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प्राचीन चीन के सम्राट छाओ छाओ समाधि का रहस्य
2010-03-08 09:32:16

हाल ही में चीनी पुरातत्वविदों ने पुष्टि की हैं कि उन्होने चीन के हेनान प्रांत में तीसरी शताब्दी काल की एक कब्र का पता लगाया है, जो बरसों से ढूंढी जा रही हजारों साल पहले के सम्राट छाओ छाओ की कब्र है, इस कब्र का पता लगाने के बाद, चीनी सामाजिक विज्ञान के पुरातत्व अनुसंधान विभाग ने इस कब्र की खुदाई की सफलता को 2009 में खोदे सबसे महत्वपूर्ण नए छह प्राचीन अवशेषों की पंक्ति में रखा है। इस कब्र को ढूंढ निकालने की खबर ने लोगों का भारी ध्यान आकर्षित किया है, कुछ लोगों ने तो इस खबर पर आशंका जतायी है। पुरात्तवविदों का मानना है कि इस कब्र की अधिक खुदाई से मिली सामग्रियों के विशलेषण से ही इस खबर की पुष्टि की सच्चाई को पक्का किया जाएगा।

छाओ छाओ चीन के प्राचीन मशहूर राजनीतिज्ञ, सैन्य विशेषज्ञ व साहित्यकार रहे हैं। छाओ छाओ की कब्र हेनान प्रांत के आनयांग काउंटी के फंगश्यांग काओश्वे गांव के दक्षिण भाग में पायी गयी थी, जो इस गांव से तकरीबन 50 मीटर दूर है। हेनान प्रांत के आनयांग रेडियो के संवाददाता ने हाल ही में छाओ छाओ की कब्र के खोदे जाने वाले स्थल का दौरा किया, उन्होने जानकारी देते हुए हमें बताया छाओ छाओ की कब्र ईंट बनाने की एक भटटी के खडडे की खुदाई से पायी गयी थीं। इस कब्र के पश्चिम की ओर साफ साफ तौर से थाएहांग पर्वतमाला दिखाई देती हैं। छाओ छाओ की कब्र को दो हिस्सों में खोदा गया है, जो एक दूसरे से केवल 20 मीटर ही दूर हैं, कब्र को पश्चिम-पूर्व की दिशा में रखा गया है और दोनों कब्रों की दिशा बिल्कुल समान है। इन दो कब्रों को कई बार चुराया जा चुका है, कब्र की खुदाई के स्थल में एक मीटर गहरा गडडा दिखाई देता है।

सम्राट छाओ छाओ की कब्र का पता लगाने की इस खबर ने काओश्वे गांव में हलचल मचा दी। इस गांव को पहले किसी ने भी ध्यान नहीं दिया, एक तो वह एक छोटा सा मामूली गांव है, दूसरा वहां के किसान बरसों से खेतीबाड़ी से पेट पालते आए हैं, या तो फिर बाहर जाकर नौकरी से कुछ कमाकर जीवन बिताते आए हैं। किसानों ने कई बार खेती या मकान बनाने के समय जमीन से कुछ प्राचीन अवशेष का पता लगाया था। कुछ किसानों ने शौक के लिए से इन टूटे फूटे बर्तन आदि अवशेषों को घर में रखा है, कुछ किसानों ने गैर कानूनी तरीकों से इन अवशेषों को चुराना शुरू कर पैसा कमाना भी शुरू कर दिया है। इस कब्र का पता तब मिला जब लोगों के बीच चुराने की हरकत हद से बाहर जा बैठी और कब्र को चुराने वाले चोरों को पकड़े जाने का मामला सामने आया।

हेनान प्रांत के सांस्कृतिक अवशेष अनुसंधान विभाग के अनुसंधानकर्ता फान वए पिंग इस कब्र का पता लगाने में पिछले कई सालों से जुटे हुए हैं। जब उन्हें मालूम हुआ कि गांव के किसान पैसों के लिए इस कब्र को बर्बाद कर रहे हैं, तो राष्ट्रीय अवशेष ब्यूरो की अनुमति के बाद उन्होने इस कब्र का निरीक्षण शुरू किया और इस कब्र को बचाने की योजना रिपोर्ट पेश की, तब से उन्होने एक दल का गठन कर इस कब्र की सच्चाई का पता लगाने का काम शुरू कर दिया । उन्होने कहा 2006 से 2008 के दौर में इन दो कब्रों को बुरी तरह खोदकर वहां के बहुत से मूल्यवान अवशेषों को चुरा लिया गया , इन प्राचीन अवशेषों को बचाने के लिए मैने राष्ट्रीय अवशेष ब्यूरो की अनुमति पर हेनान सांस्कृतिक अवशेष अनुसंधान दल के साथ दिसम्बर 2008 में इस कब्र की खुदाई का काम शुरू किया। दिसम्बर 2009 में इस कब्र की खुदाई के काम का पहला चरण समाप्त हुआ। एक साल की खुदाई में हमें पहले चरण की सफलता मिली।

