Web  hindi.cri.cn
चीन ने पहली बार मुख्य अतिथि के रूप में फ्रेन्कफर्ट पुस्तक मेले में भाग लिया
2009-11-04 14:20:03

2009 के फ्रेन्कफर्ट अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में चीन ने पहली बार मुख्य अतिथि देश के रूप में मेले में भाग लिया, चीन के पुस्तक प्रदर्शनी हाल में 1200 वर्ग मीटर मुख्य अतिथि हाल के अलावा, 2500 वर्ग मीटर चीनी मुख्य हाल भी है। मुख्य अतिथि हाल में चीनी परम्परागत सांस्कृतिक दृश्यों के डिजाइनों व चीनी अदभुत शैलियों ने अनगणित दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया और उसने चीनी व विदेशी मीडियाओं का भी ध्यान खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

फ्रेन्कफर्ट अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला वर्तमान दुनिया का सबसे बड़े पैमाने वाला पुस्तक मेला है और दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा के आदान प्रदान का मंच भी है। इस साल के मेले में 100 से अधिक देशों व क्षेत्रों से आए 7000 पुस्तक व्यपारियों ने मेले में पुस्तकों का आदान प्रदान व प्रकाशन अधिकार का सौदा किया। 1988 से फ्रेन्कफर्ट अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले ने मुख्य अतिथि देश स्थापित किया, जिस में मुख्य तौर से अतिथि देश के प्रकाशन उद्योग व उस देश के प्रचुर संस्कृति व परम्परा को दर्शाया जाता है।

चीन इस अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले का 22 वां मुख्य अतिथि देश है। अदभुत नमूना व सृजन विषय नाम वाले इस पुस्तक मेले में चीन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहा, यह पेइचिंग ओलम्पिक के बाद चीन का सबसे महत्वपूर्ण वैदेशिक सांस्कृतिक प्रदर्शन गतिविधि है और यह नए चीन की स्थापना के 60 सालों में चीन के प्रकाशन उद्योग का विदेश में आयोजित सबसे बड़े पैमाने वाला व सबसे प्रभावशाली प्रकाशन सांस्कृतिक आदान प्रदान गतिविधि भी रही है। उद्घाटन समारोह में चीनी उप राष्ट्राध्यक्ष सी चिंग फिंग ने सांस्कृतिक आदान प्रदान पर भाषण देते हुए कहा

एक मुख्य अतिथि देश के रूप में इस बार के फ्रेन्कफर्ट मेले में भाग लेना से न केवल चीन को पूरी तरह दुनिया की बेहतरीन संस्कृति को पहचानने व अहसास करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिला है, बल्कि इस पुस्तक मेले ने दुनिया के विभिन्न देशों को नजदीकी से चीन की संस्कृति का अवलोकन व महसूस करने की एक महत्वपूर्ण खिड़की भी खोली है। हम फ्रेन्कफर्ट अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में भाग लेने के दौरान दुनिया को चीन की गहन-निहित और अदभूत व अनूठी मनोहर संस्कृति का प्रदर्शन कर चीन के प्रकाशन उद्योग का विभिन्न देशों के प्रकाशन जगत के साथ आपसी अदला बदली व सहयोग को अधिक आगे बढ़ाने की अपेक्षा करते हैं।

चीनी प्रकाशन उद्योग के फलते फूलते विकास की बदौलत वर्तमान चीन ने दुनिया के करीब 200 से अधिक देशों व क्षेत्रों के साथ पुस्तक, प्रकाशन कापी राइट के आदान प्रदान गतिविधि स्थापित की हैं, इस के साथ 35 देशों के साथ एक दूसरे के बेहतरीन पुस्तक आदि प्रस्तुतियों का अनुवाद करने के समझौते भी संपन्न किए हैं। गुजरे एक साल में चीन ने कुल 2 लाख 70 हजार किस्म की पुस्तकों का प्रकाशन किया है, और विदेशों से करीब 17 हजार किस्म की पुस्तकों की कापी राइट का भी आयात किया है।

जर्मन प्रधान मंत्री मर्केल ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए चीन को इस मेले में अतिथि देश के रूप में भाग लेने की बधाई दी और विश्वास के साथ कहा कि इस पुस्तक मेले से वृहद सांस्कृतिक देश चीन और विश्व के बीच की आपसी समझ व विश्वास को प्रेरणा मिलेगी । उन्होने कहा

साहित्य एक देश की संस्कृति को समझने का महत्वपूर्ण माध्यम है। चीन का साहित्य अधिकतर जर्मन लोगों के लिए अजनबी नहीं है। मैं इस बार इस मेले में भाग लेने आए सभी चीनी लेखक प्रतिनिधि मंडल का स्वागत करती हूं। मुझे बड़ी हुई है कि चीन इस बार के पुस्तक मेले का मुख्य अतिथि देश बना है। मैं चीन के इस बार के मेले के दौरान भरपूर व रंगबिरंगी गतिविधियों का प्रदर्शन करने की अपेक्षा करती हूं, यह भी चीन की अभिलाषा है।

चीन के प्रकाशन उद्योग के पास 1200 वर्ग मीटर मुख्य अतिथि देश का प्रदर्शन हाल है। चीन ने नए चीन की स्थापना के बाद के पिछले 60 सालों का सबसे बड़े पैमाने वाले पुस्तक प्रतिनिधि मंडल को इस पुस्तक मेले में भाग लेने के लिए भेजा है, इस में 196 प्रकाशन उद्योग भाग ले रहे हैं और वे 7600 किस्म की पुस्तकों का प्रदर्शन करेंगे।

