2010 विश्व कप फुटबाल इस जून में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित होगा ।पिछले अंक में हम ने विश्व कप ग्रुप ए की स्थिति की चर्चा की ।आज हम ग्रुप बी पर नजर डालेंगे ।
ग्रुप बी की चार टीमें विश्व के चार महाद्वीपों से आती है ,जिन की शैलियां एकदम अलग हैं ।ये चार टीमें हैं ,अर्जेंटीना ,दक्षिण कोरिया ,नाइजीरिया और यूनान।इन में अर्जेंटीना की टीम सब से मजबूत मानी जाती है ।अर्जेंटीना के लिए यह पंद्रहवीं बार होगा कि वह विश्व कप के फाइनल दौर में भाग लेगी । वर्ष 1986 में दूसरी बार विश्व कप प्राप्त करने के बाद अब तक अर्जेंटीना फुटबाल टीम का सब से अच्छा रिकार्ड वर्ष 1990 में विश्व कप का रनअप था । विशेषज्ञों के विचार में अर्जेंटीना की शक्ति के अनुसार ग्रुप बी से निकलना उस के लिए बहुत कठिन काम नहीं होगा। कहा जा सकता है कि ग्रुप ड्रा के दौरान अर्जेंटीना को एक अच्छा ड्रा मिला है ।वर्ष 1994 विश्व कप के ग्रुप मैचों में अर्जेंटीना फुटबाल टीम को नाजीरियाई टीम और यूनानी टीम मिली थी । उस समय वर्तमान अर्जेंटीना टीम के मुख्य कोच डियागो मैराडोना अर्जेंटीना टीम के कप्तान थे ।वे दोनों मैच अर्जेंटीना ने जीत लिए थे। वर्ष 1986 विश्व कप के ग्रुप मैच में मैराडोना के नेतृत्व वाली अर्जेंटीना टीम ने आसानी से दक्षिण कोरियाई टीम को हराया था । वर्ष 2002 और वर्ष 2006 विश्व कप में अर्जेंटीना फुटबाल टीम दो बार डेड ग्रुप में फंसी थी । इस बार वह लंबी सांस ले सकेगी ।
अन्य तीन टीमों की तुलना में हमले व प्रतिरक्षा व संगठन तीन पहलुओं में अर्जेंटीना की शक्ति असाधारण है ,खासकर अग्रिम रेखा पर।वर्तमान में एकमात्र सवाल यही है कि अर्जेंटीना के प्रतिभाशाली स्टार कैसे एक हो कर खेलें और समग्र टीम की शक्ति दिखाएं ।टीम के प्रमुख कोच मैराडोना के सामने यह सब से बडी व सब से नाजुक समस्या है । वास्तव में अर्जेंटीना के बहुत से फुटबाल प्रेमियों को इस समस्या का समाधान करने वाली मैराडोना की क्षमता पर शक है ।मुख्य कोच का पद संभालने के बाद मैराडोना टीम के खिलाडियों के गठन को बदलते रहे हैं,जिस से टीम के सदस्यों में सहयोग का अभाव है और प्रतिरक्षा रेखा इतनी मजबूत नहीं है । इस कारण विश्व कप फुटबाल के क्वालिफाईंग दौर में अर्जेंटीना का रास्ता समतल नहीं रहा । उस ने अंतिम मैच में जीत हासिल कर दक्षिण अफ्रीकी क्षेत्र के चौथे स्थान से दक्षिण अफ्रीका जाने की टिकट प्राप्त की । पर नाइजीरिया ,दक्षिण कोरिया और यूनान की तीनों टीमों का हमला अधिक तेज नहीं है ,इस लिए अर्जेंटीना फुटबाल टीम ग्रुप मैच में लाइन अप की परीक्षा जारी रख सकेगी ।इस विश्व कप में अर्जेंटीना का लक्ष्य चैंपियनशिप प्राप्त करना है ।ग्रुप मैच उस के लिए अच्छा वार्मअप है ।
