चीनी उपराष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग ने शुक्रवार को यात्रा पर आयी भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात की । दोनों नेताओं ने चीन-भारत राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के भव्य सत्कार समारोह में भाग लिया ।
सत्कार समारोह पर शी चिन फिंग ने अपने भाषण में कहा कि चीन और भारत दोनों प्राचीन सांस्कृतिक देश हैं ।दोनों का लंबा इतिहास व शानदार संस्कृति हैं । 1 अप्रैल 1950 को चीन और भारत ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की ,जिस ने दोनों देशों के संबंधों के विकास का नया अध्याय जोडा । पिछले 60वर्षों में अच्छे पडोसियों जैसी मैत्री और पारस्पिरक लाभ वाला सहयोग, दोनों देशों के संबंधों की मुख्य धारा रही है । चीन और भारत प्रतिस्पर्द्धात्मक प्रतिद्वंदी के बजाये सहयोगी साझेदार हैं ।दोनों पक्षों को राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में निरंतर पारस्परिक समझ व विश्वास बढाकर रणनीतिक सहयोग के विषयों का विस्तार और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहराते हुए दोनों देशों के संबंधों के सतत व स्वस्थ विकास को बढावा देना चाहिए , ताकि दोनों देश एशिया यहां तक कि पूरे विश्व की शांति व विकास के लिए बडा योगदान दे सकें ।
सुश्री पाटिल ने भाषण देते हुए कहा कि भारत चीन मैत्री समय की कसौटी पर खरी उतरी है ।दोनों देशों की कई हजार वर्ष तक आवाजाही ने एक दूसरे की संस्कृति को प्रचुर किया है ।भारत और चीन दोनों नयी उभरती अर्थव्यवस्था है और विकास दोनों की समान अभिलाषा है ।विश्वास है कि दोनों देशों की उद्यमी व ऊर्जावान जनता दो देशों के संबंधों में कुंजीभूत भूमिका निभाएगी ।भारत चीन के साथ दोनों देशों के सहयोग में मौजूद निहित शक्ति को पूरी तरह प्रदर्शित करने की कोशिश करने को तैयार है ताकि भारत चीन संबंध अधिक ऊंचे स्तर पर जा पहुंचे ।
सत्कार समारोह पर दोनों देशों के कलाकारों ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये ।