास में एक अभूतपूर्व विलक्षण रचना मानी जाती हैं। और तो और चीन के महान एकीकरण की निशाने के रूप में लोगों ने उक्त छह घोड़ों की मूर्तियों को चीन की सबसे मूल्यवान मूर्तियों की संज्ञा दी है।

थांग राजवंश मकबरे के छह युद्धघोड़ों की मूर्तियों का जीवनी काल शुरू से ही दुखद व असौभाग्य माहौल से भरा रहा है। इस शताब्दी के आरम्भ में इन छह मूर्तियों में से दो को अलग थलग कर अमरीका में लाया गया , इस के एतिहासिक कारण का निष्कर्ष अब भी पूरी तरह निश्चित नहीं हो पाया है, सौभाग्य की बात यह है कि अमरीका के पिनेनसिल्वेनीया विश्वविद्यालय संग्राहलय ने इन दो मूर्तियों को खरीद कर अपने वहां अब तक बड़ी अच्छी तरह सुरक्षित रखा है।

चीन के शानशी प्रांत के महान मिंग राजवंश महल के सांस्कृतिक अवशेष अजायबघर कोष के महा सचिव चओ पिंग ने कहा कि उन्होने वर्ष 2008 में पिनेनसिल्वेनीया विश्वविद्यालय से संपर्क कर इन दो मूर्तियों को चीन में वापस लाकर बाकी चार मूर्तियों के साथ मिलन करने की इच्छी प्रकट की, फिलहाल सबसे फौरी काम इन दो मूर्तियों की मरम्मत करना है। उन्होने इस की चर्चा करते हुए हमें बताया दो साल पहले हमने इन दो घोड़े के आकार वाली मूर्तियों को चीन समेत विश्व के अनेक देशों में प्रदर्शित करने का सुझाव रखा, अमरीका पक्ष को यह सुझाव बहुत अच्छा सूझा, उन्होने इस के लिए कुछ मदद करने की इच्छा व्यक्त की। परन्तु विश्व में प्रदर्शित करने से पहले इन मूर्तियों को मजबूत करना जरूरी है, अमरीका ने एक योजना निर्मित की, हमने अमरीकी पक्ष से चीनी स्वंयसेवक विशेषज्ञों को अमरीका में आकर उनके विशेषज्ञों के साथ इन दो मूर्तियों की मरम्मत करने में हाथ बटाने का सुझाव भी रखा, अमरीकी पक्ष ने बड़ी खुशी से इन सुझाव को स्वीकार कर लिया। हमने पूरे देश से स्वंयसेवक विशेषज्ञों का चयन शुरू किया, 18 महीनों के छान बीन के बाद हमने तीन विशेषज्ञों को निश्चित किया। इन में सुश्री ल्यो लिंग सी भी चुनी गयी। सुश्री ल्यो लिंग सी को इस से पहले जर्मनी में सांस्कृतिक अवशेषों की मरम्मत का अनुभव प्राप्त है, उनकी कला माहिरता को अन्तर्राष्ट्रीय समकक्षों व पेशावर संगठनों की मान्यता भी हासिल है। वे इस बार अमरीका यात्रा को बहुत सौभाग्य व गौरव कार्य समझती हैं, इस से पहले उन्होने अन्य दो समकक्षों के साथ इस पर बड़े विस्तृत रूप से तैयारियां भी कर ली हैं। इस पर टिप्पणी करते हुए उन्होने कहा हमने इस से पहले अनेक तैयारियां कर ली हैं, इन में विविध पत्थरों के प्रयोगात्मक परीक्षण कार्य भी शामिल हैं। हमने विशेषतौर से इन मूर्तियों के खुदाई की जगह में जाकर वहां का निरीक्षण किया, क्योंकि यह जगह थांग राजवंश के शाही परिवारों के लिए निर्मित मूर्तियों के लिए बढ़िया पत्थर सामग्रियों का स्थान है। हम अपने साथ इन पत्थरों के पाउडरों को अमरीका ले जाएंगे। ताकि इन सामग्रियों से दो मूर्तियों के टूटे व खोए हुए भागों को फिर से जैसा का तैसा पुराना रूप दिया जा सके। क्योंकि केवल इन पत्थरों से ही इन टूटे व खोए हुए भागों की मरम्मत करने से ही इन दो मूर्तियों के असली रूप को फिर से जागरूक किया जा सकता है, हमने इस विषय पर अमरीकी पक्ष से बातचीत की और इस नतीजे पर पहुंचे कि उक्त सामग्रियां इन दो मूर्तियों की मरम्मत के लिए सबसे बेहतरीन होंगे।

