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कई एशियाई देशों के सरकारी प्रधान एशियाई अर्थव्यवस्था की बहाली पर विचार विमर्श के लिये बोओ में एकत्र हुए हैं
2010-06-17 15:23:36

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है, साप्ताहिक कार्यक्रम चीन में सुधार और विकास अब आरंभ होता है। मैं हूं आप की दोस्त रूपा। कार्यक्रम में आप का स्वागत। दोस्तो, अभी हाल में समाप्त बोओ एशिया मंच के 2010 वार्षिक सम्मेलन में उपस्थित चीनी-विदेशी सरकारी प्रधानों ने वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि पर एशियाई अर्थव्यवस्था की बहाली पर गहन रूप से विचार विमर्श किया और सुझाव भी दिये ताकि एशियाई विशेषता वाले हरे विकास व अनवरत विकास का रास्ता ढूंढ निकल सके।

भूमंडलीकरण की प्रक्रिया के नए दौर में बहुत एशियाई उभरते हुए देशों की अर्थव्यवस्था का तेज विकास हुआ है। लेकिन इन देशों की अर्थव्यवस्था निर्माण उद्योग पर निर्भर होती है, इसलिये इन देशों के सामने पर्यावरण व संसाधन का भारी दबाव मौजूद है। परंपरा उच्च खपत व उच्च निकासी पर आधारित विकास के तरीकों को मुश्किल बना रहा है।

चीन एशिया का बड़ा आर्थिक देश है। खुलेपन व सुधार के पिछले 30 सालों से अभी तक चीन ने 9.8 प्रतिशत की सालाना आर्थिक वृद्धि मुर्द रूप दिया। लेकिन साथ ही पर्यावरण व संसाधन से विकास पर पैदा कुप्रभाव भी बढ़ा है। इस के लिये चीन ने विकास अवधारणा का सृजन किया है ताकि चीनी विशेषता वाली विकास शैली को निरंतर संपूर्ण बनाया जा सके। बोओ एशिया मंच के 2010 वार्षिक सम्मेलन के उद्धाटन समारोह में चीनी उपराष्ट्राध्यक्ष शी चिंग पिंग ने हरित विकास व अनवरत विकास को चीन के महत्व पर अभिव्यक्त किया। उन्होंने कहा

चीन द्वारा हरित व अनवरत विकास बढ़ाने व इसे अमल में लाने की स्थिति बहुत अच्छी है। उदाहरण के लिये चीन 21 शताब्दी कार्यसूचि पारित करने और ऊर्जा किफायत व कम निकासी काम का बहुविष्यक कार्यक्रम व जलवायु परिवर्तन के मुकाबले संबंधी राष्ट्रीय कार्यक्रम बनाने का सब से पहले विकासशील देश है। 2009 के अंत तक चीन की ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के पहले चार सालों में सकल जीडीपी ऊर्जा खपत में 14.98 प्रतिशत की कमी हुई है।

चीन ने 2007 से पिछड़े उत्पादन क्षमता को समाप्त करना शुरू किया और भारी प्रदूषित छोटे कोयला खानों, इस्पात व रंगाई और मुद्रण उद्यमों को बंद किया तथा उच्च टेक, कम खपत व कम प्रदूषण संबंधी चीनी विशेषता वाले औद्योगिक रास्ता सकारात्मक ढ़ूढना आरंभ किया ताकि आर्थिक विकास व जनसंख्या, संसाधन और पर्यावरण के बीच समन्वित बढ़ सके।

शी चिंग पिंग ने कहा कि एशिया और दुनिया के हरित व अनवरत विकास साकार करने के लिये चीन अन्य देशों के साथ विकास शैली समायोजन कर हरित विकास मुर्द रूप देने तैयार है और खुलेपन पर कायम कर सामंजस्यपूर्ण विकास साकार करने की कोशिश करेगा। उन का कहना है

हरित विकास और अनवरत विकास आज के वैश्विक विकास की रूझान है। एशिया और दुनिया के हरित विकास व अनवरत विकास साकार करने के लिये हम एशिया के विभिन्न देशों को आर्थिक वृद्धि, सामाजिक विकास व पर्यावरण संरक्षण का समन्वित करना चाहिये। हम विभिन्न देशों के साथ समान प्रयत्न करने को तैयार है।