नाइजीरियाई टीम अफ्रीकी ईगल कही जाती है । वर्ष 1994 में वह पहली बार विश्व कप के फाइनल दौर में दिखाई दी । उस का प्रदर्शन शानदार रहा ।इस के बाद वह लगातार दो बार विश्व कप फाइनल दौर में दाखिल हुई ,लेकिन उस का प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं है ।पिछले विश्व कप के क्वालिफाइंग दौर में वह नाकआउट हुई । लेकिन अफ्रीकी महाद्वीप में आयोजित वर्ष 2010 विश्व कप में नाइजीरियाई टीम अनेक विश्लेषकों की नजर में एक ब्लैक हॉर्स होगी ।
विश्व कप क्वालिफाइंग दौर में नाजीरियाई टीम ने सभी 6 मैच जीत कर 18 अंक प्राप्त किये ,जो अफ्रीका में सभी मैच जीतने वाली एकमात्र टीम है ।खासकर उस ने 2010 विश्व कप की मेजबान दक्षिण अफ्रीकी टीम को दो बार हराया ,जिस में उस का फार्म बढिया रहा । 2010 विश्व कप में अच्छा रिजल्ट प्राप्त करने के लिए नाइजीरियाई टीम ने मोटे वेतन से स्वीडन के पुराने कोच रादपेक को निमंत्रण दिया ।विश्व कप में उस का लक्ष्य सेमिफाइनल में प्रवेश करना है ।पिछले कई विश्व कप में प्रतिरक्षा नाइजीरियाई टीम की एक बडी कमजोरी थी । वर्तमान नाइजीरियाई टीम में कई विश्व चोटी स्तर वाले रक्षक शामिल हैं ।मैच प्रोग्राम के अनुसार नाइजीरियाई टीम की पहली भिडंत अर्जेंटीना से होगी ।इस मैच में आत्म विश्वास पाना युवा नाइजीरियाई टीम के लिए सब से महत्वपूर्ण है ।
दक्षिण कोरियाई टीम एशिया में सब से शक्तिशाली टीम मानी जाती है ।वर्ष 1986 से अब तक वे लगातार सात बार विश्व कप के फाइनल दौर में प्रवेश करने में सफल रही ।वर्ष 2002 विश्व कप में मेजबानी का लाभ उठाते हुए दक्षिण कोरियाई टीम अंतिम चार में दाखिल हुई ,जो सचमुच एक कीर्तिमान था ।वर्ष 2006 विश्व कप में दक्षिण कोरियाई टीम फ्रांसीसी टीम के साथ
हुए मैच में बराबरी पर रही ।ग्रुप बी की अन्य टीमों की तुलना में दक्षिण कोरियाई टीम की शारीरिक व तकनीकी बढत मौजूद नहीं है ।उस का सब से घातक हथियार खिलाडियों का मजबूत मनोबल है ।आशा है कि दक्षिण कोरियाई टीम एशिया की ओर से विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करेगी ।
विश्व कप के फाइनल दौर में यह यूनानी टीम की दूसरी हिस्सेदारी है ।यूनानी टीम के मुख्य कोच लेहागर हैं ।वर्ष 2004 में उन्होंने यूनानी टीम का नेतृत्व कर यूरोपीय चैंपियनशिप जीती थी ।लेहागर का प्रचुर अनुभव यूनानी टीम की सब से मूल्यवान संपत्ति है ।यूनानी टीम में सुपर स्टार नहीं हैं ।मजबूत प्रतिरक्षा और आपात हमला यूनानी टीम की श्रेष्ठता है ।इस के अलावा अंतिम ग्रुप मैच में यूनानी टीम अर्जेंटीना की टीम से भिडेगी ।इस से शायद उसे कुछ मनोवैज्ञानिक लाभ मिलेगा ।