इस बार सांस्कृतिक अवशेषों की मरम्मत के लिए स्वंयसेवक विशेषज्ञों दल में शानशी प्रांत के एक स्थानीय पत्रकार वांग पाओ क्वो भी उनके साथ हैं। पत्रकार वांग पाओ क्वो लम्बे समय से सांस्कृतिक अवशेषों की सुरक्षा व आदान प्रदान के बारे में रिपोर्ट कवरेज करने के लिए कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। अमरीका की यात्रा के दौरान उन्होंने बहुत सी रिपोर्टे व कहानियां भेजी हैं। उन्होने कहा कि चीनी विशेषज्ञों की असाधारण माहिरता व सांस्कृतिक अवशेषों की मरम्मत करने के प्रचुर अनुभवों से अमरीकी पक्ष बेहद प्रभावित हुए हैं, चीनी विशेषज्ञों को अमरीकी पक्ष का भारी सम्मान मिला है, जो चीनी लोगों के लिए एक अमूल्य अनुभव भी है। उन्होने इस पर बोलते हुए कहा हमारे देश में सांस्कृतिक अवशेषों की मरम्मत का अधिकतर कार्य बन्द होकर किया जाता है, जिन्हे सार्वजनिक नहीं होने दिया जाता है। अमरीका का अनुभव हमारे लिए सीखने लायक है। मरम्मत के स्थान पर पुलिस की सतर्क लाइन तय की जाती है, लोग इस सतर्क लाइन के बाहर से मरम्मत का हाल देख सकते हैं, इस का नतीजा बहुत ही अच्छा निकलता है। अमरीका के प्राइमरी स्कूल के बच्चों को भी यहां लाकर स्कूल पाठ के रूप में खुली शिक्षा दी जाती है, मेरे ख्याल में हमारे देश के सांस्कृतिक अजायबघर जगतों को इस से सीखना चाहिए।

सांस्कृतिक अवशेषों की मरम्मत की विशेषज्ञ सुश्री ल्यो लिंग सी का मानना है कि तकनीक व विचार अवधारण के पहलु में हमारे देश में सांस्कृतिक अवशेषों की मरम्मत का स्तर अन्तर्राष्ट्रीय की ऊंचाई पर है, चीन और अमरीका में केवल सामग्रियों के इस्तेमाल पर थोड़ा ज्यादा फर्क है। इस बार चीनी विशेषज्ञों के समुद्रपार जाकर सांस्कृतिक अवशेषों की मरम्मत करना एक ऐतिहासिक आदर्श मिसाल व शुरूआत है, आशा है कि इस तरह की गतिविधियां लगातार बढ़ती रहेंगी। उन्होने इस पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा मेरे ख्याल में इस तरह का सहयोग चलाना बहुत ही हितकारी है।क्योंकि हम चीनी सांस्कृतिक अवशेषों की असली सामग्री व उसकी प्राचीन कला से वाकिफ हैं। असल में हमारे देश के बहुत से सांस्कृतिक अवशेष विदेशों में बिखरे हुए हैं, इन में अनेक बहुत मूल्यवान हैं, इस तरह के सहयोग अवसरों को जितना ज्यादा बढ़ाया जाए उतना ही अच्छा होगा। चीन और विदेशों में इस तरह का सहयोग हमारी कला तकनीक को उन्नत करने , सांस्कृतिक कलाकृतियों को सुरक्षित रखने तथा चीन की संस्कृति के प्रचार के लिए भारी महत्व रखता है।

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