एक बडी खेल प्रतियोगिता की सफलता स्वयंसेवकों के योगदान से अलग नहीं हो सकती ।दक्षिण अफ्रीका विश्व कप के स्वयंसेवकों की संख्या 19 हजार पहुंच जाएगी ।वे विभिन्न टीमों ,फुटबाल प्रेमियों ,मीडिया व पर्यटकों को यथासंभव मदद देंगे ।हाल ही में हमारे संवाददाता ने दक्षिण अफ्रीका के स्वयंसेवकों के एक प्रशिक्षण कैंप का दौरा किया ।
स्वयंसेवक दाविड मसानया इस प्रशिक्षण कैंप में सब से वरिष्ठ हैं ।उन्होंने हमें बताया ,1 अगस्त को मैं 72 वर्ष का हूंगा ।अब मैं 71वर्ष का हूं ।मैं फुटबाल को प्रेम करता हूं ।मैं पहले रेफरी था ।पिछले वर्ष के कंफेडरेशन कप से मैं सहायक रेफरी बना ।
दक्षिण अफ्रीका विश्व कप की स्वयंसेवक परियोजना के मीडिया विभाग के प्रधान जोन म्दाका के अनुसार दक्षिण अफ्रीका में विश्व कप के स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण के लिए कुल 21 कैंप स्थापित हुए ।स्वयंसेवकों की संख्य 19 हजार पहुंच गयी ।उन्होंने बताया ,28 जुलाई 2009 से 31 अक्टूबर 2009 तक हमें विश्व भर के 69 हजार से अधिक स्वयंसेवकों के आवेदन पत्र मिले ।उन में से हम ने 35 हजार उम्मीदवार चुने ।फिर हम ने उन की जांच व इंटरव्यू करने के बाद लगभग 19 हजार स्वयंसेवक तय किये ।
स्वयंसेवकों की शर्तों की चर्चा करते हुए जोन ने बताया ,एक स्वयंसेकव बनने के लिए कुछ शर्तों की जरूरत है ।उदाहरण के लिए आप को 1 मार्च 2010 से पहले 18 वर्ष व उस के ऊपर का होना चाहिए ।आप को अंग्रेजी आनी चाहिए ।अगर आप चीनी भाषा ,पुर्तगाली भाषा व कोरियाई भाषा जानते हैं ,आप को अतिरिक्त अंक मिलेगा ।लेकिन स्वयंसेवकों के लिए सब से कुंजीभूत बात आप को उत्हासहूर्ण और दूसरे की सहायता करने को पसंद करना चाहिए ।
प्रशिक्षण कैंप में हमारे संवाददाता को कई गूंगे व बहरे स्वयंसेवक भी मिले ।इस की चर्चा करते हुए जोन ने बताया ,हमारी बुनियादी मांग से मेल खाने वाले सभी लोगों को स्वयंसेवक बनने की संभावना है ।कंफेडरिशन कप के दौरान हम ने विकलांग स्वयंसेवकों का निमंत्रण किया है ।उन का काम उल्लेखनीय था ,जैसे जोहेनेंस्बर्ग में कुछ वीलचेयर पर बैठे स्वयंसेवक टिकट बिक्री केंद्र में काम करते थे ।इस बार हम विकलांग स्वयंसेवकों को बहतर वातावरण प्रदान करेंगे ।
इस प्रशिक्षण कैंप में भाग लेने वाले अधिकांश स्वयंसेवक दक्षिण अफ्रीकी विद्यार्थी हैं ।विश्व कप के दौरान दक्षिण अफ्रीका के सभी स्कूल बंद होंगे ।मालेबके मोकोना स्नात्तक होने वाली लडकी है ।उन के विचार में विश्व कप की स्वयंसेवा करना अविस्मर्णीय अनुभव होगा ।उन्होंने कहा , मैं दक्षिण अफ्रीका की सहायता करना चाहती हूं ।मेरी आशा है कि विश्व कप सफल होगा ।मैं फुटबाल प्रेमियों को सीट ढूंढने की मदद दूंगी ।बाद में मैं खेल व्यवसाय सीखना चाहतू हैं ।विश्व कप से मुझे कुछ अनुभव प्राप्त होगा ।
थेन यू शान एक चीनी मूल वाली दक्षिण अफ्रीकी विद्यार्थी है ।वे क्वांग तुंग भाषा ,अंग्रेजी व फ्रांसीसी बोल सकते हैं ।उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया ,मैं भाषा सेवा केंद्र में काम करूंगी ।मेरे लिए यह अच्छा अनुभव होगा ।भविष्य में मैं एक अनुवादक बननी चाहती हैं ,सो मेरे लिए यह एक अच्छा अभ्यास होगा ।विश्व कप से मेरा दृष्टिकोण चौडा होगा ,जो भावी काम के लिए मददगार होगा ।
स्वयंसेवक परियोजना के मीडिया विभाग के प्रधान जोन ने साक्षात्कार के अंत में हमें बताया ,हम तैयार हो चुके हैं ,जैसे विश्व कप का नारा के नाको ।के नाको का मतलब अब समय आ गया है । वर्ष 2010 दक्षिण अफ्रीका विश्व कप के स्वयंसेवक तैयार हो चुके हैं ।