Web  hindi.cri.cn
परम्परागत वसंत मेले में नए परिवर्तन की जरूरत है
2010-03-01 09:22:05

चीन के विभिन्न जगहों में इन दिनों वसंत त्यौहार का माहौल दिन प्रति दिन खुशी की लहरों में झूम रहा है, हर वसंत त्यौहार में चीन की जगह जगह में अनेक छोटे व मझौले मेलों का आयोजन किया जाता है, अपने घर वालों के साथ मेले में त्यौहार का आन्नद उठाना वसंत त्यौहार की एक परम्परा बन गयी है। इन मेलों में तरह तरह की विशेष मिठाईयां , स्थानीय पकवान व परम्परागत वस्त्रों में सजी धजी झांकिया व खेल तमाशा व करतब मेले में चार चांद लगाते हैं, वसंत मेला लोगों के खुशी मनाने का एक मिलन समारोह होता है और लोगों को परम्परागत मनोरंजन व तमाशा देखने व उसका आन्नद उठाने का अवसर भी मिलता है। आज किस्म किस्म की परम्परागत शैलियों के मनोरंजन कार्यक्रम नए नए रूप में अधिकाधिक वसंत त्यौहार के मेले में शामिल किए जा रहे हैं। वसंत मेला लोगों को आकर्षित करने व वसंत त्यौहार की खुशियों की उमंग में हिस्सा लेने वाली एक अनिवार्य मनोरंजन गतिविधि बन गयी है। इधर के दिनों में कई सौ से अधिक विभिन्न जगत के लोगों ने विशेषकर पेइचिंग वसंत मेले को लेकर संस्कृति मंच का आयोजन किया और मेले के आयोजन को नयी रूप देने पर अपने विचार पेश किए हैं।

अभी आप ने वसंत मेले के ढोल की ताल की आवाजें सुनी। यदि आप यहा आए हों तो आपको मालूम होगा कि बाग व चौक के एक विशाल व खुले मैदान में अनेक रंग बिरंगे किस्मों के तम्बू लगाकर विविध स्टाल खड़े किए जाते हैं, स्टाल पर जगह जगह से आए दुकानदार अपनी स्थानीय खाद्य पदार्थों व विशेष वस्तुओं को बेचने के लिए एक से एक बढ़कर ऊंची आवाजों में लोगों को अपनी ओर पुकारने की कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। मेले के स्टालों में अनोखी शैलियों वाले खिलौने , मिठाईयां व अन्य खास खाने पीने की वस्तुएं लोगों को अपनी ओर खींचे नहीं छोड़ती है।

वसंत मेला का इतिहास हजारों साल पुराना है, मेले में विशेषकर चीनी लोक कला की प्रस्तुतियां लोगों को खुशियां का आन्नद लेकर आती है। पुराने जमाने में मेले में खासतौर से भगवान की पूजा से संबंधित गतिविधियां मुख्य रही हैं। समाज की प्रगति के चलते इस में अनेक नयी वस्तुओं को सम्मिलत किया जा रहा है, इन में विविध मनोरंजन कार्यक्रम भी शामिल हो रहे हैं। पेइचिंग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, चीनी लोक कला संघ के त्यौहार अध्ययन विभाग के उप निदेशक लू ती ने हमें बताया वसंत मेला चीन के वसंत त्यौहार का परम्पारिक भाग है जो कला व आर्थिक को दर्शाने वाला मंच है,चीन के कई हजार साल पुरानी परम्परागत संस्कृति होने की बदौलत , बहुत से लोगों को मालूम है कि चीन के समाज, इतिहास, संस्कृति , आर्थिक व कला , वसंत मेले में अपनी अनोखी व अदभूत भूमिका अदा करती है।

लम्बे अर्से से मेले में पूजा पाठ के अलावा , हर जगहों की विशेषताओं के अनुसार मेले की सजावट व मनोरंजन कार्यक्रम भी भिन्न भिन्न होते हैं।लेकिन पूरे मेले में परम्परागत शैलियों की झलक व पारम्परिक वस्तुएं व मनोरंजन गतिविधियां पहले की तरह बनी हुई हैं। यह पूरे चीन में वसंत त्यौहार की खुशियां मनाने की एक अनिवार्य गतिवीधि रही है।

