मई 2009 में सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश द्वारा संगठित शिक्षक प्रवेश परीक्षा की खबर ओसमान ने सुना। सावधानी से तैयार करने के बाद ओसमान ने सफलता से परीक्षा पारित किया और एक शिक्षक बना है। उन्होंने कहा
मई 2009 में मैं ने प्रदेश के शिक्षक प्रवेश परीक्षा में भाग लिया और परीक्षा पास की। अगस्त 2009 में सिन्चांग शिक्षण विश्वविद्यालय में 15 दिनों की प्रशिक्षण के बाद सितम्बर को मैं औपचारिक रूप से सिन्चांग के हाली क्षेत्र के एक स्कूल के अध्यापक बना हूं।
ओसमान ने संवाददाता को बताया कि वित्तीय संकट के बाद स्वायत्त प्रदेश ने रोजगार, विशेष कालेज के छात्रों के रोजगार बढ़ाने के लिये बहुत कदम उठाये हैं। शिक्षक प्रवेश परीक्षा इन कदमों में से एक है, जिससे ओसमान को एक संतोषजनक नौकरी मिल पाई।
सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के कार्मिक कार्यलय के अधिकारी थ्यान वेन ने संवाददाता को 2009 में सिन्चांग द्वारा रोजगार बढ़ाने के लिये उठाये गये सिलसिलेवार कदमों से अवगत कराया। उनके विचार में ऐसे बहुत कदम पिछले नहीं देखे गए। थ्यान वेन ने कहा
सिन्चांग ने कालेज के छात्रों के रोजगार बढ़ाने वाले सिलसिलेवार नीति पेश की है। एक नीति परोपकारी नौकरियों की संख्या बढ़ना है। अधिक परोपकारी नौकरी स्नातक छात्रों के रोजगार सवाल के समाधान के लिये एक अच्छा मंच प्रदान करती है। दूसरी नीति है कि सरकारी कर्मियों संबंधी नौकरियों की संख्या की वृद्धि हुई है।
इस के अलावा सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश ने छात्रों के लिये रोजगार के प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की है। अगर स्नातक के बाद छात्रों को स्थिर रोजगार नहीं मिलेगा तो उद्यमों में 1 से 2 सालों के लिये प्रशिक्षण के लिये जा सकते हैं और सरकार के जीवन भत्ता मिल भी सकते हैं। प्रशिक्षण के जरिये छात्रों के अनुभवों को बढ़ता है और आगामी कैरियर के लिये लाभदायक होता है।
थ्यान वेन ने यह भी कहा कि कालेज के छात्रों को काऊंटी स्तरीय सरकार, सामाजिक संगठन व छोटे-मझोले उद्यमों में रोजगार खोजने को प्रोत्साहित करना सिन्चांड की रोजगार नीति की एक विशेषता है। उनका कहना है
2009 में हमने कालेज के छात्रों को काऊंटी स्तरीय सरकार, सामाजिक संगठन व छोटे-मझोले उद्यमों में रोजगार खोजने को प्रोत्साहित किया। इस कदम से छात्रों को अधिक रोजगार मिल रहे हैं।
सरकार के कदमों के अलावा सिन्चांड के विभिन्न विश्वविद्यालयों ने छात्रों के रोजगार को बढ़ाने के लिये संबंधित कदम भी उठाया है। सिन्चांग वित्त व अर्थतंत्र विश्वविद्यालय के कुलपति अस्हार दूर्शू ने परिचय देते हुए कहा कि वित्त व अर्थतंत्र विश्वविद्यालय ने नीचे कदम उठाये हैः पहला, छात्रों के रोजगार की अवधारणा में परिवर्तन किया गया। दूसरा, अध्यापकों से छात्रों के रोजगार को सहायता देने की मांग की गयी। तीसरा, छात्र संघ की भूमिका सकारात्मक रूप से निभायी गयी है।
2009 में सिन्चांड में रोजगार की स्थिति गंभीर होने के बावजूद लेकिन विभिन्न स्वशासन क्षेत्रों व विश्वविद्यालयों तथा सामाजिक विभिन्न जगतों की समान कोशिशों से सिन्चांड के छात्रों के रोजगार में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई है। थ्यानवेन ने कहा
सरकार और विभिन्न स्थानों व काऊंटियों के मानव संसाधन और सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के महत्व व बढ़ावे से 2009 में सिन्चांड के कालेज के छात्रों की रोजगार दर पिछले वर्ष के बराबर है। पहली बार रोजगार दर 71 प्रतिशत तक पहुंची है, जो निश्चित लक्ष्य से अधिक है।
हालांकि 2010 की रोजगार स्थिति इस वसंत के मौसम की तरह बहुत ठंडी है, लेकिन सिन्चांड स्वायत्त प्रदेश के सकारात्मक कदमों ने कालेज के छात्रों को आशा पहुंचाया है। थ्यान वेन ने इस साल की रोजगार स्थिति का विश्लेषण करते हुए कहा कि गत साल बनायी गयी सिलसिलेवार नीतियों व कदमों के अमल करने से इस साल के रोजगार कार्यों का परिणाम का फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा
इस साल स्नातक छात्रों की संख्या 65 हजार होगी। गत साल हमने रोजगार के बढावे में सिलसिलवारे नीति बनायी, कुछ नीति नहीं प्रभावित हो गयी है, इस साल इन नीतियों को अमल में लाया जाएगा ताकि कालेज के छात्रों के रोजगार सवाल का समाधान किया जा सके।
अध्यापक बन चुके ओसमान को विश्वास है कि कालेज के छात्रों को नये साल में एक संतुष्ट नौकरी मिल सकेगी। उनका कहना है
मुझे लगता है कि आगामी स्नातक छात्र मुझ से सौभाग्य होंगे। मुझे विश्वास है कि सरकार व विश्वविद्यालयों की सहायता और अपनी कोशिशों से उन्हें एक संतुष्ट नौकरी मिल सकेगा।
अच्छा दोस्तो, अभी आपने सुना सिन्चांग ने कालेज द्वारा छात्रों के रोजगार को बढ़ाने के लिये उठाए गए कदम पर एक लेख। तो आज का कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। अब रूपा को आज्ञा दें, नमस्ते।
(रूपा)