इस अन्तर्राष्ट्रय मेले में भाग लेने वाले आनहुए प्रकाशन समूह ने अपने छह प्रिंटिंग संस्थाओं के 250 किस्मों की पुस्तकों को लेकर इस मेले में भाग लिया है। अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग विभाग की अधिकारी चू छांग आए ने जानकारी देते हुए कहा कि गत वर्ष के फ्रेन्कफर्ट पुस्तक मेले में हमारे समूह के प्रकाशन विभागों ने 50 से अधिक निर्यात मुददे संपन्न किए थे, इस साल हम और अधिक मुददे लेकर इस मेले में भाग ले रहे हैं। उन्होने कहा

 हम इस बार के फ्रेन्कफर्ट पुस्तक मेले में प्रकाशन राइट निर्यात के करीब 50 मुददे संपन्न करेंगे, अन्य कुछ मुददे हम विदेशी व्यपारियों के साथ संपर्क कर चुके हैं और इस पुस्तक मेले के दौरान उनसे सहयोग पर बातचीत करेंगे। इस से पहले हमने करीब 100 व्यपारियों के साथ संपर्क कर लिया है, करीब 60 व्यपारियों ने पुस्तक मेले में वार्तालाप करने पर रजामन्दी जाहिर की है, ये सब हमारे इस साल के अगले छह महीनों व आने वाले साल के पहले छह महीनों के सहयोग के मुददे रहेंगे।

इस पुस्तक मेले में मुख्य अतिथि देश के हाल में चीन ने करीब 69 मीटर लम्बी व 11 हजार पुस्तकों से लटकी एक बलखाती पुस्तक दीवार का निर्माण किया है, पूरा हाल मानों एक पुस्तक अध्ययन सागर की लहर की तरह पूरे हाल में झूमता नजर आ रहा है। इस हाल के चीनी डिजाइनर ली ची वए ने इस पुस्तक दीवार की जानकारी देते हुए कहा

पुस्तक दीवार ने हाल के पूरे खाली वायुमंडल को घेर लिया है। चीनी संस्कृति का केन्द्रीय चिन्ह चीनी लिपि उसका केन्द्र रही है। पुस्तक की इस लम्बी दीवार के बाहरी वायु मंडल में प्राचीन चीनी लिपि च्याकूवन नाम के अक्षरों व इन्टरनेट के साथ घनिष्ठ संबंध रखने की अदभुत तकनीक को दर्शाया है। पुस्तक में हमने बहुत से खाली पन्ने रखे हैं, वास्तव में किताबों में खाली पन्ने नहीं होते हैं, इस से हम केवल यह दिखाना चाहते हैं कि मानव जीवन में अभी भी बहुत से काम हैं जिन्हे पूरा नहीं किया गया है और उसे आगे पूरा किया जाएगा, इस लिए मानव को अपने अध्ययन के रास्ते को लगातार तय करने की कोशिश जारी रखनी चाहिए।

मुख्य अतिथि देश के हाल में चीन ने अपने कागज अविष्कार, प्रिन्टिंग अविष्कार तथा इलैक्ट्रोनिक तकनीक के उपयोग को अपने प्रकाशन का चिन्ह रखा है, जिन्हे प्राचीनतम कागज, प्रिन्टिंग अविष्कार व विकास, आधुनिकतम प्रकाशन आदि चार विषयों से विभाजित कर दर्शकों के आगे दर्शाया गया है। चीन के प्रकाशन इतिहास व संस्कृति तथा चीन की सभ्यता के विकास के दौर, भविष्य व उसके प्रचुर गुणों का जिक्र करते हुए जर्मनी की दर्शक सुश्री वोल्टर ने कहा

चीनी हाल बेहद लाजवाब है, मैं तो पूरी तरह मंत्रमुग्ध हो गयी हूं। और तो और चीनी हाल एक चीन की परम्परागत दर्शन शास्त्र विचारधारा , परम्परा कला व आधुनिक छवि से मिश्रत एक अनुपम व सौन्दर्य प्रदर्शनी है।

इस के अलावा, चीन ने इस बार के सुअवसर का फायदा उठाकर अनेक सांस्कृतिक मनोरंजन कार्यक्रमों को भी दर्शकों के आगे दर्शाया है, चीन की अनूठी व अदभुत कला प्रदर्शनी व उसकी मनोरमता ने दर्शकों का मन जीत लिया। हाल के बाहर का मुख्य अतिथि चीनी हाल वाले तम्बू में तिब्बत का मशहूर थांगखा चित्र, शैडो शो, म्योओ जाति की दस्ताकारी व रंगबिरंगी पतंगे आदि सांस्कृतिक विरासत की नुमाइश भी लगायी गयी है।

संदर्भ आलेख
आप की राय लिखें
सूचनापट्ट
• वेबसाइट का नया संस्करण आएगा
• ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा
• दस सर्वश्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन
विस्तृत>>
श्रोता क्लब
• विशेष पुरस्कार विजेता की चीन यात्रा (दूसरा भाग)
विस्तृत>>
मत सर्वेक्षण
निम्न लिखित भारतीय नृत्यों में से आप को कौन कौन सा पसंद है?
कत्थक
मणिपुरी
भरत नाट्यम
ओड़िसी
लोक नृत्य
बॉलिवूड डांस


  
Stop Play
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040