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पेइचिंग एक बड़ा परिवार है
2009-11-26 15:04:35

श्रीता दोस्तों, आज हम विदेशी दोस्तों की निगाहों में चीन की स्थिति नामक एक कार्यक्रम शुरू करेंगे। पवन आप लोगों का स्वागत करता है। आज सुनिए, पेइचिंग एक बड़ा परिवार है।

चीन की राजधानी पेइचिंग में एक ऐसा अंतराष्ट्रीय बड़ा परिवार है जिस में दादा चीनी हैं, दादी अमरीकी हैं। बेटे का जन्म अमरीका में हुआ और उन की पत्नी जर्मनी हैं। वे पेइचिंग में एक दूसरे से मिले। उन के 4 बच्चों का जन्म चीन में ही हुआ।

14 जून को दादी मां ल्यु आई लुन का 90 वां जन्म दिन है। परिवार में विभिन्न देशों के दोस्तों ने एक साथ मिलकर सुंदर और स्वस्थ दादी मां को जन्म दिन की बधाई दी। मेहमानों ने उन्हें फूल और उपहार दिए। जर्मनी दोस्त और बच्चों ने उन के लिए गाना गाया।

60 साल पहले दादा और दादी अमरीका में एक दूसरे से मिले। उन्होंने सन् 1950 में शादी की। शादी करने के 28 साल बाद यानिकि सन् 1978 में सुश्री ल्यु आई लुन पहली बार अपने पति के साथ उस की मातृ भूमि चीन में आयीं।

उन्होंने कहा

मेरे पति की मातृ भूमि हू नान प्रान्त के गांव में है। जब मैं पहली बार वहां गयी तो उन के परिजनों ने हमारे लिए नया मकान और लाल मोमबत्तियाँ तैयार कीं । मैं लोगों के हार्दिक स्वागत और सदिच्छा से बहुत प्रभावित हुई।

उस समय हमने पेइचिंग और अन्य 15 शहरों की यात्रा भी की। पेइचिंग में अब की तरह इतनी ऊंची इमारतें नहीं थीं। उस समय सब से ऊंची इमारत पेइचिंग होटल की थी उस समय अनेक इमारतों का निर्माण किया जा रहा था। हम कारखाना देखने के लिए भी गए ।

मैं एक क्रिश्चियन हूं। इसलिए हर शहर में जाकर मैं चर्च जाती हूं। पेइचिंग, क्वांग चोउ, छांग शा आदि बड़े शहरों में अनेक चर्च हैं। उस समय सिर्फ बूढे चर्च में जाते थे, लेकिन अब बहुत युवा भी चर्च में जाने लगे हैं।

हम सन् 1984 से पेइचिंग में रहने लगे। मैंने चीन के प्रतिरक्षा विश्वविद्यालय में 10 साल तक अंग्रेजी पढ़ाई । 10 साल पहले मैंने थाई ची छवान भी सीखना शुरु किया था। अब हर हफ्ते कई बार थाई ची छवान का अभ्यास करती हूं। थाई ची छवान का अभ्यास करने वाले बहुत से मेरे दोस्त भी एक साथ अभ्यास करते हैं। मैं हर हफ्ते तैरती हूं, चर्च जाती हूं। इसलिए मैं स्वस्थ हूं।

30 साल पहले पेइचिंग में पेड़ कम थे। अब यहां का वातावरण पहले से अच्छा है। हालांकि ज्यादा गाड़ियां हो गई हैं। कारखाने तो शहर के बाहर पहुंचा दिए गए हैं। शहर में ज्यादा पेड़ व घास लगाई गई है। वायु की गुणवत्ता भी सुधरी है। मेरा बेटा पर्यावरण संरक्षण का काम करता है।

ल्यु आई लुन के बेटे श्री ल्यु टेंग ली का अमरीका में जन्म हुआ है। सन् 1979 में वे पहली बार चीन में आए, उस समय उन की उम्र 26 वर्ष की थी। उन्होंने पेइचिंग भाषा कालेंज में एक साल तक चीनी भाषा पढ़ी। इस के बाद कोलम्बिया ब्रोडकास्ट कंपनी सी.बी.एस के पेइचिंग संवाददाता कार्यालय में काम करने लगे। इन सालों में वे पर्यावरण संरक्षण का काम देखने लगे हैं।

