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श्वेत नागिन की कथा
2010-03-29 09:15:20

पूर्वी चीन के चेच्यांग व च्यांगसू प्रांत के इलाकों में श्वेत नागिन नाम की कथा चीन में बहुत ही लोकप्रिय है, वे चीन की चार लोक कथाओं में से एक पुरानी कथा है। इस कथा में सुन्दरी श्वेत नागिन पाए सू चन यानी पाए न्यांगजे, होनहार बुद्धिजीवी जवान श्वी श्येन तथा श्वेत नागिन की सहेली श्याओ छिन व महा गुरू फाहाए कलाकारों की भूमिका व उनकी दर्शायी गयी खूबसूरत छवि ने चीन के प्राचीन युग में व्यापक जनता की मानव मुक्ति की मंसूबा चाहत को बहुत ही बेहतरीन रूप से प्रदर्शित किया है, वे चीन राष्ट्र की मूल्यवान भावात्मक व सांस्कृतिक विरासत मानी जाती है। कथा में दिखाई गयी अनेक बहुमत परम्परागत जाति शैली व रीति रिवाज ने श्वेत नागिन कथा को चीन की लोक संस्कृति विरासत की संज्ञा दी है और इस कथा के शानदार संवाद व भरपूर जनप्रिय कविताएं व प्रचलित स्थानीय बोलियां आज भी लोगों की जुबान में हैं। 2006 में श्वेत नागिन कथा को चीन की राष्ट्रीय संस्कृति विरासत की पंक्ति में शामिल कर दी गयी है।

श्रोताओ, अभी आप ने श्वेत नागिन कथा से तैयार टीवी पटकथा नयी दुल्हन पाए न्यांग नाम के एक भाग का संवाद व धुन सुना, इस टीवी कथा में होनहार नौजवान श्वी श्येन और नयी दुल्हन पाए न्यांग अपनी सुहाग रात में एक दूसरे से अपनी दिल की बातें कह रहे हैं, श्वी श्येन ने नयी दुल्हन पाए न्यांग के आगे भविष्य में रोगियों को उत्पीड़ित रोगों से जान बचाने के अपने मन्सूबे की चर्चा की।

श्वेत नागिन कथा एक हजार साल पहले पए सुंग राजवंश काल की एक कहानी है। कहानी का मुख्य स्थान चेच्यांग प्रांत की राजधानी हांगचओ व च्यांगसू प्रांत का शहर चनच्यांग है। कहानी इस तरह हैः श्वेत नागिन पाए सू चन ने अपनी हजारों साल की तपस्या से अपने को एक इच्छादारी नागिन बना लिया, हरी नागिन श्याओ छिन उसकी सबसे अच्छी सहेली है। पाए सू चन ने पिछले जन्म में होनहार बुद्धिजीवी श्वी श्येन के अपनी जान बचाने के एहसान को चुकाने के लिए, उससे शादी कर ली। स्वर्ण पर्वत के महागुरू फाहाए ने श्वी श्येन को पाए सू चन का असली नागिन रूप का रहस्य सुनाया, लेकिन श्वी श्येन ने महागुरू फाहाए का यकीन नहीं किया। बाद में जब पाए सू चन का असली नागिन रूप उसके सामने आया तो उसने डर के मारे दम तोड़ दिया। नागिन पाए सू चन सैंकड़ो दूर के थ्येनथिंग पर्वत से जादूभरी छाओलिंगची जड़ी बूटी लायी और इस जड़ी बूटी से श्वी श्येन की जान बचा ली। गुरू फाहाए ने अपनी हार मानने से इन्कार कर दिया और वे होनहार बुद्धिजीवी श्वी श्येन को अपहर्ण कर चिनसान मन्दिर में ले आया और उसे नजरबन्द कर दिया। श्वेत नागिन पाए सू चन और उसकी सहेली ने मिलकर महागुरू फाहाए के साथ लड़ाई लड़ी, चिनसान मन्दिर पानी से डूब गया। पाए सू चन की इस हरकत व कार्यवाही से नागमणि जगत के नियमों का गंभीर उल्लंघन करने के आरोप पर, अपने बेटे को जन्म देते ही महागुरू फाहाए ने उसके बेटे का अपहरण कर लिया और श्वेत नागिन को अपने एक बड़े बर्तन में बन्द कर लएफंग पगोडा के नीचे दबा दिया। सालों के बाद पाए सू चंग का बेटा जवान हो गया और उसने अपने होनहार ज्ञान से शाही नौकरी पा ली, वह अपने मां को दबाए लएफंग पगोडा के पास गया और उसने पगोडे के नीचे से अपनी मां को निकालकर बचा लिया, तब से श्वेत नागिन का पूरा परिवार खुशहाली जीवन व्यतीत करने लगा।

