दोस्तो दक्षिण अफ्रीका विश्व कप फुटबाल 11 जून से शुरू होगा। पहले दौर में 32 टीमें 8 ग्रुपों में मुकाबला करेंगी। आने वाले समय में हम 8 ग्रुपों की स्थिति का विश्लेषण करेंगे ।
ए ग्रुप में मेजबान दक्षिण अफ्रीकी टीम ,पूर्व विश्व कप चैंपियन फ्रांस,मैक्सिकन टीम और उराग्वे टीम शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय फुटबाल संघ की वेब साइट पर किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक अधिकांश निष्पक्ष फुटबाल प्रेमियों को आशा है कि विश्व कप की यात्रा में दक्षिण अफ्रीकी टीम काफी आगे तक जाएगी। पर ग्रुप से निकलने के लिए दक्षिण अफ्रीकी टीम को कड़े मुकाबलों से गुजरना होगा। योजनानुसार उद्घघाटन मैच मेजबान दक्षिण अफ्रीकी टीम और मध्य व उत्तर अमेरिका की शक्तिशाली टीम मैक्सको के बीच होगा। इसके बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम दो बार की विश्व कप विजेता उरग्वे की टीम से मुकाबला करेगी। अंतिम ग्रुप मैच में वह वर्ष 1998 की विश्व कप चैंपियन फ्रांसीसी टीम से भिडेगी। दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए कोई भी मैच आसान नहीं रहेगा। कुछ मीडिया का कहना है कि मेजबान टीम होने के नाते दक्षिण अफ्रीकी टीम की तकदीर विश्व कप के इतिहास में सबसे खराब है। लेकिन अधिकांश मीडिया का मानना है कि ए ग्रुप की विभिन्न टीमों की शक्ति बराबर है। परिणाम किसी भी तरफ जा सकता है।
इधर के कुछ सालो में फ्रांस की स्थिति अस्थिर रही है। वर्ष 2006 विश्व कप में फ्रांस फाइनल में तो पहुंचा, लेकिन 2010 विश्व कप के क्वालिफाइंग दौर में उसका रास्ता आसान नहीं था। अंतिम समय तक उन्होंने अतिरिक्त मैच में एक फाउल संदिग्ध गोल से दक्षिण अफ्रीका जाने का टिकट पाया। विश्व कप फाइनल दौर के ग्रुप ड्रा समारोह के बाद फ्रांसीसी टीम के मुख्य कोच जोमेनेक के चेहरे पर गंभीरता नजर आयी। उनका मानना है कि ग्रुप से निकलना आसान नहीं होगा। विश्लेषकों के विचार में फ्रांस के पुराने खिलाडियों की आयु अधिक हो गयी है और युवा खिलाडियों का अनुभव कम है। इसलिए अन्य टीमों की तुलना में फ्रांस की बढत स्पष्ट नहीं है ।
वर्ष 2002 विश्व कप के ग्रुप मैच में उरग्वे और फ्रांस की भिडंत हुई थी ।वह मैच 0-0 से समाप्त हुआ ,जिससे दोनों टीमें अगले दौर पहुंचने में असफल रहीं । दिलचस्प बात है कि इस बार ये दोनों टीमें फिर ग्रुप मैच में मुकाबला करेंगी ।विश्व कप क्वालिफाइंग दौर में उरग्वे ने प्रतिरक्षा के आधार पर जवाबी हमले की रणनीति अपनायी। 18 मैचों में उसने कुल 28 गोल किए,,जो ब्राजील और चिली के पीछे रही ।इससे जाहिर है कि मजबूत रक्षा पंक्ति के अलावा उरग्वे के हमले की उल्लेखनीय क्षमता भी है । इसके अलावा उनके खिलाडियों की शैली मजबूत है और उनकी क्रियाएं भी तेज़ हैं। फुटबाल मैदान पर तकनीक व सहयोग से श्रेष्ठ टीमें अकसर ऐसी शारीरिक मजबूती से मशहूर टीमों से हार जाती हैं ।इसी कारण उरग्वे के नंबर एक स्ट्राकर को डियगो फोर्लान पर पूरा यकीन है।उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम कम से कम ग्रुप से निकलेंगे ,क्योंकि हमारे पास न सिर्फ तकनीक है ,बल्कि मजबूत शैली भी है। विभिन्न प्रतिद्वंद्वियों को हम विभिन्न शैलियां दिखाएंगे ।
अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मंच पर मैक्सिकन टीम की शक्ति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उसका किसी भी टीम को हराना कोई हैरान करने वाली बात नहीं होगी। फुटबाल प्रतिभा से उनकी तकनीक असाधारण है। वर्तमान मैक्सिकन टीम मुख्य तौर पर वर्ष 2005 में हुई विश्व युवा चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली युवा टीम से गठित है। उनमें अधिकांश यूरोप के पांच बडे लीगों में फुटबाल खेलते हैं। विश्व कप क्वालिफाइंग दौर से पहले मैक्सिको फुटबाल संघ ने काफी पैसे खर्च कर स्वीडन के मशहूर कोच स्वेन एरिक्सोन को टीम के मुख्य कोच बनाया। पर स्वेन एरिक्सोन के नेतृत्व में मैक्सिकन टीम का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा ।नाजुक समय में मैक्सिकन फुटबाल संघ ने एरिक्सोन को हटाकर पुराने प्रशिक्षक जविर आगुरे को मुख्य कोच के पद पर नियुक्त किया। इसी तरह मैक्सिकन टीम नाक आउट से बाल बाल बच गयी।
दक्षिण अफ्रीका विश्व कप के ग्रुप मैचों की स्थिति की चर्चा करते हुए जविर ने बताया कि इतिहास में मैक्सिकन टीम पांच बार विश्व कप के फाइनल दौर में पहुंची है। पहली चार बार हम अगले दौर में दाखिल हुए। इस बार मैं यह रिकार्ड जारी रखना चाहता हूं ।
मैक्सिकन टीम की तकनीक दक्षिण अमेरिकी टीमों से मिलती जुलती है ।विश्वकप में उनके लिए सबसे बडी बाधा टीम सहयोग का अभाव है । मैक्सिकन टीम के हर खिलाडी की अच्छी तकनीक है ,पर एक टीम के नाते सामूहिक शक्ति दिखाना पुराने कोच जविर के लिए एक चुनौती है ।
अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मंच में दक्षिण अफ्रीकी टीम का निक नाम है, बफाना ,बफाना ,जिसका अर्थ है दक्षिण अफ्रीकी लडका। दक्षिण अफ्रीकी टीम के वर्तमान मुख्य कोच कार्लोस पेरेरा है ।वे सर्वेयाई फुबाल कोच मिलोटिनोविच के इस रिकार्ड की बराबरी पर छू लेंगे यानी विश्व कप के फाइनल दौर में विभिन्न पांच टीमों का नेतृत्व करना। पेरेरा के लिए सबसे बडी समस्या, दक्षिण अफ्रीकी टीम के हमले की कमजोरी है। मेजबान टीम के प्रशंसकों को आशा है कि ब्राजील से आये पेरेरा टीम के हमले में बडा सुधार लाएंगे ।
मेजबान के नाते दक्षिण अफ्रीकी टीम का एक विशिष्ट हथियार है। मैच के दौरान दक्षिण अफ्रीकी फुटबाल प्रेमियों को होर्न बजाना पसंद है। स्थानीय होर्न का नाम वूवूजेला है ,जिसकी आवाज बहुत तेज़ होती है। वूवूजेला की आवाज से प्रतिद्वंदी खिलाडी बहुत परेशान हो जाते हैं।
दक्षिण अफ्रीकी टीम के मिडफील्डर पियनार ने बताया कि हमें ग्रुप से निकलना है। दक्षिण अफ्रीकी जनता को इसका इंतजार है,जब वूवूजेला की आवाज आती है ,तो हमें प्रेरणा मिलती है।