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विश्व कप ग्रुप ई की स्थिति
2010-04-30 09:12:57

दक्षिण अफ्रीका विश्व कप फुटबाल ई ग्रुप में होलैंड ,तैंमार्क ,जापान व कामेरून चार टीमें शामिल हैं ।इस ग्रुप में होलैंड व तैंमार्क की शक्ति अपेक्षाकृत रूप से सब से ज्यादा है ।दोनों परंपरागत यूरोपीय शक्तियां हैं ।लेकिन जापानी टीम व कामेरून की टीम की उपेक्षा नहीं की जा सकती ।वर्तमान विश्व फुटबाल वरीयता क्रम में कामेरून 20वें स्थान पर है ,जिस में अलेक्जांदर सोंग बिलोंग ,न्जिटप गरेमी व साम्युल एटो ओ जैसे फुटबाल स्टार इंग्लैंड सूपर लीग में खेलते हैं ।जापानी टीम के खिलाडियों की शारीरिक स्थिति यूरोपीय व अफ्रीकी टीम की तुलना में अच्छी नहीं है ,पर खिलाडियों की तकनीक बढिया है ,जिस से वह ग्रुप की अन्य टीमों के साथ मुकाबला कर सकती है ।

होलैंड टीम हमेशा बिना क्राउन के राजा कहलाया जाता है ।चाहे विश्व कप व यूरोपीय चैंपियनशिप पर होलैंड टीम कई बार चैंपियनशिप प्राप्त करने से चूक गयी ।वर्ष 1998 फ्रांस में आयोजित विश्व कप पर होलैंड टीम सेमिफाइनल में पेनाल्टी किक से ब्राजीली टीम से हार गयी ।इस के बाद कई बडी विश्व प्रतियोगिताओं में होलैंड टीम का प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं रहा ।वर्तमान होलैंड टीम में कई अनुभवी खिलाडी है ,जैसे गिओवानी ब्रोंखहोर्स्ट ,जोरिस माटिजसेन ,अंटोन्यस ओजर व इत्यादि ।टीम के मुख्य कोच लामबर्टुस मर्विजक हैं ,जो कई दशक तक विश्व फुटबाल मंच में सक्रिय रहे हैं ।मैदान पर होलैंड टीम की शैली पहले की तरह एकदम स्पष्ट है यानी वह पूरा हमला व पूरी प्रतिरक्षा करती है ।

होलैंड टीम के खिलाडियों की गति बहुत तेज है ।उन की दोनों बाजुओं से हमला बोलने की मजबूत काबिलियत है ।बाजुओं से हमला बाधित होने के बाद वे मध्य से हमला करने का मौका ढूंढते हैं ।वर्तमान हौलैंड टीम की एक स्पष्ट कमजोरी है कि टीम के फोवर्ड और गोलकीपर पहले के तुलना में इतना श्रेष्ठ नहीं हैं ।हेंड्रिक क्रुइजफ ,रोइ मकाइ व रूड वान लिस्टलरूई जैसे विश्व चोटी स्तर वाले मिड फार्वर्ड रिटार्यर होने के बाद होलैंड टीम के मिड फार्वर्ड की शक्ति इतनी मजबूत नहीं रही ।वर्तमान टीम के मिड फार्वर्ड दिर्क कुइजट और क्लास हुनटलार के पास बडी प्रतियोगिताओं के अनुभवों की कमी है ।पहले इंग्लैंड सूपर लीग के मेंचस्टर युनाइटिड के पुराने गोलकीपर एडविन वान दर सार होलैंड टीम के सब से दावेदार गोलकीपर थे ।लेकिन उन्होंने मुख्य कोच का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया ।इस तरह युवा खिलाडी मार्टेन स्टकलेंबर्ग होलैंड टीम के गोलकीपर बन गये ।इन कमजोरियों के बावजूद विश्लेषकों के विचार में ग्रुप से निकलना होलैंड टीम के लिए बडी कठिन बात नहीं है ।पर इस की पूर्वशर्त है कि होलैंड टीम को आंतरिक वाद विवाद से बचना है ।

