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मो चियांग के कर्क रेखा स्थित प्रांगण का दौरा
2010-03-02 16:14:20

हानी जाती चीन के युन नान प्रांत में निवास करने वाली एक अल्पसंख्यक जाति है। युन नान प्रांत के दक्षिणी भाग में स्थित मो चियांग काउंटी चीन की एक मात्र हानी जाति वाली स्वायत्त काउंटी है। यहां न केवल हानी जाति की विशेष शैली पायी जाती है बल्कि इस काउंटी से कर्क रेखा भी गुजरती है, जो इस छोटे से शहर के लिए बहुत सारी लैंडस्कैप और इससे जुङी पौराणिक कथाएँ भी प्रचलित है। आज हम मो चियांग के कर्क रेखा स्थित प्रांगण में जायेगें और वहाँ के भौगोलिक और खगोल के साथ-साथ हानी जाती के विशिष्ट संस्कृति के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।

प्रत्येक वर्ष कर्क संक्रांति के त्यौहार के पर, हानी जाति की मो चियांग स्वायत्त काउंटी बहुत सारे खगोल प्रेमी का स्वागत करते हैं, जो बिना छाया वाली डंडे जैसी अद्वीतिय चीज को देखने आते हैं। कर्क संक्रांति के दिन सूर्य ठीक कर्क रेखा के उपर होती है, इसलिए कर्क रेखा पर स्थित वस्तुओं का प्रतिबिंब नहीं बन पाता है। कर्क रेखा भूगोलविद और खगोलविद के द्वारा पृथ्वी पर रेखांकित की गई एक विशेष रेखा है, जो कि मध्य युग में खगोलविद और भूगोलविद के द्वारा उष्णकटिबंधिय, समशितोष्ण और शितोष्ण कटिबंधिय के भौगोलिक स्थिति के अनुसार रेखांकित की गई थी। मो चियांग में स्थित कर्क रेखा प्रांगण भौगोलिक दृष्टिकोण से बहुत ही उत्तम जगह है। चीनी विज्ञान अकादमी के युन नान वेधशाला के अनुसंधानकर्त्ता पाव मंग शिएन जी ने इसका परिचय देते हुए कहा, कुछ प्राकृतिक कारणों से कर्क रेखा और मकर रेखा के अंतर्गत आने वाली क्षेत्र बंजर और मरूस्थल होता है जैसे सहारा मरूस्थल आदी। लेकिन कर्क रेखा के पूर्वी भाग में कुछ लखलिस्तान क्षेत्र भी हैं। सौभाग्य से कर्क रेखा के नखलिस्तान का कुछ क्षेत्र हमारे चीन के युन नान, क्वांग शी, क्वांग तुंग और तायवान चार प्रांतों में आ गये। हमारे युन नान प्रांत के मो चियांग काउंटी भी कर्क रेखा के इसी क्षेत्र में आता है। इस तरह की स्थिति विश्व में कम देखने को मिलती है। कर्क रेखा प्रतिकात्मक चिह्न पार्क का निर्माण यहाँ के स्थानीय लोगों के लिए फायदेमंद भी है। इस स्थिति में, उन्होनें बङी जोश के साथ हमारी मदद की। वैज्ञानिक होने के नाते हमलोगों ने इस पार्क के निर्माण में अलग से मदद दिया। यह पार्क न केवल एक प्रतिकात्मक पार्क है, बल्कि एक लोकप्रिय विज्ञान स्थल भी है।

मो चीयांग के काउंटी के पश्चिम में एक किलोमीटर के पहाङी ढलान पर, कर्क रेखा के 500मीटर के मध्य में, कर्क रेखा द्वार, सूर्य का रास्ता, प्राचिन समय घङी, मुख्य थीम प्रांगण, खगोल वेधशाला, मिथुन राशि प्रांगण, हानी जाति अग्नी मंच आदी दस मूर्ति और प्रदर्शनी मंडप का निर्माण किया गया है। जो कि न केवल भौगोलिक और खगोलिय जानकारी देते हैं बल्कि हानी जाति और हान जाति के लोगों द्वारा सूर्य की पूजा करने की कहानी और विभिन्न जातियों के प्राचीन खगोल विद्या के इतिहास के बारे में भी जानकारी देती है।

