युरेशिया का विशाल भूभाग, प्रचुर मात्रा में उपलब्ध प्राकृतिक संपदा विश्व आर्थिक व्यवस्था का अहम हिस्सा है जिसमें एक-दुसरे की पूरक बनने की शक्ति स्पष्ट है। पिछले दिनों चीन के सी आन प्रांत में आयोजित तीसरा युरोप-एशिया अर्थव्यवस्था फोरम में भाग लेने आए युरोप और एशिया के सरकारी अधिकारीगण, विशेषज्ञों, विद्वानों और विभिन्न उद्यमियों ने व्यक्त किया कि, युरेशिया को सहयोग के क्षेत्र को और अधिक मजबूत करना चाहिए। वित्त, उर्जा आदी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की संभावना को मूर्त रूप देना चाहिए और दोनों पक्षों को समान लाभ उठाना चाहिए।
2008 के उतर्राध्र में, विश्व वित्तिय संकट के कारण विश्व व्यापार में स्पष्ट गिरावट आयी है, और युरोप-एशिया के आर्थिक समुदाय को भी गहरा झटका लगा है। वर्तमान में, विश्व अर्थव्यवस्था में विभिन्न देशों के कङी मेहनत से बङा परिवर्तन हुआ है, परंतु पूरी तरह से इस स्थिति से निबटना एक धीमी और कठिन प्रकिया है। तीसरी युरोप-एशिया अर्थव्यवस्था फोरम के उदघाटन समारोह में चीन के उपराष्ट्राध्यक्ष सी चिन फिंग ने व्यक्त किया कि, चीन विश्व अर्थव्यवस्था के विकास के लिए युरोप और एशिया के विभिन्न देशों के साथ मिलकर और अधिक संचार, सहयोग, मेहनत करने को इच्छुक है।
चीन, युरोप और एशिया के देशों के साथ व्यापार और निवेश के क्षेत्र में सहयोग करने को,विभिन्न देशों के अर्थव्यवस्था के समुचित विकास के लिए, लगातार व्यापार के क्षेत्रों के विकास के लिए इच्छुक है। इसके साथ-साथ निवेश के द्वारा आर्थिक क्षेत्रों का उपयोग, लागातार रूप से यातायात, संचार, उर्जा आदी क्षेत्रों में निवेश, फाईनेंस संस्थानों द्वारा बङे-बङे योजनाओं में आर्थिक मदद जैसी सेवा देने को तैयार है।
कुछ सालों से, युरोप-एशिया क्षेत्र के आर्थिक संचार में सहयोग दिन पर दिन बढ रहा है, जिसमें सबसे आकर्षक चीन और कजाकस्तान, उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान आदी मध्य एशिया के बीच का आर्थिक सहयोग। 1992 में चीन और मध्य एशिया के इन पाँच देशों के बीच के व्यापार की रकम 52 करोङ 70 लाख अमेरिकी डालर थी जोकि वर्ष 2008 तक बढकर 25अरब अमेरिकी डालर पहुंच चुकी है। इन 17 सालों में दोनो देशों के बीच व्यापार की रकम 50 गुनी से ज्यादा हो गई है। इस साल के उत्तरार्ध तक चीन और इन पाँच मध्य एशियाई देशों के बीच का व्यापार लगभग 11 अरब अमेरिकी डालर पहुच चुकी है।
इस मंच में भाग लेने आए कजाकस्तान के राष्ट्रपति सरगे टेरेचनको ने कहा कि, रूस, बेलारूस और कजाकस्तान सीमा शुल्क संघ की स्थापना वर्ष 2010 तक होने की आशा है, जो चीन की उद्योग के उर्जा उपयोग, कृषि, दवाएँ आदी उन्नत तकनिकों, कजाकस्तान में निवेश कर उद्यमों का निर्माण साथ ही दूसरे देशों के साथ निर्यात की सुनहरी अवसर देती है और चीन-कजाकस्तान के पारस्परिक लाभ और जीत की स्थिति को साकार करने में मदद करेगी।
मैं कहना चाहता हूँ कि, सीमा पार देशों के क्षेत्रिय सहयोग, आर्थिक विकास के शक्ति को बढाने की और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढाने की महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
एक प्रतिभागी ने कहा कि, इस बार का वित्तिय संकट हमारे लिए एक प्रेरणा लेकर आयी है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अर्थव्यवस्था के दीर्घकालीन समायोजन संतुलित विकास और सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाति है। वर्तमान के विश्व अर्थव्यवस्था समायोजन के अंतर्गत, युरोप-एशिया के प्रत्येक देश को और अधिक वित्तिय सहयोग, और इस क्षेत्र के वित्तिय विकास, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा को बढाते हुए, अर्थव्यवस्था के निरंतर विकास के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