तेंमार्क टीम में पुराने खिलाडी ज्यादा हैं ,जैसे देनिस रोमेजाहल,क्लौस जेंसेन ,टोमास सोरेंसेन व इत्यादि ।युवा खिलाडियों में सिर्फ निक्लास बेंडटनर नया स्टार माना जाता है ।बेंडटनर इंग्लैंड सूपर लीग के अर्सेंनाल फुटबाल कल्ब में खेलते हैं ।कहा जा सकता है कि दक्षिण अफ्रीका विश्व कप पर तेंमार्क टीम की मुख्य लाइन अप में पुनाने खिलाडी सब से बडी भूमिका निभाएंगे ।फुटबाल मैदान पर तेंमार्क टीम की शैली मजबूत ,अदम्य और अनुशासित है ।विश्व कप के यूरोपीय क्षेत्र के क्वालिफाइंग दौर में तेंमार्क टीम ने पुर्तगाली टीम और स्वेडन की टीम को हराया था । विश्लेषकों का आम विचार है कि टीम में सूपर फुटबाल स्टार के अभाव से दक्षिण अफ्रीका में तेंमार्क टीम को बडी ब्रेकट्रो करने की कम संभावना होगी ,पर ग्रुप मैचों के दौर में जापान व कामेरून को पराजति करने की बडी संभावना होगी ।

इतिहास में कामेरून टीम ने जापानी टीम के साथ तीन मैच खेले थे ।जापानी टीम ने दो जीत व एक बराबरी हासिल की ।पर तीनों मैच मैत्रीपूर्ण मैच थे ,इन से दो टीमों की असली शक्ति की तुलना नहीं की जा सकती ।कामेरूम टीम के खिलाडियों की व्यक्तिगत क्षमता अच्छी है ,पर आपसी सहयोग कमजोर है ।वे अकसर व्यक्तिगत क्षमता पर अंधविश्वास करते हैं ।इस तरह टीम के प्रदर्शन का उतार चढाव रहता है ।जब खिलाडी अच्छे फार्म में है ,तो उन को किसी टीम को हराने की संभावना है ।जब खिलाडी फार्म में नहीं है ,तो उन का प्रदर्शन बहुत खराब हो सकता है ।चालू विश्व कप अफ्रीका में आयोजित होगा ,यहां का मौसम व वातावरण कामेरून टीम के लिए एक बडा लाभ है ।दक्षिण अफ्रीका में कामेरून टीम का पहला मैच जापानी टीम के साथ होगा ।अगर उस ने यह मैच जीता ,तो टीम का हौसला काफी हद तक बुलंद होगा और मनोवैज्ञानिक बढत प्राप्त होगी ।लेकिन अगर वह जापानी टीम के साथ होने वाले पहले मैच में हार गयी ,तो कामेरून टीम के लिए बाकी दो मैच और कठिन होंगे ।

वर्ष 2002 जापान दक्षिण कोरिया विश्व कप में जापानी टीम मेजबानी का लाभ उठाकर पहले 16 में प्रवेश करने में सफल रहा ,जो विश्व कप के इतिहास में जापानी टीम का सब से अच्छा रिकार्ड हैं ।वर्ष 2006 विश्व कप के फाइनल दौर में जापानी टीम का प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं रहा और ग्रुप दौर में निकली ।शुनसुके नाकामुरा वर्तमान जापानी टीम के केंद्र है ।उन के नेतृत्व में जापानी टीम का सहयोग सकुशल है ,लेकिन जापानी टीम की शारीरिक स्थिति संतोषजनक नहीं है ।यूरोपीय टीम के मुकाबले में जापानी टीम की प्रतिरक्षा कुछ हद तक कमजोर लगती है ।ई ग्रुप में होलैंड ,तेंमार्क व कामेरून के खिलाडियों की शारीरिक स्थिति श्रेष्ठ हैं ।उन तीनों टीमों के साथ होने वाले मुकाबले में जापानी टीम के लिए अधिक महत्वपूर्ण अपनी कमजोरी से बचकर सहयोग व तकनीक पर अधिक जोर लगाना होगा ।

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