श्री फान वए पिंग के पहले चरण की सफलता का मतलब यह है कि उन्होने प्रारम्भिक तौर से इस बात की पुष्टि कर ली है कि यह कब्र सचमुच चीन के मशहूर सम्राट छाओ छाओ की ही है। छाओ छाओ चीन के इतिहास में युद्घ भरे जमानों के एक वीर सम्राट थे, बाद में बहुत से सहित्यकारों ने उनके बारे में किताबें व कविताएं लिखीं और उन्हे ओपेरा व फिल्मों में भी उतारा गया। कुछ ग्रंथो में छाओ छाओ को वीर की जगह एक विश्वघाती व देश विद्रोही की संज्ञा तक दे डाली। क्योंकि लोगों का कहना है कि उसने मरने से पहले अपनी कब्र पर 72 रहस्य डाले, ताकि आने वाली कोई भी पीढ़ी के लोग हर हालत में उसकी कब्र का पता नहीं लगा सकें।

यही कारण है कि फान वए पिंग ने दिसम्बर 2009 में जब छाओ छाओ कब्र का पता लगाने की खबर को सार्वजनिक किया तो बहुत से लोगों ने इस पर भारी शंका व्यक्त की, चीन में इस रहस्य के खुलने की खबर ने भारी हलचल मचा दी। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के पुरातत्व अनुसंधान के निदेशक पुरातत्व के जाने माने विशेषज्ञ वांग वए ने कहा कि लोगों में इस तरह की हलचल वाकई उनके विचार से बाहर रही । उन्होने हमें बताया इस बार के पुरातत्व खुदाई की खबर इस लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है कि क्योंकि इस कब्र का मालिक तीसरी शताब्दी का एक मशहूर वीर सम्राट छाओ छाओ है, जिस का चीन के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। इस खबर को लेकर केवल विज्ञान जगत ने ही नहीं, समाज के अनेक जगतों के लोगों यहां तक कि नेटीजनों ने भी बढ़चढ़कर इस खबर पर अपनी रायें पेश की हैं। यह सचमुच एक बहुत ही अच्छी बात है, हमारी जनता अपने देश के अवशेषों पर इतना ख्याल रखती है, हम एक पुरातत्वविद व पुरातत्व कार्यकर्ता होने के नाते , हमें सचमुच बेहद खुशी होती है।

पुरातत्वविदों ने कब्र के मालिक को इस लिए छाओ छाओ की कब्र बताया है कि कब्र का बाहरी रूप, उसका पैमाना यानी कब्र की लम्बाई चौढ़ाई, कब्र को दफनाने की गहराई व खुदाई से निकले अनेक अवशेष , इतिहास ग्रंथो में इस समाधि की चर्चा के सबूत व उस में पाए गए इस सम्राट के पहने वस्त्र व इस्तेमाल की गयी सामग्री , सभी इन सबूतों से जाहिर होता है कि कब्र का मालिक छाओ छाओ ही है। इस पर चर्चा करते हुए फान वए पिंग ने कहा हालांकि यह एक बहुत ही बड़ी पैमाने वाली कब्र है, लेकिन खुदाई से निकले बर्तन के आकार छोटे है, उसका रूप सादा व निर्मित तकनीक इतनी बारीक भी नहीं हैं। और तो और पार्थिव शरीर पर पहने सोने व चांदी के जेवहरात व छोटे व चमकीली आभूषण सभी छाओ छाओ के सबसे पसंद आभूषण ही हैं, इस के सिवाए कोई भी विशेष व मूल्यवान सोने चांदी की वस्तुए उनके साथ दफनायी नहीं गयी थीं, खोदी गयी अवशेषों से पता चलता है कि सभी उपहार सामग्रियां पत्थर से बनी वस्तुएं ही थीं।

एक अन्य कब्र की खुदाई से निकले भारी अवशेषों में कुछ माथे की हडडियां व शारीरिक घुटनों की हडडियां आदि भी निकली हैं। लेकिन इन हडडियों के डी एन ए तकनीक से असली मालिक का पता लगाना असंभव है। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के पुरातत्व अनुसंधान विभाग के निदेशक वांग वए ने हमें बताया(आवाज7) भावी में हम पहले एक नम्बर की कब्र को पूरी तरह खोदेंगे, पहले व दूसरे नम्बर के कब्रों से निकले अवशेषों में शामिल हडडियों व दफनाए गयी सामग्रियों का पूरी तरह प्राकृतिक विज्ञान तकनीक के माध्यम से जांच व विशेलषण किया जाएगा। इस के साथ हम अनेक ग्रंथों में लिखे उस समय के पुरातत्वविदों व इतिहास ग्रंथों व साहित्य आलेखों के जरिए इन सामग्रियों का समग्र अनुसंधान भी करेंगे, तब जाकर विशेषज्ञों की समान पुष्टि से निकले निष्कर्ष को सार्वजनिक किया जाएगा, इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए हमें एक बहुत ही लम्बे रास्ते को तय करना होगा और एक कठिन व कठोर समय से गुजरना होगा।

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