जब मैं पहली बार चीन आया,तो चीन में बहुत गरीबी थी। पेइचिंग में पेड़ों की संख्या कम थी। लेकिन उस समय प्रदूषण भी कम था। गाड़ियों की संख्या इतनी अधिक नहीं थी। 90 वाले दशक से वातावरण के प्रदूषित होने की स्थिति भी बढ़ने लगी है। लेकिन चीन में योजना अर्थतंत्र को बाजार अर्थतंत्र में बदला गया है। अब चीन में बहुत बड़े खुले बाजार हैं। सुधार व रूपांतरण की नीति लागू की जाने के 30 सालों के बाद चीन एक शांतिपूर्ण और समृद्ध देश बन गया है।

सुधार व रूपांतरण की नीति लागू की जाने और अर्थतंत्र के तेजी से विकास करने के साथ-साथ चीन में प्रदूषण की समस्या भी गंभीर होने लगी है। मुझे लगता है कि प्रदूषण की समस्या का सामना करने के लिए मुझे कुछ करने की ज़रूरत है। यह मेरा कर्तव्य है। सन् 1995 में मैं कई सालों के अपने मीडिया के अनुभवों के आधार पर पर्यावरण शिक्षा का मीडिया प्रोग्राम बनाने लगा। हमारे प्रोग्राम पर्यावरण संरक्षण के वीडियो चीन में आयात करेंगे और यहां पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा देंगे। चीन के राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण ब्युरो की मदद से हम ने चीन जापान मैत्रीपूर्ण पर्यावरण संरक्षण केंद्र भी स्थापित किया है और चीन में सब बड़ा पर्यावरण समाचार डेटाबेस भी स्थापित किया है। इस के बाद हम वीडियो बनाने, जल, हरितभूमि, आर्द्रभूमि का अध्ययन करने आदि का कार्य भी करने लगे हैं।

सन् 1995 से श्री ल्यु डेन ली पश्चिमी चीन के पर्यावरण की समस्या पर ध्यान देना शुरु किया। वे पीली भूमि के पठारी क्षेत्र जाकर वहां के पर्यावरण की स्थिति का अध्ययन करने लगे और वहां के पर्यावरण की रक्षा करने की कोशिश भी की।

अमरीका में छठे व सातवें दशक में प्रदूषण की गंभीर समस्या थी। उस समय समाज में पर्यावरण संरक्षण की अनेक गतिविधियां चलायी गयीं। जिस से अमरीकी लोगों में पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता पैदा हुई। अब चीन में लोगों में पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता बढ़ाने की जरुरत है। हम ने कुछ साल पहले एक जांच पड़ताल की। उस समय बहुसंख्यक लोगों ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की समस्या उन से संबंधित नहीं है। वे पर्यावरण संरक्षण की गतिविधि में भाग नहीं लेंगे। लेकिन अगर अब आप फिर यह जांच पड़ताल करेंगे तो पाएंगे कि चीनी लोग एक अच्छे वातावरण की अपने जीवन में महत्ता समझने लगे हैं।

पीली भूमि के पठार वाले क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के कार्यों पर श्री ल्यु डेन ली भी प्रसन्न हैं। उन के विचार में अगर पीली भूमि फिर से हरी भूमि बन जाए तो स्थानीय लोग सामाजिक जीवन व अर्थतंत्र के सतत विकास को आगे बढ़ा सकेंगे।

चीनी लोग विकास के एक ठोस रास्ते पर चल रहे हैं। वे पर्यावरण संरक्षण क्षेत्रों और उद्योग क्षेत्रों को स्थापित करने की योजना बना रहे हैं और योजना के अनुसार काम कर रहे हैं। वे हरी भूमि का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। अब पेइचिंग की पर्यावरण स्थिति अच्छी है जिस से हम भी प्रभावित हुए हैं। पहले लंदन में भी वायु की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी। लेकिन बाद में इस की स्थिति सुधारी गयी है। हमें विश्वास है कि अगर हम कोशिश करेंगे तो पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त कर सकेंगे। चीन के परंपरागत दर्शन के अनुसार पुरूष को प्रकृति का समादर करना चाहिए। यह दर्शन मौजूदा जीवन में भी सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है। चीन पूर्वी एशिया का सांस्कृतिक केंद्र है। हमें विश्वास है कि चीन पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपनी नेतृत्वकारी भूमिका अदा कर सकेगा।

अच्छा। आज का हमारा कार्यक्रम अब समाप्त होता है। अब विदा लेने का समय आ गया है। आप पवन को आज्ञा दें। नमस्ते।

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