चीनी आयात-निर्यात बैंक, चीन के विदेशी व्यापार सहयोग और वित्तिय सुरक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग के रूप में, युरोप-एशिया के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सहयोग को उर्जा, बिजली, यातायात जैसै विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक गहरा और मजबूत बनाने का काम करती है। इन कामों ने स्थायी क्षेत्रों के वित्त निवेश चैनलों को बढावा दिया है, जो स्थानीय आर्थिक विकास, रोजगार के अवसरों, उच्च जीवन स्तर को बढाने में काफी योगदान है। चीनी आयात-निर्यात बैंक के उप-प्रबंधक लियु लिएन जी कहते हैं--- चीनी आयात-निर्यात बैंक, वृहत अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग की नीतियो का वित्तिय संघ के रूप में चीन-एशिया के व्यापार को काफी महत्व देता है। इस साल के सितंबर महिने के अंत तक, हमारे द्वारा इन पाँच मध्य एशियाई देशों को दिए गए ऋण की कुल राशि 40 अरब चीनी युवान हो गई है। इनमें से ज्यादातर ऋण इन देशों के आधारभूत ढाँचा का विकास करने में लगाया गया है जो कि मध्य एशिया के विकास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। आज के बाद, चीनी आयात-निर्यात बैंक नीतिगत वित्तिय भूमिका को लगातार बनाए रखेगा, चीन और मध्य एशिया के आर्थिक और वित्तिय सहयोग को बढाने को लगातार प्रयासरत रहेगा।
युरोप-एशिया क्षेत्र का उर्जा खपत बाजार काफी बङा है, साथ ही इस क्षेत्र में संचित उर्जा का भंडार बहुत विशाल है। रिकार्ड के आधार पर, रूस में तेल, गैस और कोयला का संचित भंडार विश्व के कुल भंडार की तुलना में क्रमश 13, 35 और 12 प्रतिशत है। कजाकस्तान और तुर्कमेनिस्तान में काफी मात्रा में तेल और गैस के भंडार हैं। वर्तमान में, कजाकस्तान, रूस, मंगोलिया और चीन के बीच उर्जा सहयोग का विकास तेजी से हो रहा है। जिनमें इस साल के अंत में शुरू हुआ चीन-मध्य एशिया गैस पाइपलाईन, हरेक साल चीन को लगभग 70 अरब क्युब मीटर गैस की आपूर्ति कर रहा है। चीन के तेल और गैस ग्रुप कंपनी लिमिटेड के अंतरराष्ट्रीय व्यापार कंपनी के उप-प्रबंधक कहते हैं.....
Sinopec अंतर्राष्ट्रीय गैस सहयोग को लगातार मजबूत बना रहा है, वर्तमान में मध्य एशिया और रूस चीन के तेल व्यापार विकास क्षेत्र के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। चीन और रूस तेल और गैस सहयोग का समुचित विकास हो रहा है, साथ हि चीन मंगोलिया में भी तेल और गैस सहयोग के कार्यक्रम को बढावा दे रहा है।
जानकारी के आधार पर, चीन-रूस तेल पाइपलाईन और दीर्घ कालीन तेल व्यापार के अलावा, इस साल के अक्टूबर के अंत में चीन और रूस ने एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किया है जिसमें दो अतिरिक्त पाइपलाईनों का निर्माण और दोनों पक्षों ने गैस के मुल्य निर्धारण के बाद वर्ष 2014-15 से गैस की आपूर्ति को साकार करने पर भी बल दिया है।
चीन में स्थित रूसी दूतावास के राजदूत रेजव सरगे का मानना है कि, चीन और रूस के बीच स्थापित रणनीतिक साझेदारी ने दोनो पक्षों के बीच व्यापार और परस्पर निवेश को और बढा दिया है। विशेषकर वर्तमान परिस्थिति में, दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी या शंघाई सहयोग मंच ने रूस और चीन के आर्थिक सहयोग, विश्व वित्तिय संकट से उत्पन कठिनाईयों को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है।
चीन रूस का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक व्यापार साझेदारों में से एक है। विश्व वित्तिय संकट के कारण भी इसका योगदान कम नहीं हुआ है। इस साल का दोनों पक्षों के बीच तेल के क्षेत्र में समझौता इस योगदान का प्रमाण है। रूस के द्वारा चीन को गैस की आपूर्ति के बातचित प्रक्रिया में भी प्रगति हुई है। इसके साथ हि, परमाणु उर्जा और कोयले के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच एक बङे सहयोग की योजना है। मुझे विश्वास है कि, रूस और चीन की आर्थिक सहयोग की मजबूती विश्व वित्तिय संकट का सामना करने का एक समुचित उपाय है।इस क्षेत्र में विश्व वित्तिय संकट से हमें यह महत्वपूर्ण प्रेरणा मिलती है।
रेजव सरगे कहते हैं कि, रूस और चीन के नेताओं ने इस साल कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की भी स्वीकृति की है, जैसे-रूस-चीन निवेश सहयोग आदी। इन दस्तावेजों का मुख्य उपयोग चीन के बङे उद्योगों को रूस के कुछ आर्थिक क्षेत्रों जैसे- पर्यावरण संरक्षण उत्पाद, यातायात और बिजली की आधारभूत संरचना के निर्माण आदी, में प्रवेश करने में सहायता प्रदान करेगी।
विशेषज्ञों का विचार है कि, प्राकृतिक परिस्थितियों, नीतियों, पर्यावरण आदी कारणों से युरोप-एशिया क्षेत्र में आर्थिक और व्यापार के सहयोग के बहुत आसार हैं। क्षेत्रिय आर्थिक एकीकरण के और मजबूत होने और संचार का और अधिक विस्तार होने से युरोप-एशिया के हरेक देश की आर्थिक विकास में मददगार होगी।