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चीन के आक्षरिक इतिहास को सुरक्षित रखेगा चीनी अक्षर संग्राहलय
2010-03-15 10:59:53

2009 में अक्षर नाम से संबोधित चीनी अक्षर संग्राहलय , चीन के हेनान प्रांत के आनयांग शहर में स्थापित हुआ।

आनयांग शहर के एक अस्पताल की कार्यकर्ता चांग छिंग ने हाल ही में इस संग्राहलय का दौरा किया, उसने भाव विभोर होकर कहा कि हालांकि एक चीनी नागरिक होने के नाते मैं रोज चीनी अक्षर व भाषा का प्रयोग तो करती हूं, लेकिन हान भाषा के परिवर्तन के इतिहास के बारे में मैं बहुत ही कम जानती हूं, चीनी अक्षर संग्राहलय ने उन्हे मातृभूमि की भाषा व अक्षरों की जानकारी पाने का एक बहुत ही अच्छा मौका दिया है। उन्होने हमें बताया बहुत पहले से ही मैं अधिकतर समय में चीनी अक्षर यानी हान भाषा का प्रयोग ही करती आयी हूं, हान भाषा के अक्षरों को लिखने के समय ही मैं इन अक्षरों के बीच के फर्कों को महसूस कर सकती हूं, लेकिन ये अक्षर कैसे बने हैं , वे कैसे उत्पन्न हुए हैं, संग्राहलय का दौरा करने के बाद , गाइड द्वारा दी गयी जानकारी व संग्राहलय में प्रदर्शित चीनी लिपि शास्त्रियों के ग्रंथों व अवशेषों ने मुझे चीनी भाषा के बनने व परिवर्तन का सच्चा ज्ञान मिला, मुझे अक्षर संग्राहलय एक बहुत ही अनोखी जगह लगी है ।

सुना है कि पांच हजार साल पहले , सम्राट सीकुंगछांगचे ने हान अक्षरों का अविष्कार किया था, तब से प्राचीन काल से इस्तेमाल होती आयी रस्सी की गांठ से वस्तुओं को याद करने के तरीकों का जमाना खतम हो गया। एक सादी व सरल हान भाषा, हजारों वर्षों के परिवर्तन व विकास की बदौलत , आज वे दुनिया में सबसे व्यापक तौर से प्रयोग की जाने वाली एक भाषा बन चुकी हैं, इस ने न केवल चीन के प्राचीन इतिहास व शानदार संस्कृति को बरकरार रखा है, और तो और भाषा का एक साधन होने पर चीनी भाषा ने अधिकाधिक लोगों को अपनी ओर खींचा हैं। चीन का पहला अक्षर नाम से निर्मित अक्षर संग्राहलय इसी पृष्ठभूमि व माहौल में उत्पन्न हुआ है।

अक्षर संग्राहलय के सार्वजनिक प्रचार व शिक्षा विभाग की निदेशक हू येन येन ने जानकारी देते हुए कहा कि चीनी अक्षर संग्राहलय की इमारत के डिजाइन की भावना चीन के सबसे प्राचीन अक्षर च्याकूवन व चिनवन से मिली थी,जो इस संग्राहलय में चीनी संस्कृति की मूल जड़ को ढूंढने की एक सबसे कीमती जगह मानी जाती है। सुश्री हू येन येन ने कहा संग्राहलय की इमारत की ऊंचाई 32 मीटर है, जो एक बेसमेन्ट व चार मंजिलो से संगठित एक भव्य इमारत है। उसकी डिजाइन व उसकी बाहरी रूप शैली को पांच हजार साल पहले के राजवंश के महल के रूप में दर्शाया गया है, जिसकी छत सोने की पटटियों से सुसज्जित है, दीवारों पर अनेक सर्वत्र अदभुत कला , लोगों को मानों पांच हजार साल पुराने शाही महल में प्रवेश करने का अहसास होता है। पूरी इमारत के बाहरी रूप को देखते ही आप को लगेगा कि आप जरूर किसी एक बहुत ही शानदार व अनोखी जगह में जा रहे हों, इस इमारत की भव्यता व सौन्दर्यता पर नजर डालते ही आप आश्चर्य चकित होकर दांत तले उंगली दबा देगें।