यांगत्सी नदी के उपरी भाग के छुंगछिंग शहर की फंगतु काउंटी , चीन में मेले की विविधता से काफी मशहूर है। 7 लाख आबादी वाले इस छोटे से कस्बे में हर साल इस मौके पर दसेक मेलों का आयोजन किया जाता है। कस्बे की प्रचुर संस्कृति व कला, तथा पर्यटनों के भरमार संसाधन से , इस जगह के मेले की अनोखी विशेषता पड़ोसी व आसपास के जगहों के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किए बिना नहीं रहती । फंगतु काउंटी की उप मेयर चांग छांग हुंग ने हमें बताया  मेले के दिन कह सकते हैं कि पूरी काउंटी की गलियों व सड़के खाली हो जाती हैं, काउंटी के लगभग सभी लोग मेले को देखने के लिए उमड़ आते हैं, मेले में करतब व खेल तमाशा दिखाने के अलावा, उत्तर दक्षिण के खाद्यपदार्थों व वस्तुओं की खरीददारी का सुनहरा मौका होता है। मेला लोगों को परिवारों व दोस्तों के बीच मिलन व आपस में बातचीत करने का मौका भी प्रदान करता है। अनोखी व अदभुत वस्तुए जैसे की बांस से बनी जूती, बांस से तैयार चित्र कला तथा बहुत से आम समय पर कम देखने व खाने को मिलने वाले खाद्यपदार्थ व पकवान , सचमुच लोगों को खुशी देती है, और उन्हे हर साल मेले में आने के लिए प्रेरित करती है।

पूर्वी चीन के मशहूर पर्यटन स्थल सानतुंग का थाएसान पर्वत में भी पिछले हजार सालों से मेले के आयोजन करने की परम्परा बनी रही है। मेला थाएसान पर्वत देवता के जन्म दिन की पूजा से शुरू होता है। यह परम्परा दस शताब्दी से शुरू हुई थी,जो बाद में एक प्रभावशाली परम्परा बन गयी और आजतक यह परम्परा जैसी की तैसी बनी हुई है। चीन की विभिन्न जगहों से आए व्यापारी, पूजा पाठ करने आए ऋषि व उनके श्रद्धालु, संस्कृति मनोरंजन कलाकार व करतब तमाशा दिखाने वाले कलाकार मेले में इकट्ठे होते हैं। हालांकि जमाना इतना बदल गया ,लेकिन परम्परा में ज्यादा फर्क नहीं हुआ है, जमाने के परिवर्तन से मेले में अनेक नयी चीजों को शामिल किया जा रहा है। मेले की आयोजक सुश्री चंग फंग ने कहा गत वर्ष हमने मेले की सजावट को नया रूप दिया, प्रथम बार शुभंकर चिन्ह को मेले में शामिल किया,थाएसान पर्वत का शुभंकर -- चार खुशी से मग्न नन्हा बालक -- लोगों के लिए मेले में खुशी व आन्नद का माहौल तैयार करता और लोगों को मंगलमय की शुभकामनाए देता है। इस के साथ मेले में हमने लोगों के लिए बातचीत करने व विचारों का आदान प्रदान करने के लिए सांस्कृतिक मंच प्रदान करने के साथ अनेक मनोरंजन कार्यक्रम, धार्मिक पूजा पाठ गतिविधियां, व्यापार व खरीददारी के मौके भी प्रदान किए हैं, हमने अनेक संग्रहलयों के साथ सहयोग कर पुस्तक प्रदर्शनी व संस्कृति प्रदर्शनी का भी आयोजन किया है, जिन में परम्पारिक कारकों की सर्वश्रेष्ठता मुख्य रही हैं, गत वर्ष से मेले की रौनक बहुत बड़ी है, लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, इस साल के वसंत त्यौहार के मेले में हम अनेक नयी नयी चीजें प्रस्तुत करेंगे।

संदर्भ आलेख
आप की राय लिखें
सूचनापट्ट
• वेबसाइट का नया संस्करण आएगा
• ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा
• दस सर्वश्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन
विस्तृत>>
श्रोता क्लब
• विशेष पुरस्कार विजेता की चीन यात्रा (दूसरा भाग)
विस्तृत>>
मत सर्वेक्षण
निम्न लिखित भारतीय नृत्यों में से आप को कौन कौन सा पसंद है?
कत्थक
मणिपुरी
भरत नाट्यम
ओड़िसी
लोक नृत्य
बॉलिवूड डांस


  
Stop Play
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040