चीन के दक्षिण पश्चिमी भाग में स्थित युननान प्रांत की दिएन-छी झील एक असाधारण प्राकृतिक स्थल है। 61 वर्षीय चांग चंगशियांग प्रतिदिन इस झील के किनारे जाते हैं। उनका कहना है कि यह झील उनकी माँ की भाँति है तथा वे उसकी रक्षा करना चाहते हैं।
चांग चंगशियांग सात साल की उम्र में अनाथ हो गए थे। उनके माता-पिता का देहांत होने के बाद वे साहस के साथ झील के पास एक जंगल में जाकर वहां बस गए थे। चांग चंगशियांग का कहना है कि जंगल में उपलब्ध जंगली फलों और झील में पाई जाने वाली मछली और श्रींप के सहारे वे अपना जीवन यापन करते थे। पर वह दिल से इस बात को स्वीकारते हैं कि यह झील ही है जिसने उनका पालन-पोषण किया था।
1962 में, 14 वर्षीय चांग अपने गांव लौट आए।सहृदय ग्रामीणों की मदद से, वे पढ़ना-लिखना सीख गए और अंत में बढ़े होकर गांव के मुखिया बने। हालांकि, वह दिएन-छी झील को कभी नहीं भूल सकते।
"मैं झील को देखने हर रोज़ आता हूँ और हर हफ्ते झील के आसपास चलकर इसमें बढ़ रहे प्रदूषण की जाँच करता हूँ।"
झील के आसपास का क्षेत्र खनिजों से समृद्ध है और बहुत से खनिकों को आकर्षित करती है। चांग को आशंका है कि ये स्वार्थी लोग अपने स्वार्थ के लिए धीरे-धीरे झील की हत्या कर रहे हैं।
"वे पहाड़ों और खानों में विस्फोट कर रहे हैं। वे केवल एक झील की नहीं, बल्कि मेरी माँ की भी हत्या कर रहे हैं।"
चांग चंगशियांग ने झील को अधिक क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए लड़ाई शुरू की। वे प्रतिदिन झील पर गशत लगाते हैं, विस्फोटों के कारण बर्बाद हो रही झील की तस्वीरें लेते हैं और फिर संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट लिखते हैं। उन्होंने झील के संरक्षण के लिए अपने बचत के सभी पैसे खर्च कर दिए हैं। उनकी पत्नी अपने तीनों बच्चों को उनके पास छोड़ कर चली गई हैं। उनकी 15 वर्षीय बेटी चांग शियुमय ने परिवार का ख्याल रखने की जिम्मेदारी का बोझ अपने कंधों पर ले लिया।
चांग शियुमय अपने पिता की समर्पण भावना को देखकर उलझन में है क्योंकि वे कठिन जीवन निर्वाह कर रहे हैं।
"हर दिन स्कूल के बाद, मैं अपने छोटे भाई और बहन के खाने के लिए खेत में मक्का खोजने के लिए जाती हूँ। सड़क की हालत भी ठीक नहीं है, लेकिन मुझे अपने परिवार के लिए मक्का खोज कर लाना ही पड़ता है, यहां तक कि मैं त्योहारों के दौरान भी टूटी हुई सड़कों से गुजरती हूँ। मैंने अपने पिता से कहा, 'आप सिर्फ एक गरीब किसान हैं और आप हमारे परिवार को अपने कर्मों से और अधिक गरीब बना रहे हैं। वे कहते हैं, 'मुझे ऐसा करना है। अगर मैं इस बड़ी सामाजिक समस्या को हल नहीं कर सकता, तो मैं छोटे परिवार के लोगों की समस्या का भी समाधान नहीं कर सकता ।'
चांग चंगशियांग के प्रयासों को देखकर स्थानीय सरकार का ध्यान उनकी ओर गया और प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों और खनिकों को सज़ा दी गई। फलस्वरूप, चांग चंगशियांग खनिकों की आँखों में प्रतिद्वंद्वी बन गए। वे उन्हें पागल कह कर पुकारने लगे और अवसर मिलने पर उन पर हमला करने की कोशिश करते।
चांग को चुपके से सूर्योदय से पहले ही तस्वीरें लेनी पड़ती थी। पिछले 20 वर्षों में चांग एक हज़ार से भी अधिक बार झील का चक्कर काट चुके हैं। उनके द्वारा परिवार की उपेक्षा और परिवार को मिलने वाली धमकियों के कारण चांग के सबसे छोटे बेटे को मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। लेकिन इतने त्याग के बाद, चांग अब पीछे नहीं हटेंगे।
"मैंने इस झील के लिए अपने बच्चों को, अपने परिवार और रिश्तेदारों को नुकसान पहुँचाया है। लेकिन मैं अभी भी इसे अपनी माँ के रूप में मानता हूँ। मुझे आशा है कि और अधिक लोग इसकी रक्षा के लिए आगे आएँगे।"
चांग के निरन्तर प्रयासों की रिपोर्ट मीडिया में प्रसारित की गई है और लोगों का ध्यान उनकी ओर गया है। सरकार ने भी झील के आसपास खनन का काम रोक दिया है।