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चीन और आसियान के बीच मुक्त व्यापार क्षैत्र की स्थापना
2010-01-29 09:42:03

चीन-आसीयान मुक्त व्यापार क्षेत्र इस महिने के एक तारिख को औपचारिक तौर पर शुरू हो गया। यह चीनी विदेश वार्ता का पहला मुक्त व्यापार क्षेत्र है जो कि विकासशील देशों से बना सबसे बङा मुक्त व्यापार क्षेत्र है। इस तरह चीन और आसीयान के दस देश अब कर मुक्त व्यापार सदी में प्रवेश कर चुके हैं। मुक्त व्यापार का उन्नत स्तर अर्थव्यवस्था के एकीकरण को बढावा देती है। आज के इस कार्यक्रम में हम इस मुक्त व्यापार क्षेत्र के निर्माण और इससे चीन और आसायान देशों के अर्थव्यवस्था के लिए उत्पन्न अवसर और इसके विकास की चर्चा करेंगे।

वर्ष 2004में चीन और आसीयान के बीच शुरु हुए आरंभिक फसल योजना का मुख्य विषय कृषि उत्पादों के कर में कटौती से धीरे-धीरे व्यापार शुरूआत हुई और दोनों पक्षों के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र दोनों देशों के अर्थव्यवस्था के आर्थिक लाभ अनवरत रूप से बढता गया। वर्ष 2003 में दोनों देशों के बीच व्यापार की रकम 780 अरब अमरीकी डॉलर से वर्ष 2008 में बढकर 23खरब अमरीकी डॉलर पहुँच गई। उसी साल के नवंबर माह में दोनों पक्षों ने वस्तुओं के व्यापार पर हस्ताक्षर किए। वर्ष 2007 के जनवरी दोनों पक्षों ने सेवाओं में व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किया और वर्ष 2009 के अगस्त माह में दोनों पक्षों ने निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे यह साबित होता है कि चीन-आसियान मुक्त व्यापार समझौता वार्ता पूरा हो गया। क्वांग शी स्वायत्त प्रदेश की राजधानी नान नींग में आयोजित चीन-आसियान मुक्त व्यापार फोरम में चीन के वाणिज्य मंत्रालय के उप मंत्री ने कहा कि मुक्त व्यापार के निर्माण के बाद, चीन और आसियान के बीच व्यापार और निवेश का लगातार वृद्धि हुआ है। दोनों पक्षों के उद्यमी और लोग इस मुक्त व्यापार के लाभ से लाभान्वित होंगे।

इस साल के पहली जनवरी को चीन और आसियान के 6 सदस्य देश ब्रुनेइ, फीलीपिंस, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड और सिंगापुर के बीच 90 प्रतिशत वस्तुएँ कर मुक्त हो गई। वर्ष 2015 तक चीन और आसियान के चार नये सदस्य देश वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और म्यांमार के बीच मुक्त व्यापार का स्तर इसी तरह के समझौते पर पहुँचने की आशा है। चीन-आसियान मुक्त व्यापार एक साझा जीत व्यवस्था का आधार है जो कि समझौते के हरेक पहलू और व्यापार के विकास के स्तर और बाजारीकरण के क्षमता के आधार को महत्व देती है। यह मुक्त व्यापार क्षेत्र वृहत बाजार में प्रवेश के द्वारा और निवेश के अङचनों को कम कर दोनों पक्षों के आर्थिक एकीकरण के लाभ को साकार करती है।

हाल में चीन-आसियान द्वपक्षिय व्यापार के तेज वृद्धि के फलस्वरूप, दोनों पक्षों के आपसी निवेश के पैमाने में भी अनवरत वृद्धि हुई है। वर्ष 2003 के चीन के आसियान देशों में प्रत्यक्ष निवेश की रकम 23 करोङ अमरीकी डॉलर की राशि वर्ष 2008 में बढकर 21अरब 80 करोङ अमरीकी डॉलर तक पहुँच गई जिसकी वृद्धि दर नौ गुनी है। अब अधिकाधिक चीनी कंपनियाँ आसियान देशों को अपने निवेश क्षेत्र का निशाना बना रही है।

लाओस के उप-प्रधानमंत्री सोमसवात लंगसवाद ने कहा कि, मुक्त व्यापार क्षेत्र के और अधिक विकास के लिए, दोनों पक्षों को निवेश के क्षेत्र और ज्यादा महत्त्व देना पङेगा, विशेषकर बुनियादी सुविधाओं के निर्माण क्षेत्र समेत दोनों पक्षों के राजमार्ग, रेलमार्ग, जलमार्ग और हवाई मार्ग आदी। लाओस भी आशा करता है कि, वह चीन के साथ विकास में और अधिक सहयोग करेगी और चीन और आसियान देश को जोङने वाली रेल मार्ग के निर्माण कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लेगा।

लाओस ने खुनमिंग-बैंकाक एक्सप्रेस वे के निर्माण में भाग ली और वह आशा करती है कि चीन-आसियान मुक्त व्यापार क्षेत्र के विकास में चीन की सहायता करेगी और चीन को आसियान के विभिन्न देशों के साथ जोङने की रेल परियोजना में सहायता करेगी।

