1949 में नए चीन की स्थापना के बाद ग्रामीण व शहरों के बुनियादी इकाईयों में जन समूह द्वारा प्रस्तुत कला प्रदर्शनी व मनोरंजन कार्यक्रम का सबसे बड़े पैमाने वाली गतिविधि हाल ही में पेइचिंग में शुरू हुई। एक सप्ताह की कला प्रदर्शनी व मनोरंजन कार्यक्रमों के पूरे दौर में, विभिन्न जगहों से आए जन समूह द्वारा खुद निर्मित व अभिनय करने वाले कोई 79 स्थानीय ओपेरा, मनोरंजन कार्यक्रमों ने स्टेज में आम जन समूह की सांस्कृतिक सृजनात्मक भावना व उनकी अभिनय माहिरता की कलात्मक क्षमता को निखारा है, पूरे कार्यक्रमों में आम जनता की सादगी, पवित्रता ने पेशावर कलाकारों को बहुत ही प्रभावित किया, वे सोच रहे हैं कि आम जनता को भविष्य में किस तरह अपनी कला माहिरता को प्रदर्शित करने में उचित मदद दे सकें।
अभी आप ने मध्य चीन के हेनान प्रांत के जांच-पड़ताल नाम के स्थानीय ओपेरा का एक संगीत सुना। स्थानीय ओपेरा में बुनियादी इकाईयों के ग्रामीण अधिकारियों, यहां तक कि जिला के अधिकारियों से जुड़ी कहानियां लोगों के मनपसंद कार्यक्रम रहे हैं। जांच पड़ताल नाम के इस स्थानीय ओपेरा में एक सच्ची कहानी को उतारा गया है, एक बार गांव में भंयकर बाढ़ के आने के बाद, जिला अधिकारियों को एक शिकायत पत्र मिला , जिस में ग्रामीण अधिकारियों के खिलाफ यह शिकायत की गयी है कि उन्होने सरकार द्वारा किसानों को प्रदत्त मकान बनाने के अनुदान पूंजी को अपनी जेब में रख लिया है। लेकिन जिला अधिकारियों की जांच पड़ताल के बाद यह तथ्य सामने आया कि गांव के मुख्या ने तो सरकार द्वारा खुद को दिए मकान बनाने की राशियों को चुपचाप किसी को बताए अन्य पीड़ित किसानों को मकान बनाने के लिए निस्वार्थी रूप से भेंट कर दी हैं, यह एक महान व्यक्तित्व है और आसाधारण योगदान है, इस खबर ने बहुत से किसानों का दिल छू लिया।
इस कहानी पर आधारित स्थानीय ओपेरा को चीनी संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रथम श्रेणी का पुरुस्कार प्रदत्त किया गया और दसेक से अधिक जगहों में इस ओपेरा को तीन सौ बार दिखाया गया। इस ओपेरा मंडली के सभी निर्माता, निर्देशक, कलाकार सब के सब हेनान प्रांत के विभिन्न जगहों के आम जन समूह के एक सदस्य ही हैं, वे कोई पेशावर कलाकार नहीं है ।
जांच पड़ताल नाम के इस ओपेरा की मुख्य अभिनेत्री वांग छेन चंग फिलहाल एक आम अभिनेत्री से आज हेनान स्थानीय ओपेरा मंडली की जानी मानी कलाकार बन गयी हैं, उन्होने अपनी याद ताजा करते हुए कहा कि हालांकि उस समय बहुत सी कठिनाईयों को झेलना पड़ा लेकिन ओपेरा के आकर्षण ने उन्हे मुग्ध कर दिया था। उन्होने हमें बताया हेनान प्रांत स्थानीय ओपेरा के हिसाब से चीन में सबसे बड़ा प्रांत हैं, हमारे यहां हेनान ओपेरा के अनेक अभिनय कलाकार हैं, जांच पड़ताल नाम के ओपेरा ने पिछले कई सालों में अपने ओपेरा की कहानी में बराबर नयी चींजे डाली हैं, कहानी के रूप को और अधिक सुसज्जित किया है। सभी कलाकार बहुत ही मेहनती हैं, अनेक कठिनायों में उन्होने अपनी जबान से उफ तक नहीं कहा, तभी तो इस ओपेरा में आम जनता की मन पसंद संगीत व गान हैं जिन्हे लोग सौ बार सुनने पर भी उसे बार बार सुनने के लिए तरसते हैं। इस ओपेरा ने आम जनता पर भारी प्रभाव छोड़ा है, क्योंकि ओपारा की बोली सरल है और जनता की जुबानी है, जो लोगों के बीच की दूरी को नजदीक लाती है।
