चीन के उत्तरी भाग का वन क्षेत्र चीन का सबसे बड़ा पारिस्थितिकी सुरक्षा दीवार और लकड़ी उत्पादन का मुख्य आधार क्षेत्र है। वन क्षेत्र के विकास और निर्माण के आरंभिक काल में विकास को तेज करने के लिए वहां "पहले उत्पादन फिर जीवन" का सिद्धांत लागू हुआ था जिस के कारण शुरूआत में बुनियादी सुविधाओं का विकास पर्याप्त नहीं था और संबंधित कर्मचारियों व मजदूरों की आवास स्थिति भी काफी अच्छी नहीं थी। वर्ष 2009 से चीन की सरकार ने अधिकारिक तौर पर इन वन क्षेत्रों में स्थित झुग्गी-झोंपङी के सुधार का काम शुरू कर दिया है। चीन का सबसे बङा वन क्षेत्र—भीतरी मंगोलिया प्रदेश के ताशिंग आनलिंग वन क्षेत्र में तीन साल के अंदर 10 लाख 70 हजार वर्गमीटर क्षेत्र के झुग्गी-झोपड़ी इलाके के सुधार की योजना बनाई गई है, जिससे हजारों लोगों के मकान की समस्या का समाधान किया जा सकेगा। आज के चीन में सुधार व विकास कार्यक्रम में हम आपको इस वन क्षेत्र में चल रहे आवास सुधार काम के बारे में जानकारी देंगे।
8 सितंबर 2009 को, भीतरी मंगोलिया प्रदेश के ताशिंग आनलिंग पर्वती क्षेत्र के मानक्वी वानिकी संसाधन प्रबंधन केंद्र के कर्मचारी मा तुवान और ली मेई ने अपनी शादी के समय, वर्षों से इंतजार कर रहे नव निर्मित सुन्दर घर में प्रवेश किए। शादी से पहले, मा तुवान अपने पैतृक मकान में रहता था जो कि लकड़ी और मिट्टी पत्थर से बनी थी और उसकी स्थिति भी अच्छी नहीं थी। इसलिए अब नये घर में रहने की कल्पना पूरी होने पर श्री मा तुवान बेहद प्रभावित हो गए हैं। उन्हों ने कहाः
मैं बहुत प्रसन्न हूँ, वर्णन के लिए शब्द नहीं मिल पा रहा है। ऐसा महसूस हो रहा है कि अब अच्छे दिन आ गये हैं। सरकार की जन कल्याण नीतियों से ऐसा जाहिर हो रहा है कि हमलोगों का जीवन-स्तर काफी अच्छा होता जा रहा है। इस काम के लिए सभी संबंधित लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद।
मा तुवान व ली मई का नवविवाहित परिवार भी वर्ष 2009 में, मान क्वी वानिकी केंद्र के पाँच सौ परिवारों में से एक हैं जिन्होंने नये घर में प्रवेश किया है। वर्ष 2009 में, मान क्वी वानिकी क्षेत्र में आवास सुधार योजना के अंतर्गत पाँच बहुमंजिली इमारत और सात साधारण मकानों का निर्माण पहले ही पूरा हो गया है। और यह सभी भीतरी मंगोलिया के ताशिंग आनलिंग आवास सुधार योजना का एक भाग है।
भीतरी मंगोलिया के ताशिंग आनलिंग वन क्षेत्र के पहले के मकान काफी पुराने हो चुके हैं, बहुत सारे मकान तो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं जिनमें सर्दी में ठंढी हवा और गर्मी में पानी का रिसाव होता है। सामान्य जीवन में गर्मी प्राप्त करने और खाना बनाने में भारी मात्रा में लकड़ी का उपयोग किया जाता है, जिससे प्राकृतिक संसाधन के खपत की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसके साथ ही, शुरूआत में योजनाबद्ध शहरों का विकास नहीं होने के कारण, इस इलाके के रास्ते उबड़-खाबड़ हैं, मकान छितराये हुए हैं, लकड़ियों के ढेर है जिससे हमेशा आग का खतरा बना रहता है। ताशिंग आनलिंग केंद्र के रिकार्ड के अनुसार, इस इलाके में 77 हजार परिवार निवास करते हैं, जिसका क्षेत्रफल तीन सौ हजार वर्ग मीटर है जो पूरे वन क्षेत्र में कुल मकानों के क्षेत्रफल का 53 प्रतिशत है।
