हाल ही में चीन की राजधानी पेइचिंग में ऊंची इमारतें ही नहीं, अनेक सांस्कृतिक चौक भी निर्मित हुए। शाम होते ही इन चौकों में कोई न कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम होते देखा जा सकता है। लोग यहां आराम के साथ साथ मनोरंजन भी कर सकते हैं। मनोरंजन का यह तरीका अब पेइचिंग के नागरिकों में एक फैशन का रुप लेता जा रहा है।
वित्त सड़क पेइचिंग का एक प्रमुख मार्ग है, औऱ यहां का स्वर्ण मार्ग भी कहलाता है। हाल ही में इस के आसपास की खुली जगह में कोई 2000 वर्गमीटर वाला एक सांस्कृतिक चौक खोला गया है। जहां हर रात, हजारों लोग मनोरंजनके लिए यहां आते हैं। यहां वे डिस्को, क्लासिकल नाच औऱ परम्परागत चीनी मुक्केबाजी थाईजीछ्वेन का अभ्यास करते हैं।
65 वर्षीय सुश्री छन श्याओ झन का घर इसी सड़क के पास स्थित है। उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया कि उन्हें जवानी से ही गाना नाचना पसंद रहा है। उन के शब्द के ।
मुझे सांस्कृतिक कार्यक्रम बहुत अच्छे लगते है। औऱ साधारण लोगों द्वारा खुद संपादित व प्रस्तुत प्रोग्राम कहीं ज्यादा पसंद है।चौक में हम आराम के समय आनंद
उठा सकते हैं। मनोरंजन के इस तरीके को व्यापक नागरिकों में भी स्वागत हुआ है।
शीछंग क्षेत्र के स्वास्थ्य व संस्कृति प्रभारी श्री यांग झी छ्वान भी उस दिन चौक में उपस्थित थे। उन्होंने बताया, इस सांस्कृतिक चौक की सब से बड़ी विशेषता महा आम नागरिकों की भागीदारी ही है। आज की गतिविधि में कई सामुदायिक इकाइयां शामिल रहीं हैं।पहले सरकार ऐसे क्रायक्रम पर पैसे खर्च करती रही , पर अब हम सांस्कृतिक चौक की इन गतिविधियों में आम नागरिकों की भागीदारी व समर्थन प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। जिन में वे खुद आनंद उठा सकें।
श्री चांग ने कहा, सांस्कृतिक चौक खुलने के बाद , लोग बढचढ कर इस की गतिविधइयों में भाग लेते रहे हैं।और अब यह एक फेशन सा बन गया है।
श्री चांग राओ जी औऱ श्री च्याओ जी वन प्रहसन के बड़े शौकीन हैं। वे अपने खाली समय में इन की रचना कर इन्हें प्रस्तुत करते हैं। इस शाम उन्होंने जो रोचक प्रस्तुति दी, उस में अनेक वृद्धों के मन की बात कही गयी थी औऱ लोगों ने उसे हाथोंहाथ लिया अपनी इस प्रस्तुति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, यहां कार्यक्रम प्रस्तुत करते समय हमें खास जोश का अहसास होता हैं। हम स्वरचित रचना लोगों के सामने प्रस्तुत कर उन में खुशी से भरना चाहते हैं।
पेइचिंग में, वित्त स्ट्रीट जैसे कई सांस्कृतिक चौक हैं। औऱ उन सब की अपनी अपनी विशेषता हैं। मिसाल के लिए, फन शन समुदाय का सांस्कृतिक चौक नागरिकों के आंगन में स्थित है। इस से कुछ बूद्धों एवं विकलांगों को अपने घर के जंगले में बैठे बैठे ही प्रोग्राम देखने की सुविधा हासिल है। पेइचिंग के व्यस्ततम भाग में स्थित एक सांस्कृतिक चौक का नाम यू ले से रखा गया है, जिस का मतलब है, वह जगह जहां बारिश न होने पर स्थानीय नागरिक यहां इक्कट्ठे कर सांस्कृतिक कार्यक्रम करें।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पेइचिंग के इस सांस्कृतिक चौकों में सांस्कृतिक प्रोग्रामों के अलावा, लिपि कला, विशेष क्षमता का प्रदर्शन और फूलों की प्रदर्शनी जैसी गतिविधियों का आयोजन भी होता है। इन चौकों का इसलिए भी व्यापक नागरिकों में स्वागत हुआ है, क्योंकि इन में होने वाली गतिविधियां लोगों की सांस्कृतिक सांस्कृतिक क्षमता को समाज के समक्ष प्रदर्शित करने का मौका देती हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय नागरिकों की मांग पूरी करने के लिए इस वर्ष पेइचिंग अपने सांस्कृतिक चौकों की संख्या को दहाई करे अंक से 100 तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।