ओपेरा की कहानी सादी व सरल तथा उसके संगीत व कलाकार आम जनता के जीवन से घनिष्ठता से जुड़ी हुई हैं, यही कारण है कि स्थानीय ओपेरा जनता के अपने जीवन से संबंधित एक लोकप्रिय मनोरंजन कार्यक्रम बन गया है और लोगों के मन में गहराई से जा बसा है। यह ही नहीं स्थानीय ओपेरा सबसे बुनियादी इकाईयों के लोगों जैसे कि दूरवर्ती क्षेत्रों में निर्वासित किसान व चरवाहों के भी नजदीक रहती है।अभी आप ने महकते गीत व संगीत से रची जो धुन सुनी है , वे सिनच्यांग बेवुर स्वायत्त प्रदेश के पा इन कोले मंगोलिया प्रिफेक्चर के जन समूह कलाकारों द्वारा प्रदर्शित तासी गांव के अच्छा जीवन नाम का एक गीत-संगीत से भरपूर कार्यक्रम है। तासी गांव इस क्षेत्र का जाना माना धनी गांव है, इस गांव में बेवुर जाति व हान जाति के लोग बसे हुए हैं, इस कहानी में बेवुर जाति की एक मां हान जाति की अपनी असगी बेटी के घर आने की आंस लगाए बैठने से दर्शायी गयी बेहद भावनात्मक व मर्मस्पर्शी कहानी है। पटकथा को लिखने वाले व्यक्ति खुद ही संस्कृति विभाग के अध्यक्ष पो चंग थांग हैं, उन्हे पेन्टिंग, कविता लिखने व पटकथा लिखने में भारी रूचि है, हर साल वे करीब चार या पांच पटकथा कहानी लिखते हैं, जो स्थानीय बुनियादी इकाईयों के लोगों को अपने संस्कृति कार्यक्रम तैयार करने में मदद देती है। उन्होने कहा एक हान जाति की लड़की ने बेवुर जाति की मां की जान बचायी थी, बेवुर मां एक बार पेड़ से नीचे जा गिरी, इस लड़की ने अपना खून देकर उनकी जान बचायी. तब से बेवुर मां ने अपने दिल में हान जाति की इस लड़की को अपनी बेटी मान लिया। यह एक सच्ची कहानी पर आधिरत है, मैंने सोचा इस कहानी में हान जाति की इस लड़की को बेवुर जाति की मां की बेटी का रूप दिया जाए, और इस कहानी में इस लड़की की शादी की बेला में बेवुर जाति की मां ने उसे दहेज दान करने की बात को ओपेरा में भी शामिल किया जाए। सिनच्यांग की परम्परा को इस कहानी में सच्चाई से निखारे जाने से उसने बहुत से लोगों को प्रभावित किया, जो आम जीवन से जुड़ी एक सच्ची कथा है।
2008 में पो चन थांग की संपादित व लिखी यादभरी दास्तान नाम के ओपेरा को प्रथम श्रेणी का पुरुस्कार हासिल हुआ। इस कहानी में स्थानीय मंगोलियाई जाति के चरवाह घास मैदान को ह्रास से बचाने के लिए, स्वेच्छापूर्ण घास मैदान छोड़कर दूसरी जगह पनाह लेने पर राजी हो जाने और अपने प्यारे गृहस्थान से विदाई लेने की मर्मस्पर्श दास्तान को बड़ी बेहतरीन रूप से दर्शाया गया है। इस कहानी में जीती जागती जिन्दगी व चरवाह के जीवन से जुड़े घास मैदान व पशु पालन को इतनी शानदार से निखारा गया है कि इस कहानी से तैयार ओपेरा को देखने वाले कोई भी लोग आंसू बहाए नहीं रह सकते हैं, इस कहानी पर आधारित ओपेरा जब भी प्रदर्शित की जाती है वे हर समय मंगोलियाई जाति समेत अन्य जाति के लोंगो के मन को छू लेती है। पा इन कोले मंगोलिया प्रिफेक्चर जन समूह संस्कृति मंडली के अभिनेता वी चिन ने हमें बताया हम हर साल गांव में जाते हैं, अल्प संख्यक जातियों के त्योहार बहुत ही प्रचुर हैं, हम मंगोलिया स्वायत्त प्रिफेक्चर के लोग हैं, पर बेवुर व हान जाति के लोंगो के त्योहार को भी हम हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इन में रमजान, वसंत त्योहार आदि त्योहार मुख्य हैं, इन त्योहारों के समय हमारी संस्कृति मंडली उनके गांवो में जाती हैं और उनको हम अपने गीत संगीत व ओपेरा आदि कार्यक्रम प्रस्तुत कर उनका मन मुग्ध कर देते हैं।
चीन सरकार की योजनानुसार, इस साल के अन्त तक गांव व जिला स्तरीय स्थानों में जन सांस्कृतिक मंडलियों की संख्या के 20 हजार तक पहुंचने की गुंजाईश है, इस तरह पूरे गांव व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में एक से दो संस्कृति मंडली होगी, जो कभी भी उनके त्योहारों व अन्य खुशी के मौके पर किस्म किस्म के सांस्कृतिक व मनोंरजन कार्यक्रमों से अपने गांवो के लोगों के मन को लुभा सकती हैं और उन्हे जीवन की खुशियां ला सकती हैं।