चीनी अक्षर संग्राहलय में कुल पाच प्रदर्शनी हाल हैं जिन्हे 15 भागों में बांटा गया है, संग्राहलय में सुरक्षित अवशेषों में विश्व के अक्षर, चीन की सबसे प्राचीनतम अक्षर च्याकूवन, चिनवन व हान भाषा के विकास के इतिहास को विस्तृत रूप से दर्शाया गया है, इस के अलावा हान भाषा की ब्रश लिपि कला इतिहास, अल्प संख्यक जातियों की भाषाओं के अक्षरों का इतिहास आदि अनेक पहलुओं को बड़ी बेहतरीन रूप से सुसज्जित किया गया है। दर्शक इस संग्राहलय में सर्वोतोमुखी तौर से चीनी भाषा के अक्षरों व उसके अविष्कार व परिवर्तन इतिहास तथा हमारे देश के अनेक जातियों के अक्षरों के परिवर्तन से चीनी राष्ट्र परिवार की एकता को सीधे महसूस कर सकते हैं। अक्षर संग्राहलय में ध्वनि, रोशनी व बिजली आदि आधुनिक माध्यमों से चीनी भाषा व उसके अक्षरों के इतिहास को बहुत ही प्रफुल्लित तरीके से लोगों के आगे हजारों साल पुराने अक्षरों को आज आधुनिक रूप में बदलने की लम्बी प्रक्रिया को बड़ी शानदार से निखारा है। विशेषकर दर्शक डिजीटल व चार डी सिनेमा जैसे आधुनिक माध्यमों से चीनी अक्षरों के परिवर्तन व विस्तार के इतिहास को सरलता से जान सकते हैं और सीधे उसे महसूस कर सकते हैं। इस पर सुश्री हू येन येन ने कहा कि अक्षर संग्राहलय एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक केन्द्र बन गया है, जो अधिकाधिक युवाओं व किशोर किशोरी छात्रों को मातृभूमि की भाषा व उसके अक्षरों की प्राण शक्ति व प्रभावशाली को बड़ी सरलता से महसूस कर सकते हैं। सुश्री हू येन येन ने अधिक जानकारी देते हुए हमें बताया अक्षर संग्राहलय का एक सबसे बड़ा योगदान यह है कि वे शिक्षा व सामाजिक संस्कृति प्रचार के पुल की भूमिका अदा कर सकता है। वास्तव में दूसरी मंजिल में स्थित चार डी सिनेमाघर छात्रों को खास तौर से पसंद है, वे वहां सीधे अपने हाथों से लिख सकते हैं, और अपनी भाषा की जादूभरी प्राचीनतम इतिहास कला को क्लास से कहीं अधिक आसानी से समझ सकते हैं, जो उन्हें पाठ व ज्ञान दोनों को बड़ी अच्छी तरह बांध कर अपने दिमाग में चीनी अक्षरों की सुन्दरता व अदभुत्ता के ज्ञान को आगे बढ़ाने में मदद देती हैं।

अक्षर संग्राहलय के खुलने का ज्यादा समय नहीं हुआ है, लेकिन चीनी अक्षर संग्राहलय आज आनयांग शहर का एक नया पर्यटन स्थल बन गया है, रोजाना करीब चार हजार पर्यटक इस संग्राहलय का दौरा करते हैं। अपने देश की भाषा व उसके अक्षरों के प्रति प्रेम व प्रतिष्ठा लिए इस संग्राहलय को देखने आयी चांग छिंग ने इस दौरे को एक विशेष अनुभव बताया , उन्होने हमारे संवाददाता को अपना अनुभव बताते हुए कहा संग्राहलय की डिजाइन व उसका बाहरी रूप वाकई दिल को हिला देती है, आखिरकार वे हमारे देश के हजारों साल पुराने शहर में निर्मित हजारों साल पुराने अक्षर का एक जन्म स्थान ही हैं न, इमारत की डिजाइन योजना से लेकर अन्दर के सुरक्षा कार्य को बड़ी विस्तृत रूप से निर्मित किया गया है, इस पर हमे बहुत खुशी व बड़ी शान्ति मिलती है। दूसरा, इस संग्राहलय में प्रदर्शित अवशेषों की संख्या भरमार हैं, हम बड़ी आसानी से मातृभूमि के अक्षरों के अविष्कार से लेकर उसके विकास को गाइड द्वारा दी गयी जानकारी से बड़ी सरलता से समझ सकते हैं। यहां का दौरा करना एक सौभाग्य ही नहीं , इस तरह का मौका मिलना भी इतना आसान नहीं हैं, राष्ट्रीय स्तरीय ये संग्राहलय पूरी तरह लोगों के लिए मुफ्त में खोला गया है, इस संग्राहलय का दौरा करने से पहले टिकट बुकिंग करना बहुत ही अवश्यक है, सचमुच लोगों को अपने देश की भाषा व उसके अक्षरों की जानकारी पाने के लिए यह संग्राहलय सबसे बेहतरीन जगह है।

फिलहाल 104 वर्षीय भाषा विशेषज्ञ चओ यो क्वांग इस अक्षर संग्राहलय विशेषज्ञ कमेटी के सदस्य हैं, उन्हे इस संग्राहलय के खुलने पर बेहद खुशी हुई है। उनका मानना है कि चीन में विश्व का एक मात्र अक्षर से संबंधित संग्राहलय के खुलने से साबित होता है कि चीन की सभ्यता का पुनरूत्थान व आधुनिक संस्कृति के विकास में संग्राहलय की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। उन्होने हमें बताया आनयांग शहर में चीनी अक्षर संग्राहलय की स्थापना एक बहुत ही अच्छी घटना है, जनता से लेकर विज्ञान जगत यहां तक कि सरकार ने इस संग्राहलय की स्थापना के लिए भारी योगदान व सहयोग दिया है। इस से हम अपनी पुरानी सभ्यता व संस्कृति को आगे बढ़ा सकते हैं, दूसरी तरफ हम दुनिया की समुन्नत संस्कृति से भी सीख सकते हैं। चीनी राष्ट्रीय भाषा की बहाली ,प्राचीन समाज से आधुनिक समाज में प्रवर्तित होने में मदद देने का एक बेहतरीन साधन होगा, परम्परागत संस्कृति को आज की आधुनिक संस्कृति को मदद देना अत्यन्त जरूरी है, लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि आधुनिक समाज को प्राचीन संस्कृति व परम्परा में बदलना है, इस पर हमें हमेशा कायम रहना चाहिए।

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