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विश्व कप फुटबाल ग्रुप जी की स्थिति
2010-05-27 15:44:14

दक्षिण अफ्रीका विश्व कप फुटबाल के जी ग्रुप में ब्राजील ,पुर्तगाल ,कोटे दिवोर और उत्तर कोरिया शामिल हैं। लगभग सभी मीडिया की नजर में ग्रुप जी एक डेड ग्रुप है । ब्राजीली टीम ने पांच बार विश्व कप जीता था ,पुर्तगाली टीम यूरोपीय चैंपियन है और कोटे दिवोर की फुटबाल टीम सब से शक्तिशाली अफ्रीकी टीम मानी जाती है जबकि उत्तर कोरियाई टीम एक रहस्यमय टीम है।

विश्व में सिर्फ ब्राजील हर विश्व कप के फाइनल दौर में पहुंची है और पांच बार विश्व कप जीतने में सफल भी रही है। हर विश्व कप में ब्राजीली टीम खिताब जीतने वाले सबसे बडे दावेदारों में से एक मानी जाती है। ग्रुप ड्रा के बाद ब्राजीली टीम के मुख्य कोच दुंगा ने मीडिया को बताया कि एक कठिन ग्रुप में रहना ब्राजीली टीम के लिए अच्छा है ,इससे हर व्यक्ति अधिक सतर्क व संलग्न रहेगा ।यह तनावपूर्ण स्थिति नाउक आउट मैच के लिए लाभदायक है। दुंगा की बात से लगता है कि उन को डेड ग्रुप से निकलने का पक्का विश्वास है ।

इधर कुछ सालों में ब्राजीली टीम का अच्छा फार्म रहा ,जो दुंगा के आत्मविश्वास की नींव है ।उनके नेतृत्व वाली ब्राजीली टीम ने वर्ष 2009 फेडरल कप अपने नाम किया। विश्व कप क्वालिफाइंग दौर में उसने तीन दौर से पहले दक्षिण अफ्रीका जाने का टिकट पाया।हाल ही में हुए वार्म अप मैचों में उसने दो बार इटली को और एक बार इंग्लैंड टीम को हराया। खास बात यह है कि वर्ष 2008 के अंत में ब्राजीली टीम ने 6--2 से पुर्तगाली टीम को पराजित किया था ।

कहा जा सकता है कि वर्तमान ब्राजीली टीम की मुख्य लाइन अप स्थिर है और शैली स्पष्ट है। काका ,रोबिनहो व लुइस फाबियानो क्लेमेंटे जैसे फोर्वर्ड खिलाड़ी हैं और कप्तान लुसिओ के नेतृत्व वाली मध्य व बैक लाइन काफी मजबूत है ।इसके अलावा दुंगा टीम के समग्र सहयोग पर अधिक जोर लगाते हैं ,जिससे पहले की तुलना में वर्तमान ब्राजीली टीम अधिक खतरनाक है। ब्राजील टाइम्स पत्रिका के एक आलेख में कहा गया कि ब्राजील के लिए यह कोई डेड ग्रुप नहीं है,क्योंकि हम किसी प्रतिद्वंदी से नहीं डरती।

पुर्तगाली टीम के मुख्य कोच कर्लोस क्वेरोज दुंगा जैसे विश्वास से भरे नहीं हैं। विश्व कप ग्रुप ड्रा के बाद क्वेरोज ने बताया कि यह सबसे कठिन ग्रुप है ।ब्राजीली टीम की शक्ति असाधारण है ,कोटे डिवोर के ब्लैक होर्स बनने की संभावना है और उत्तर कोरियाई टीम खतरनाक भी है। वास्तव में पुर्तगाली टीम का विश्व कप का रास्ता शुरू से मुश्किल भरा रहा है। यूरोपीय क्षेत्र के क्वालिफाइंग दौर में उसने अतिरिक्त मैच में 2--0 से बोस्निया हेसेगोविना हारने के बाद दक्षिण अफ्रीका जाने की टिकट हासिल किया।

