इस तथ्य की पुष्टि इस बात से की जा सकती है की पूरे चीन में करोड़ों लोग, वो चाहे सफेद पोषक वाले कर्मचारी हो या ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में आए प्रवासी मजदूर, किसी न किसी तरीके से, अनेकों मुसीबतों के बावजूद, हजारों कि.मी की सफर तय कर अपने परिवारजनों के साथ त्यौहार मनाने अपने गावों और शहरों की ओर लौटते हैं। इन सभी लोगों का एकमात्र उद्येशय यह रहता है की नव वर्ष के उपलक्ष्य पर परम्परागत भोज वो अपने परिवारजनों के साथ करें। इसके अलावा और एक बात उल्लेखनीय है की पिछले साल के मुकाबले इस साल पटाखों की बिक्रि भी दुगुना हो गयी है और पूरे चीन में परम्परागत मंदिर मेलाओं में काफी भीड़-भाड़ थी और छुट्टी मनाने वालों में सभी आयु के लोग, वो चाहे बच्चे हो या बूढ़े, शामिल थे।
वसंत त्यौहार के पूर्वसंध्या पर आकाश में रंगबिरंगी पटाखों और फूलझड़ियों को देख, टेलीविजन पर रंगारंग कार्यक्रम देख किसी के मन में कुछ सवाल उठना काफी स्वाभाविक हैं। उदाहरण के तौर पर इस त्यौहार से जुड़े कुछ चीज, जैसे, नये कपड़े, टी वी में मनोरंजन के कार्यक्रम देखना अब चीन में एक वार्षिक घटना नहीं रह गयी है। लेकिन फीर भी आखिरकार क्यों वसंत त्यौहार इतने हर्षोल्लास के साथ क्यों मनाते हैं? इस उत्तर का जवाब यह है की लोगों को खुशी और मानसिक त्रृप्ति केवल भौतिक सुविधाओं से नहीं बल्कि आध्यातिमिक शक्ति से प्राप्त होती हैं।
वसंत त्यौहार लोगों को एक खास किस्म की आध्यातिमिक शक्ति प्रदान करता है जो साल के दूसरे अवसरों पर प्राप्त नहीं होता।
इस अवसर पर बच्चों को अपने माता-पिता का स्नेह और प्यार, भाई बहनों को अपने आप में प्यार भरे पल गुजारने को मिलते हैं। लोग अपने रिशतेदारों से मिलते हैं और इनमें से कई ऐसे होते हैं जिनके साथ सिर्फ वसंत त्यौहार में ही मुलाकात होता हैं। इस अवसर पर लोग अपने रिशतेदारों के बच्चों को उपहार के रुप में लाल कवर पर पैसे देते है जो चीनी परम्परा की एक अभिन्न अंग है।इनके इलावा इस अवसर पर लोग अपने बचरन के साथियों के साथ मिलते हैं और उनके साथ मौज-मस्ती करते हैं।
इस अवसर पर लोग अपने पड़ोसियों को नव वर्ष की शुभकामनाएँ देते हैं और इस शुभावसर पर पिछले एक साल के गिलेशिखवे को भूला डालते हैं।
पुराने जमाने में वसंत त्यौहार की भौतिक संतुष्टि लोगों के लिए एक भारी आकर्षण का श्रोत हुआ करती थी क्यों की लोगों का जीवन स्थर उतनी ऊची न थी। लेकिन उस जमाने में लोगों के पास आध्यातमिक शक्ति की कमी न थी और पूरे वर्ष लोग आपस में प्यार से रहते थे।
आज लोगों के पास भौतिक सुविधाओं की कमी नहीं है लेकिन भैतिक संतुष्टि के पीछे भागने के कारण हम अपना आध्यात्मिक शक्तियों को खो बैठे हैं। वसंत त्यौहार में सभी को आध्यात्मिक संतुष्टि को पूर्ण करने का मौका देती है। और इस त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मनाने का सबसे बड़ा कारण है हमारी आध्यात्मिक जरुरतें।