वन क्षेत्र के निवासियों के मकान की समस्या ने इधर के कुछ सालों में चीन सरकार और स्थानीय सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। ताशिंग आनलिंग वन क्षेत्र में अभी बड़े पैमाने पर आवास सुधार का काम जोरों पर चल रहा है। भीतरी मंगोलिया के ताशिंग आनलिंग वन क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारी चांग श्वे छिन ने इसका परिचय देते हुए कहा कि, वर्ष 2009 में इस वन क्षेत्र में मकान सुधार का कुल क्षेत्रफल एक सौ हजार वर्गमीटर हो गया है, जिसमें बीस हजार से ज्यादा लोग सम्मिलित हैं। इस कार्य में कुल मिलाकर एक अरब 30 करोड़ युवान का निवेश किया गया है और अभी तक तीन चौथाई लोग नये घर में प्रवेश कर चुके हैं। श्री चांग श्वे छिन ने कहाः
वर्ष 2009 के अंत तक, हमने 7 लाख 50 हजार वर्गमीटर क्षेत्र का कार्य पूरा कर लिया है, पंद्रह हजार परिवार नये घर में प्रवेश कर चुके हैं। जब सभी कर्मचारी नये घर में प्रवेश कर लेंगे, तभी वे अच्छे जीवन की शुरूआत कर सकते हैं, हम सभी मजदूरों और कर्मचारियों के जीवन को सुधारने की भरसक कोशिश करेंगे।
एक चालीस वर्षीय महिला पो श्यु लिंग जो कि वर्षोंसे बीमारी से ग्रस्त है, अपने पति की मृत्यु के बाद हमेशा घर में ही रहती है। उसकी एक लड़की उसकी देखभाल करती है। इस साल हमने उसे एक तीस वर्गमीटर का एक नया घर मुफ्त प्रदान किया, जिस में हिटिंग की सिस्टम भी उपलब्ध है। नए मकान में रहने पर वह असाधारण प्रसन्न हुई। उन्हों ने कहाः
पहले का मकान बिल्कुल पुराना और फटाटूटा हो गया था, उसमें ठंढी हवा आती थी जिससे सर्दी में बहुत ठंढ लगती थी। अब नया सुविधायुक्त मकान मिल गया है । मैं इतने अच्छे मकान के बारे में सोच भी नहीं सकती थी।
ताशिन्ग आनलिंग वन इलाके में मकान सुधार और पर्यावरण सुरक्षा का काम एक साथ किया जा रहा है। वन क्षेत्र के एक कर्मचारी येन शिश्वुन ने इस क्षेत्र में बीस हेक्टर में देवदार पेड़ लगाने का जमा ले लिया है। वर्ष 2009 के अंत में वहां के लोगों के घर स्थानांतरण के बाद इस क्षेत्र पर हरियाली छायी रही । उन्हों ने कहाः
कुछ सालों के बाद, पेङ बड़े हो जाएँगे, चारों तरफ हरे-हरे जंगल हो जाएँगे। पहले हमलोग पेड़ों को काटते थे, लेकिन अब हमलोगों ने पेड़ लगाना शुरू कर दिया है। यह बड़ी अच्छी बात है।
भीतरी मंगोलिया प्रदेश की वन संसाधन कंपनी ग्रुप के प्रबंधक श्री चाओ पाव चुन ने कहा कि वर्तमान में, इस इलाके के आवास सुधार का काम काफी जोरों से चल रहा है। सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश किया है, करोड़ों य्वान के निवेश से इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढावा मिला है और वित्तीय संकट से निपटने में भारी भूमिका अदा की गयी है। उन्हों ने कहाः
सरकार नें शुरूआत में इस क्षेत्र के विकास में 32 करोड़ युवान की राशि निवेश की, जो अब विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की कुल राशि 1 अरब 20 करोड़ तक पहुँच गई है। इस से स्थानीय अर्थतंत्र को भारी प्रेरणा मिला है, इसके साथ ही वह कुछ लोगों के लिए रोजगार भी उपलब्ध कराती है। इस योजना ने एक तरफ स्थानीय विकास को बढावा दिया है, वहीं दूसरी तरफ लोगों के जीवन-स्तर को भी सुधारा है, जो कि एक तीर दो निशाने वाले बात को चरितार्थ करती है।