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किर्गिज़स्तान के पूर्व विदेशमंत्री इमानालिएव का साक्षात्कार
2009-10-29 09:17:35

श्रोता दोस्तो, किर्गिजस्तान चीन के पड़ोसी देशों में से एक है। दोनों देशों के बीच 1100 किलोमीटर लंबी सीमा है। सन् 1992 के आरंभ में चीन और किर्गिजस्तान ने कूटनीतिक संबंध स्थापित किए। इस के बाद दोनों देशों के संबंधों का स्थिर विकास हो रहा है। दोनों देश अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भी एक दूसरे का समर्थन करते रहे हैं और आपस में अच्छी तरह सहयोग करते रहे हैं। हाल में हमारे सी.आर.आई के संवाददाता वांग डे लू ने किर्गिज़स्तान के पूर्व विदेशमंत्री इमानालिएव के साथ साक्षात्कार किया। लीजिए, सुनिए, चीन और किर्गिज़स्तान के संबंधों के बारे में श्री इमानालिएव का एक साक्षात्कार।

श्री इमानालिएव ने चीन में तैनात किर्गिज़स्तान के पूर्व राजदूत के रुप में कई सालों तक काम किया है। वे बहुत अच्छी तरह चीनी भाषा बोल सकते हैं। श्री इमानालिएव के विचार में उन्होंने अपनी आंखों से चीन का विकास देखा है। उन्होंने कहा

नए चीन की स्थापना किए जाने के बाद चीन में अर्थतंत्र व समाज का तेजी से विकास हुआ है। इन 60 सालों के विकास के बाद चीन मौजूदा दुनिया में एक मुख्य बड़ा देश बन गया है। चीन ने अर्थतंत्र के क्षेत्र में बहुत उल्लेखनीय उपल्बधियां प्राप्त की हैं। चीन का समाज स्थिर है। मैंने अपनी आंखों से यह देखा है कि चीनी लोगों की जीवन स्थिति बेरोकटोक आगे बढ़ रही है।

श्री इमानालिएव ने यह भी कहा कि चीन का पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने की राजनयिक नीति किर्गिज़स्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा

राजनयिक क्षेत्र में चीन ने किर्गिजस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण कूटनीतिक संबंध स्थापित करने की नीति बनायी। चीन की यह राजनयिक नीति किर्गिज़स्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। चीन सरकार और चीनी जनता ने किर्गिज़स्तान के आर्थिक विकास, स्वतंत्रता आदि क्षेत्रों में बहुत मदद की है। हम चीन के साथ मैत्रीपूर्ण पड़ोसी संबंध को अच्छी तरह महसूस करते हैं।

श्री इमानालिएव के विचार में जटिल सीमा समस्या का समाधान करने के बाद किर्गिज़स्तान और चीन के संबंध और आगे बढ़ाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा

मेरे विचार में किर्गिज़स्तान स्वतंत्र होने के बाद चीन के साथ पड़ोसी संबंध को स्थिरता से आगे बढ़ा रहा है। दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण पड़ोसी संबंध स्थापित करने की अच्छी स्थिति है। दोनों देशों के बीच कुछ महत्वपूर्ण समस्याएं भी हैं जिन में सब से जटिल समस्या दोनों देशों के बीच सीमा समस्या है। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय कानून और दोनों देशों के बीच संपन्न किए गए समझौते के अनुसार अब दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता सफलता से हल हो गई है। मुझे विश्वास है कि किर्गिज़स्तान और चीन की सीमा मैत्री और सहयोग की सीमा है। यह दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

चीन और किर्गिज़स्तान के मैत्रीपूर्ण संबंधों में आर्थिक सहयोग सब से मुख्य भाग है। किर्गिज़स्तान के लोग चीनी सामान और चीनी खाने को पसंद करते हैं। वे अक्सर चीनी सामान व खाना खरीदते हैं। बिशकेक में चीनी भोजनालयों की संख्या मध्य एशिया में सब से अधिक है। इस शहर में शांगहाई, यांगत्जी नदी नामक चीनी भोजनालय बहुत लोकप्रिय है। चीनी जनता की मैत्री की स्मृति में किर्गिज़स्तान सरकार ने बिशकेक के एक मार्ग को तंग श्याओ पिंग मार्ग का नाम भी दिया है।

अब किर्गिज़स्तान चीन के स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल में तीसरा बड़ा व्यापारिक साझेदार है। चीन भी किर्गिज़स्तान का दूसरा बड़ा व्यापारिक दोस्त बन गया है। श्री इमानालिएव ने किर्गिज़स्तान और चीन के बीच व्यापार संबंध के क्षेत्र में यह बात कही।

दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध स्थापित किए जाने के बाद आर्थिक व्यापार भी तेजी से विकसित हुआ है। किर्गिज़स्तान में चीनी व्यापारियों ने हमारे आर्थिक विकास के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। बहुत से चीनी व्यापारियों ने हमारे कारोबार में पूंजी निवेश किया है। दोनों देशों ने रेल लाइन और खनिज विकास के क्षेत्र में बहुत सहयोग किया है।

श्री इमानालिएव के विचार में किर्गिज़स्तान में कन्फ्यूशियस कालेज खोलना दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक नया भाग है। उन्होंने कहा

दोनों देशों ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में बहुत काम किया है। अब किर्गिजस्तान के सैकड़ों छात्र चीन में पढ़ते हैं। किर्गिज़स्तान के बिशकेक में भी दो कन्फ्यूशियस कालेज खोले गए हैं। यह किर्गिज़स्तान के युवाओं को चीन के लिए इतिहास, भाषा और संस्कृति पढ़ने का एक बहुत अच्छा मौका है।

श्री इमानालिएव ने किर्गिज़स्तान और चीन के संबंध का उच्च मूल्यांकन किया। उन्हें आशा है कि दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण पड़ोसी संबंध पीढ़ी दर पीढ़ी जारी रहेंगे। साक्षात्कार समाप्त करते समय उन्होंने रूसी और चीनी भाषा में चीन को और विकास करने की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा

मुझे आशा है कि चीन ज्यादा समृद्ध होगा। पड़ोसी दूर के एक रिश्तेदार से बेहतर है। मैं ने सन् 1993 में यह कहा था कि अगर चीन की स्थिति अच्छी है, तो किर्गिज़स्तान की स्थिति भी अच्छी होगी।

श्रोता दोस्तो, आप सुन रहे हैं सी.आर.आई के विदेशी दोस्तों की निगाहों में चीन की स्थिति का कार्यक्रम । आज आप ने सुना,किर्गिज़स्तान के पूर्व विदेशमंत्री इमानालिएव का साक्षात्कार।

अच्छा, आज का हमारा कार्यक्रम अब समाप्त होता है। अगले हफ्ते फिर मिलेंगे। पवन को आज्ञा दें। नमस्ते। (पवन)

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