क्वांग शी चीन का एकमात्र स्थल और जल वाले क्षेत्र के रूप में, चीन और आसियान देशों के आवागमन के द्वार के रूप में काम करती है। वर्ष 2004 से 2008 तक क्वांग शी और आसियान के बीच व्यापार की कुल रकम तीन गुनी बढी है। क्वांग शी का आसियान देशों में निवेश की रकम 26 गुनी बढ गई है जब कि आसियान देशों का क्वांग शी में निवेश की रकम भी 4 गुनी से ज्यादा है। क्वांग शी च्वांग जाति स्वायत्त प्रदेश के अध्यक्ष मा जी कहते हैं कि, मुक्त व्यापार क्षेत्र के निर्माण के बाद, क्वांग शी का आसियान देशों के साथ सहयोग का और अधिक विकास हुआ है।

हम विभिन्न क्षेत्रों की योजनाओं में सहयोग की इच्छा करते हैं जैसे मूलभूत सुविधाओं के निर्माण, कृषि उत्पाद, पर्यटन, सीमा पार आर्थिक सहयोग आदी क्षेत्रों में अगुवाई कर परियोजनाओं का निर्माण करेंगे। स्थल और जल आर्थिक सहयोग को और मजबूत करना, स्थल और जल यातायात को और अधिक मजबूत करना, विभिन्न नीतियों की मंजूरी, सीमा पार व्यापार में चीनी युवान के उपयोग, सीमा पार यातायात को मजबूत करना आदी क्षेत्र में भी सहयोग की आशा करते हैं।

चीन-आसियान मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना के बाद, दोनों पक्षों के उद्योग भविष्य में सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। क्वाग चोउ स्थित शन चन की एक कंपनी खांग जीआ ग्रुप जो कि कलर टेलीविजन, मोबाइल फोन आदी घरेलु उपयोग की इलेक्ट्रानिक वस्तुओं का निर्माण और व्यापार करती है की प्रबंधक छन जी कहती हैं कि, भविष्य में हमारी कंपनी इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड आदी देशों के लोगों के आवश्यकतानुसार अपने उत्पाद के निर्माण को और मजबूत करेगी।

उदाहरण के तौर पर कुछ आसियान देशों के पहाङी इलाकों के टेलीविजन नेटवर्क कमजोर होते हैं। इसलिए हमलोग उनके आवश्यकतानुसार और अधिक नेटवर्क क्षमता वाले टेलीविजन का उत्पादन करेंगे। वे आगे कहती हैं, इस तरह की योजना न सिर्फ आसियान देशों के बाजार को बढाएगी, ब्लकि स्थानीय लोगों को और अधिक सुविधापूर्ण जीवन प्रदान करेगी और चीनी कंपनीयों की श्रेष्ठता को भी बढाएगी।

मुक्त व्यापार क्षेत्र में, अगर विभिन्न देशों के उद्यम अपने उत्पादों के निर्यात पर शून्य कर शुल्क का लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें उस वस्तु के मूल उत्पादन स्थल का प्रमाण पत्र पेश करना पङेगा और आयातक देश में उस प्रमाण पत्र के आधार पर शून्य कर शुल्क के लिए आवेदन कर सकते हैं। वर्तमान परिस्थिति को देखा जाए तो, मूल उत्पादन स्त्रोत उदार नीति के बारे में मुक्त व्यापार क्षेत्र के उद्यमों में जानकारी और उपयोग की दर बहुत कम है। उदाहरण के लिए, वर्ष 2009 में, थाइलैंड ने चीन को निर्यात की गई वस्तुओं में सिर्फ 9 प्रतिशत वस्तुओं पर ही इस नीति का उपयोग करके शून्य कर दर का उपभोग कर सका। वियतनाम के व्यापार और उद्योग मंत्रालय के मंत्री ने सुझाव दिया कि, विभिन्न देश आधारभूत सुविधाओं के निर्माण और हार्डवेयर के क्षेत्र में सहयोग के साथ-साथ, सॉफ्टवेयर और मूल उत्पादन स्त्रोत प्रमाण पत्र के क्षेत्र में भी सहयोग को मजबूत किया जाना चाहिए जिससे मुक्त व्यापार क्षेत्र के उदार नीति के लाभ को बढावा मिल सके। इससे निर्यात करने वाले उद्योग के कीमत में कटौती होगी और मुक्त व्यापार को और अधिक बढावा मिलेगा।

अभी मेरा मानना है कि, चीन-आसियान मुक्त व्यापार क्षेत्र स्थापित होने के बाद, दोनों पक्षों को हार्डवेयर के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना चाहिए, साथ ही साफ्टवेयर के क्षेत्र में भी सहयोग को और अधिक बढाना चाहिए। इसके समेत सीमा शुल्क प्रक्रिया, मूल उत्पादन स्त्रोत प्रमाण पत्र आदी के क्षेत्र में भी सहयोग को मजबूत किया जाना चाहिए। उद्यमों के संचालन लागत को और अधिक कम करना चाहिए और उसे मुक्त व्यापार से ज्यादा से ज्यादा लाभ अर्जित करने को बढावा देना चाहिए।

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