गतवर्ष यूरोपीय चैंपियनशिप के बाद पुर्तगाली टीम में काफी बदलाव आया है। कुछ पुराने खिलाडी राष्ट्रीय टीम से चले गये और कुछ युवा खिलाडी इसमें शामिल हुए हैं। मुख्य कोच क्वेरोज लगातार नये लाइन अप की परीक्षा करते रहे ,पर पुर्तगाली टीम अच्छा फार्म नहीं पा सकी। पुर्तगाली टीम में विश्व के सबसे महंगे खिलाडी क्रिस्टियानो रोनाल्डो हैं ,पर राष्ट्रीय टीम में 9 करोड 40लाख यूरो मूल्य वाले रोनाल्डो की भूमिका को लेकर मुख्य कोच क्वेरोज पसोपेश में हैं। विश्व कप क्वालिफाइंग दौर के सात मैचों में रोनाल्डो ने एक भी गोल नहीं कर सके। कुछ विश्लेषकों के विचार में दक्षिण अफ्रीका में पुर्तगाली टीम का बहुत दूर जाना बहुत मुश्किल होगा। पर पुर्तगाली टीम के पूर्व मशहूर खिलाडी युसेबियो फरेरा ने इतिहास से विश्वास ढूंढ पाया ।उन्होंने कहा कि ब्राजीली टीम सचमुच शक्तिशाली हैं। वर्ष 1966 से अब तक वह विश्व कप के ग्रुप दौर से निकलने में विफल नहीं हुई ।पर वर्ष 1966 विश्व कप में पुर्तगाली टीम ने 3--1 से ब्राजीली टीम को हराया था ।

कोई भी कोटे दिवोर टीम की उपेक्षा नहीं कर सकता ।पर लगता है कि इस टीम का भाग्य कभी-कभी साथ नहीं देता। पिछले विश्व कप में वह एक डेड ग्रुप में थी। जिसमें अर्जेंटीना ,सर्वेया और होलैंड थे ।वह ग्रुप से नहीं निकल सकी ।इस बार वह एक डेड ग्रुप में है ही ।ग्रुप ड्रा के बाद कोटे दिवोर के मुख्य कोच वाहिद हालिहोदजिक ने बताया कि ब्राजील और पुर्तगाल शक्तिशाली टीमें हैं ।लोग उन दोनों पर बडी आशा बांधते हैं ।पर इस का मतलब नहीं है कि वे ग्रुप से निकल चुके हैं ।हम अच्छी तैयारी करेंगे और कमाल स्थापित करेंगे ।

कोटे दिवोर के पास पूरे अफ्रीका के सब से अच्छे खिलाडी एकत्र हैं ।इंग्लैंड सुपर लीग की चेल्सी टीम में खेलने वाले दिदियर टेबिली और सालोमोन कालो टीम के फोर्वर्ड हैं ।मिड फील्ड में सेविला के डिडियर जोकोरा और मर्सेले के बाकरी कोने के अलावा बासेलोना के स्तंभ खिलाडी याया टोरे भी शामिल हैं ।मुख्य बैकवर्ड खिलाडी यूरोप के चोटी स्तर वाली लीग में खेलते थे ।

कई खिलाडी यूरोप के मशहूर फुटबाल क्लबों में खेलते हैं ,इसलिए कोटे दिवोर टीम वर्तमान में यूरोप की सब से शक्तिशाली टीम मानी जाती है ।अनेक विश्लेषकों का अनुमान है कि कोटे दिवोर दक्षिण अफ्रीका में पहले 8 स्थानों में दाखिल हो सके ।

उत्तर कोरियाई टीम एक रहस्यमय टीम है ।उसने वर्ष 1966 विश्व कप के फाइनल दौर में प्रवेश किया था। उस विश्व कप में वह इटली को हराकर पहले 8 में दाखिल होने में सफल रहा और पूरे विश्व को चौंका दिया । 44 साल के बाद वह फिर फाइनल दौर में वापस लौटी।वह दक्षिण अफ्रीका में कुछ करना चाहती है ।उत्तर कोरियाई मीडिया का दावा है कि उत्तर कोरियाई टीम ब्राजील व पुर्तगाल जैसे शक्तियों से नहीं डरती । उनके खिलाडियों को अपने पर पक्का विश्वास है ।उनकी अदम्य भावना ,एकता और शक्ति है ।

अदम्य व मजबूत भावना उत्तर कोरियाई टीम की सबसे बडी विशेषता है और लाभ भी ।इस टीम के खिलाडी लंबे समय तक क्लोज्ड कैंप में अभ्यास करते हैं और जीवन बिताते हैं ,इसलिए इस टीम के खिलाडियों का सहयोग बहुत सकुशल है ।

हालांकि विश्व रैंकिंग में उत्तर कोरिया अभी 85वें स्थान पर है ।लेकिन वह ब्लेक हार्स साबित हो सकती है।

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