आप ने अभी श्वेत नागिन कथा से तैयार पेइचिंग ओपेरा के एक दृश्य का संवाद व गीत सुना, इस में पाए सू चन अपने मंगेतर श्वी श्येन से अपना असली रूप नागिन का किस्सा सुना रही थी। श्वेत नागिन कथा को फिलहाल बहुत से स्थानीय ओपेरा समेत अनेक सांस्कृतिक कला के रूप में मंच में लाया जा चुका है, इस के अलावा, इस कथा को आधुनिक गीत संगीत नृत्य, कार्टून फ्लेश, बेले व कोमिक आदि विभिन्न कलात्मक तरीकों से लोगों के आगे प्रदर्शित की गयी हैं।

श्वेत नागिन कथा लोक कला से भरपूर है, इस कथा के किसी भी किस्म की संस्कृति प्रस्तुतियों के जरिए दक्षिण चीन के रीति रिवाज व जीवन शैली की जानकारी पाने के लिए वे एक देखी जाने वाली कला प्रस्तुति मानी जाती हैं। पूरी कथा चेच्यांग प्रांत के हांगचओ झील के किनारे के शहर से शुरू होती है, पाए सू चन और श्वी श्येन अपनी पहली मुलाकात में दक्षिण चीन के मनोरम बरसात मौसम में झिलमिल बारीश में कश्ती पर बैठे प्यार की धारा में डूबे थे। श्वेत नागिन कहानी में इस शहर के छोटे शहर की अनेक अदभुत झील ,पुल व पगोडा के दृश्यों को बड़ी खूबसूरती के साथ दर्शाया गया है। दर्शक इन मनोरम दृश्यों के आधार पर तैयार मंत्रमुग्ध धुनों को सुनकर अपने को खो बैठते हैं और कहानी के पूरे संगीत का भरपूर आन्नद उठाते हैं। प्राचीन चीन के हांगचओ शहर की हांगचओ झील आज भी उतनी सुन्दर जितनी वे पहले थी, हांगचओ झील पर उतारी इस कहानी पर नागिन नृत्य व नागिन की बलखाती अदाएं व प्यार भरी मोहब्बत की बोलियां, आज भी सुनकर लोगों को पुरानी कला की अनोखी रहस्मय का भारी आन्नद दिलाती है।

श्वेत नागिन कथा में नागिन पाए सू चन का एक अन्य स्थान चंगच्यांग कस्बा भी इस कहानी की लोकप्रियता से रौशन हो गया है. कथा में प्रदर्शित अनेक रीति रिवाज व परम्परागत त्योहर तथा पाए सू चन की मनपसंद पीली मदिरा भी यहां पर आने वाले लोगों को पिए बिना नहीं छोड़ती है। कहानी में श्वी श्येन ने जब नागिन का असली रूप देखा तो डर के मारे दम तोड़ने के बाद उसे जिन्दा करने के लिए पाए सू चन ने ताओ स्येन छाओ नाम की जड़ी बूटी ढंढकर उसे जीवित किया था, वह जड़ी बूटी भी इस शहर की एक मशहूर औषधि बन गयी है, करोड़ो लोग इस जड़ी बूटी को पाने के लिए दूर दूर से चंगच्यांग कस्बे का दौरा करने आते हैं। आज चंगच्यांग कस्बा एक सुन्दर शहर में बदल गया है, लेकिन पीली मदिरा व प्राण बचाव जड़ी बूटी आदि इस शहर की मुख्य आमदनी का स्रोत बन गया है।

अभी आप ने दक्षिण चीन के आनहुए प्रांत की मशहूर हवांगमए ओपेरा में दिखलायी गयी श्वेत नागिन कथा के एक भाग का संवाद व गीत सुना। श्वेत नागिन की कहानी असल में केवल चीन में लोकप्रिय ही नहीं हैं, बल्कि विदेशों में उसने बहुत नाम कमाया है। कई सौ साल पहले ही श्वेत नागिन कथा जापान में फैलने लगी थी, 1958 में जापान ने इस कथा पर आधारित एक रंगीन कार्टून फिल्म निर्मित की थी। माना जाता है कि चीन के श्वेत नागिन पर आधिरित इस जापानी कार्टून के निर्माता इस फिल्म की सफलता से आगे एक महान कार्टून निर्माता बन गए हैं।

पिछली शताब्दी के 90 वाले दशक से आधुनिक संस्कृति व फैशन तथा मीडिया सुधार की प्रहार शक्ति के बढ़ते फिलहाल मौखिक रूप से श्वेत नागिन की कहानी सुनाने का फैशन कमजोर होता जा रहा है, जनता के बीच पूरी तरह मौखिक रूप से इस कहानी को सुनाने वाले लोगों की गिनती दिनोंदिन कम होती जा रही है और उनकी उम्र भी बड़ी हो गयी हैं। यहां तक कि श्वेत नागिन से संबंधित स्थानीय लोक कथा व रीति रिवाज आजकल के नौजवानों के दिमाग से गुम हो रही है। किस तरह श्वेत नागिन की कहानी को अच्छी तरह सुरक्षित रखकर उसे आगे बढ़ाया जाए, वर्तमान एक फौरी कार्य बन गया है। इस स्थिति में इस सौ सालों पुरानी कहानी को आधुनिक व नवीनतम नजर से दर्शाया जाने की जिम्मेदारी हमारे फिल्म व संस्कृति उद्योग का एक एतिहासिक कार्य बन गया है।

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