शी चिंग पिंग ने चीन द्वारा ग्रीन हाउस गैस की निकासी पर नियंत्रित लक्ष्य दोहराया कि 2020 तक चीन के सकल जीडीपी की कार्बन डाइऑक्साइड निकासी में 2005 से 40 से 45 प्रतिशत की कमी होगी।

इस साल आयोजित बोओ एशिया मंच के वार्षिक सम्मेलन का प्रमुख विषय हरित बहालीः एशिया के अनवरत विकास का व्यवहारिक विकल्प है। एशिया के कई देशों के सरकारी अधिकारियों व उद्यम जगत समेत 2000 से अधिक लोगों ने सम्मेलन में भाग लिया।

मौजूदा सम्मेलन में पूर्वी तिमोर के उपप्रधान मंत्री गुथरेस ने कहा कि पूर्वी तिमोर की 75 प्रतिशत जनसंख्या कृषि उत्पादन में लगी हैं, इसलिये पूर्वी तिमोर प्राकृतिक पर्यावरण का भारी भरोसे है। गुथरेस के विचार में बोओ एशिया मंच ने एशियाई देशों में हरित विकास साकार करने को बढ़ावे के लिये अहम मौका प्रदान किया है। उन्होंने कहा

हरित बहाली मुर्त रूप देना एक आसान बात नहीं है। बोओ मंच ने एक महत्वपूर्ण मौका दिया है कि हम सम्मेलन में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने संबंधी सवालों पर विचार विमर्श कर सके।

गुथरेस ने कहा कि पूर्वी तिमोर को विश्वास है कि वह 2020 में बन सकेगा, लेकिन आर्थिक वृद्धि व पर्यावरण संरक्षण के संबंध को संतुलित करने को महत्व दिया जाना चाहिये।

बोओ एशिया मंच में उपस्थित मंगोलिया देश के प्रधान मंत्री बाथबोल्ड ने कहा कि मंगोलिया देश की पारिस्थितिकी स्थिति बहुत कमजोर है और उस के सामने प्राकृतिक संसाधनों का कैसे अनवरत विकास सवाल मौजूद है। वर्तमान में खान उद्योग का अनुपात मंगोलिया के जीडीपी का 30 प्रतिशत और निर्यात मात्रा का 80 प्रतिशत रहा है। बहुत लम्बे समय के भीतर मंगोलिया देश का आर्थिक विकास प्राकृतिक संसाधन पर निर्भर होगा, लेकिन संसाधन के विकास से पैदा कुप्रभाव कम होना चाहिये।

केवल ही नहीं, बाथबोल्ड ने कहा कि मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट से पैदा गंभीर कुप्रभाव ने लोगों को बताया कि आर्थिक ढ़ांचा समायोजन किया जाना चाहिये ताकि आर्थिक अनवरत विकास को साकार किया जा सके। उन का कहना है

बहुत देशों के सामने बहुत चुनौतियां मौजूद है, जिन में अपने देश के आर्थिक ढ़ांचे से पैदा चुनौती शामिल है। मुझे विश्वास है कि हम ने मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट से आर्थिक ढांचा समायोजन सीखा है। इसलिये आज के मंच का प्रमुख विषय बहुत समय पर व महत्वपूर्ण है। मंच के जरिये हमारी रायें व हमारी अवधारणा एकत्र हो कर बलवान व स्वास्थ्य एशिया की स्थापना की जाएगी।

बाथबोल्ड ने कहा कि भावी पीढ़ी के लिये एक अधिक सुरक्षा व अधिक अच्छी वातावरण तैयार किया जाना चाहिये।

मौजूदा बोओ एशिया मंच में लाओ के राष्ट्राध्यक्ष चोमाली ने कहा कि पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन पर लोगों का ध्यान केंद्रित हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इमानदारी सहयोग व घनिष्ठ संपर्क करना चाहिये। उन की आशा है कि विकसित देश विकासमान देशों, विशेषकर अति विकसित देशों को धनराशि व तकनीक समर्थन दे सकेंगे।

चोमाली ने कहा कि लाओ ने रणनीति बनाया है और प्राकृतिक संसाधनों के अधिक कारगर विकास की कोशिश करेगा और पर्यावरण संरक्षण बढ़ाएगा ताकि अनवरत विकास उन्नत हो सके। योजनानुसार 2020 तक लाओ में वन की ढ़क्कन दर 70 प्रतिशत पहुंचेगी।

अच्छा दोस्तो, आज का कार्यक्रम यहीं तक समाप्त। अब रूपा को आज्ञा दें, नमस्ते।(रूपा)

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