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दक्षिण पश्चिमी चीन के क्वे च्ओ प्रांत का एक पुराना गांव---थ्वन पौ के किसान
2010-01-08 15:36:43

पहले चीन के दूर दराज के पहाड़ी क्षेत्रों में यातायात की असुविधा या अन्य इतिहास के कारणों से लोगों का जीवन बहुत सादा औऱ परम्परागत हुआ करता था। पर अब यातायात व संचार की स्थितियों में सुधार आने के बाद इन क्षेत्रों के नागरिकों का बाहरी दुनिया के साथ संपर्क बढ़ता जा रहा है। इस से अब उन के जीवन में भी धीरे धीरे परिवर्तन आ रहे हैं।

थ्वन पौ गांव क्वे च्ओ प्रांत की राजधानी क्वे यांग से 60 किलोमीटर दूर है।

बाहर से देखने पर तो वह एक किले की तरह लगता है। गांव में सैकड़ों वर्ष पहले

बनी पत्थर की एक सड़क है। उस के मकानों की बाहरी दीवारें व छतें सभी

पत्थरों से निर्मित हैं, ये मकान देखने में बहुत सादे व पुराने लगते हैं।

थ्वन पौ गांव उंचे पहाड़ों में स्थित है। पहले वहां यातायात बहुत पिछड़ा था औऱ

बाहरी दुनिया के साथ संपर्क भी बहुत कम था। पर इधर चीन सरकार द्वारा देश के पश्चिमी भाग के जोरदार विकास की रणनीति को अमल में लाने के बाद सर्वप्रथम स्थानीय यातायात सवाल का हल किया गया । इस के लिए केंद्रीय व स्थानीय सरकारों ने भारी पूंजी लगाकर सड़कों व मार्गों का निर्माण किया। अब एक राष्ट्रीय मार्ग गांव तक पहुंच चुका है।

मार्ग खुलने के बाद थ्वन पौ का बाहरी दुनिया के साथ संपर्क औऱ घनिष्ठ हो गया । अब यहां हर एक दिन अनेक पर्यटक आते हैं। हमारे संवाददाता ने थ्वन पौ गांव पहुंचते, वहीं एक बहुत मधुर व गीत सुने।

गीत के बोल इस तरह हैं, प्रिय मेहमान, आप बहुत दूर से यहां आये हैं । आप

जरुर थके होंगे। थ्वन पौ गांववासी आप लोगों का गर्म जोशी से स्वागत करते हैं। आप थोड़ा सा आराम करें और चाय पिएं।

हमारे संवाददाता ने देखा कि इस गीत के गायकों में कई स्थानीय वृद्धा भी थीं, वे पर्यटकों को चाय पीने का तरीका समझा रही थीं। चाय के बर्तन भी स्थानीय लोगों द्वारा बनाये गये थे औऱ चाय भी खास स्थानीय चाय थी।

14 शताब्दी की शुरुआत में क्वे च्ओ की आबादी बहुत थी, ऐसे में तत्कालीन राजा जू व्येन चांग ने दक्षिण चीन के विकसित प्रांतों से अनेक व्यापारियों, किसानों औऱ सैनिकों को यहां भेजकर बसाया। इस गांव के लोग मुख्यतः वर्तमान च्यांग सू प्रांत की राजधानी नानचिंग से यहां स्थानातरित किये गए थे।

इस गांव की आसानी से रक्षा की जा सकती थी, और इस पर कठिनाई ही कोई आक्रमण हो पाता था, कारण वह बिलकुल एक किले की ही तरह है। यहां की वृद्धाएं औऱ महिलाएं अब तक पुराने समय के वस्त्र पहनती हैं, और देखने में इतिहास से निकली महिलाएं लगती हैं। सैकड़ों वर्षों से थ्वन पौ के पुरुषों के घर से बाहर जाकर व्यापार करने की परम्परा रही है, जबकि महिलाएं आम तौर पर घर में खेती का काम करती रही हैं। इसीलिए, महिलाओं के वस्त्रों में कोई भारी परिवर्तन नहीं हुआ। गत कुछ सौ वर्षों में, किसानों ने पूर्व की सांस्कृतिक परम्पराऔं व आदतों को भी बरकरार रखा ।

इधर के वर्षों में गांव औऱ बाहरी क्षेत्र के बीच संपर्क बढ़ा। युवक यहां रहकर खेती नहीं करना चाहते , वे भी बाहर की दुनिया देखना चाहते हैं। फिर लड़कियों ने भी बाहर जाकर काम करने या पढने का हर संभव प्रयास करना शुरु कर दिया । युवकों की विचारधारा में भी भारी परिवर्तन आया । वे जीन्स व टी शर्ट पहनने लगे। गांव में नयी किस्मों के मोबाइल फोन लटकाए किसान भी अकसर दिख जाते हैं। गांव के अनेक परिवारों में रंगीन टी वी सेट, वी सी टी और माइक्रो वेव अवन भी हैं , कुछ परिवारों में उपग्रह टी वी प्रोग्राम दिखाने वाले यंत्र भी लगे हैं, और वे रंग बिरंगे टी वी प्रोग्राम देख पा रहे हैं।

श्री जन की उम्र 72 वर्ष है औऱ वे बहुत बातूनी हैं। वे कभी कृषि विभाग में

कार्यरत थे, औऱ उस से रिटायर होने के बाद कृषि अनुसंधान विभाग से श्रेष्ठ बीज

खरीदकर वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने लगे। बाद में उन्होंने अपने छोटे बेटे के

साथ मिलकर कृषि तकनीक सेवा स्टेशन भी खोला और किसानों को कई श्रेष्ठ बीजों

का भी परिच्य दिया। किसानों के सामने मौजूद उत्पादन से तकनीकी सवालों का हल करने में भी उन्हों ने मदद दी।

अपने वर्तमान जीवन से श्री जन बहुत संतुष्ट है। उन का मानना है कि इस सब का श्रेये चीन की सत्तारुढ़ पार्टी---चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अच्छी नीति को जाता है। अभी अभी सम्पन्न चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 16वीं कांग्रेस पर उन्होंने कहा, पार्टी की हर कांग्रेस के बाद देश में नया विकास आया है। हमें पक्का विश्वास है कि वर्तमान सम्मेलन के बाद चीन औऱ बड़ा विकास देखेगा।

हांलांकि श्री जन वृद्ध हो चले हैं, फिर भी उन का शरीर बहुत स्वस्थ है। किसानों की चिकित्सा व स्वास्थ्य चर्चा के दौरान, कोई चिंता नहीं व्यक्त करते उन्होंने कहा, हमारे गांव के निकट कई अस्पताल हैं, कुछ निजी हैं, तो कुछ सामूहिक। किसान वहां आसानी से इलाज पा सकते हैं। बड़े अस्पताल भी गांव से ज्यादा नहीं हैं। समाज विकसित हो रहा है औऱ हमारी आयु भी साल दर साल लम्बी होती जा रही है।

फेशनबल वेस्त्र , आधुनिकी घरेलू विद्दुत उपकरण औऱ सुविधा जनक चिकित्सा थ्वन पौ के किसानों का जीवन बदल रही हैं। पुरानी परम्परागत आदतों औऱ आधुनिकल सभ्यता के अच्छे मेल से इस गांव में नये जीवन का निर्माण हो रहा है।

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