"सूर्य का रास्ता"यह दर्शनीय स्थल न केवल चीन के प्राचीन यिन-यांग और पाँच तत्व आदी के दर्शन और सांसकृतिक तत्व को दर्शाती है, बल्कि हानी जाति के पूर्वजों का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक तत्व दस महिने वाला सौर-कैलेंडर के बारे में भी बताती है। इस कैलेंडर के समयचक्र और मौसम का हानी जाति के कृषि उत्पादन से गहरा संबंध है। हानी जाति चीन में सबसे पहले फसल उगाने वाली जातियों में से एक है। हानी जाति के पूर्वजों ने आकाश का अवलोकन कर साल, महिना और दिन निर्धारित कर एक अद्वितिय जीवन विशेष का कैलेंडर का निर्माण किया। वहाँ के स्थानीय गाइड मा मीन ने परिचय देते हुए कहा, हानी जाती के द्वारा प्राचीन काल में एक कैलेंडर का प्रयोग किया जाता था जिसका नाम है दस महिने वाल कैलेंडर। उन्होनें एक साल को पाँच मौसम में बाँटा था। एक मौसम में दो महिने होते थे, प्रत्येक महिने में छत्तीस दिन होता था। इस तरह से एक साल में सिर्फ तीन सौ साठ दिन ही होता था, शेष पाँच दिन वे लोग नया साल त्यौहार मनाते थे। गर्मी के मौसम में मनाया जाने वाला त्यौहार छठा महिना नया साल कहा जाता था और सर्दी में मनाया जाने वाला त्यौहार दसवां महिना त्यौहार कहलाता था। दस महिने वाला कैलेडर हानी जाति के लोगों द्वारा सूर्य की गति-नियम का अवलोकन कर, सप्तऋषि के अवलोकन से साल, महिना, दिन, मौसम को निर्धारित किया। चीनी लोक कथाओं के शोधकर्त्ता कहते हैं कि इस तरह की व्यवस्थित, सटिक और सरल कैलेंडर का मुख्य विशेषता उसकी वैज्ञानिक ढाँचा, संक्षिप्त वर्णन, सरल उपयोग है।

मो चियांग कर्क रेखा पार्क में एक और बहुत ही रहस्यमयी संरचना है, जिससे मिथुन राशि प्रांगण कहा जाता है, जो कि जुङवाँ बच्चो से जुङी रस्म-रिवाज को मनाने के लिए उपयोग किया जाता है। हमारे गाईड मा मीन ने परिचय देते हुए कहा, कर्क रेखा के गुजरने वाली जगहों पर बहुत सारी विशेष प्रकार की संरचनाएँ हैं। हमारे मो चियांग काउँटी में भी एक विशेष प्रकार की जगह है, जहाँ जुङवाँ बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है। इस पूरे काउँटी में लगभग 1000 से ज्यादा जुङवा बच्चे हैं। हरेक साल के मई महिने के पहली तारीख से तीसरी तारीख तक यहाँ पर अंतरराष्ट्रीय जुङवाँ बच्चा दिवस मनाया जाता है। पूरे विश्व के जुङवाँ बच्चे यहाँ आकर अपना त्योहार मनाते हैं।

मो चियांग काउँटी में न सिर्फ जुङवाँ बच्चों की संख्या ज्यादा है बल्कि यहाँ पर जुङवाँ पेङों, जंतुओं की संख्या भी बहुत ज्यादा है, जो इस जगह की विशेषता बताती है। इसके अलावा, इस प्रांगण में, कर्क रेखा के अनुसार उत्तर और दक्षिण दो भागों में बाँटा गया है जहाँ पर उष्ण और शीतोष्ण पेङ लगाए गए हैं, जिससे चारों मौसम की अनुभूति होती है। यह प्रांगण लोगों को इन पेङों के द्वारा कर्क रेखा की मौजूदगी को बतलाती है, साथ ही दो तरह के तापमान की विशेषता से भी अवगत कराती है। कर्क संक्रांति के दिन, यहाँ पर लोग वसंत और गर्मी दो ऋतुओं के तापमान की अनुभूति कर सकते हैं, साथ ही समय और स्थान के अनुसार एक विशेष प्रकार की अनुभूती भी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रत्येक साल कर्क संक्रांति के समय, पूरे मो चियांग काउँटी में दूर-दूर से आये हुए पर्यटकों के लिए भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यहाँ लोग खगोलिय आश्चर्य को देखने के साथ-साथ, इस प्रांगण में स्थित हानी जाति के अग्नि मंच में आयोजित होने वाली अनोखी अग्नि रस्म का भी आनंद उठाते हैं।

आग हानी जाति का कुलदेवता है। हानी लोगों के घर में, चूल्हा का पवित्र और बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। यह न केवल गर्मी और प्रकाश का स्त्रोत है, बल्कि पूरे परिवार के लोगों का काम करने के बाद मनोरंजन का भी स्थान है, जो कि हानी जाति के प्राचीन संस्कृति का केंद्र भी है। चारों मौसम में अनवरत रूप से जलता हुआ चूल्हा, हानी जाति के परिवारों के खुशी का प्रतीक भी है।

हानी अग्नि मंच का आकार, हानी जाती के चूल्हे के बाहरी भाग के बनावट पर आधारित है। सूर्य और आग की पूजा करने वाली हानी जाति के लोग, कर्क रेखा पर सीधी सूर्य की किरणों के पङने के समय हाथ में अग्नि मशाल लेकर जलने की प्रतिक्षा करते हैं जो कि हानी जाति का जीवन आग की तरह बिताने का प्रतीक है। इससे यह विशेषता झलकती है कि हानी जाति का जीवन आग की तरह ही दिन पर दिन खुशहाल होता है।

हमें आशा है कि आप भी प्रत्येक वर्ष कर्क संक्रांति के अवसर पर, युन नान प्रांत के मो चियांग मे आकर कर्क रेखा की विशेषताओं और हानी जाती के संस्कृति का आनंद प्राप्त करेंगें।

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