यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, कार्यक्रम सुनने के लिये आप का हार्दिक स्वागत। मैं आप की दोस्त रूपा। दोस्तो, नये चीन लोक गणराज्य की स्थापना के 60 सालों से अभी तक बहुमुखी ताकत कदम ब कदम बढ़ने के चलते आर्थिक विकास को उन्नत करने व जलवायु परिवर्तन के मुकाबले में या क्षेत्रीय सवालों के समाधान को बढ़ाने में चीन ने अधिक ब अधिक भूमिका अदा की है और एक बड़ा जिम्मेदाराना देश की छवि दिख गया है। सुनिये विस्तार से।
सितम्बर 2008 से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट दुनिया में फैला हुआ है। संकट के मुकाबले के लिये चीन ने घरेलू मांगों का विस्तार करने व आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिये अर्थतंत्र को उत्साहित करने वाली एकमुश्त योजना बनायी, जिस से चीन के अर्थतंत्र का तेज व स्वस्थ विकास बना रही है और दुनिया की आर्थिक स्थिरता व विकास के लिये योगदान किया गया है। इस के साथ चीन ने वित्तीय संकट के सामने के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की विभिन्न कार्यवाहियों में सकारात्मक भाग लिया और संरक्षणवाद का सक्रिय रूप से विरोध किया, जिस से संरक्षणवाद को रोकने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का समान विचार बढ़ गया। थाइलैंड के प्रधान मंत्री भवन के मंत्री विराचैइ ने हमारे संवाददाता के साथ साक्षात्कार में विश्वव्यापी वित्तीय संकट के मुकाबले में चीन की सकारात्मक भूमिका का उच्च मुल्याकंन किया। उन्होंने कहा
मेरे विचार में वर्तमान दुनिया अर्थतंत्र के सामने खड़ी सब से अहम चुनौती संरक्षणवाद है। चीनी अर्थतंत्र दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान लेता है और चीन नेव्यापार व पूंजीनिवेश के क्षेत्रों में खुली नीति लागू की है, जिस से दुनिया के अर्थतंत्र की बहाली में चीन अहम भूमिका अदा करेगा।
चीनी अर्थतंत्र के दसेक विकास के दौरान चीन के सामने विभिन्न पर्यावरण सवाल खड़े हुए हैं, जो विकसित देशों को सौ साल की औद्योगिकीकरण के दौरान मिली है। एक विकासमान देश के रूप में विश्व जलवायु परिवर्तन सवाल को लेकर चीन ने 4 जून 2007 को जलवायु परिवर्तन के मुकाबले के लिये चीन का तरीका जारी किया, जिस में ऊर्जा किफायत व कम निकासी लक्ष्य पेश की गयी है। यह तरीका जलवायु परिवर्तन के मुकाबले के लिये विकासशील देश द्वारा पेश प्रथम राष्ट्रीय तरीका है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण विकास कार्यलय स्थित चीनी स्थायी प्रतिनिधि जांग मिंग ने जून 2007 को नैरोबी में चीन सरकार द्वारा जारी तरीके को अवगत कराया और दुनिया से जलवायु परिवर्तन का समान सामना करने की अपील की। उन का कहना है
जलवायु परिवर्तन के मुकाबले के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को घनिष्ठ सहयोग करना चाहिये। इस तरह का सहयोग विकसित देशों के बीच दिख जाता है और विकासशील देशों के बीच भी। हमें सहयोग से जलवायु परिवर्तन से पैदा चुनौतियां का समान सामना करना चाहिये। क्योंकि यह मानव का समान जिम्मेदार है।
बहुमुखी ताकत निरंतर उन्नत होने के चलते चीन ने क्षेत्रीय स्थिरता व विकास में रचनात्मक भू्मिका अदा की है। ईरान की नाभिकीय समस्या पर चीन राजनीतिक समाधान पर कायम रहकर वैदेशिक मध्यस्थता सक्रिय रूप से करता रहता है। सूडान के दारफूर सवाल पर चीन सरकार के विशेष प्रतिनिधि की नियुक्ती की गयी और दारफूर क्षेत्र को शांति स्थापना सेना भेज भी दिया गया है। सुरक्षा परिषद में पारित संबंधित प्रस्ताव के अनुसार चीनी नौसेना ने गत साल के अंत में जहाजों की रक्षा के लिये अडेन खाड़ी व सोमाली समुद्री क्षेत्र को जहाज दल भेज दिया। इस साल 18 अप्रैल को चीनी प्रथम खेप वाले अनुरक्षण दल का मिशन संतोषजनक पूरा हो गया। दल के निर्देशक हू वेइ ह्वा ने परिचय देते हुए कहा कि जहाज की रक्षा दर 100 प्रतिशत तक पहुंची। उन्होंने कहा
6 जनवरी से एडेन खाड़ी में प्रवेश के बाद प्रथम खेप वाले अनुरक्षण दल ने 212 जहाजों की रक्षा की और 3 जहाजों को सफलता से बचाया ।
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मामलों में चीन जिम्मेदाराना देश की छवि दिख गया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव की मांग पर चीन ने 1990 से हर साल संयुक्त राष्ट्र संघ को शांति स्थापना के लिये सैन्य पर्यवेक्षक भेजा है। अफ्रीका, मध्य पूर्व व लातिन अमरीका में चीनी शांति स्थापना सेना देख सकता है। हैती का उदाहरण किया गया, 17 अक्तुबर 2004 से चीन सरकार ने क्रमशः हैती को आठ खेप वाले शांति स्थापना सेना भेजा। संयुक्त राष्ट्र-हैती दल के महानिर्देशक दिएलो ने हाल में हमारे संवाददाता के साथ साक्षात्कार में कहा कि 2004 में संयुक्त राष्ट्र-हैती दल की स्थापना से उन्होंने हैती में शांति स्थापना सेना की प्रदर्शनी को साक्षी की है। उन का कहना है
चीनी सैनिक अच्छी तरह मिशन पूरा करते हैं। सूर्य शहर व मार्टिसान में गड़बड़ के निपटारे में उन की कार्यवाही बहुत व्यवसायिक है। वे संयुक्त राष्ट्र-हैती क्षेत्र में सब से अच्छी सेना में से एक है।
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मामलों में सकारात्मक भाग लेने के अलावा, नये चीन की स्थापना के 60 सालों से चीन ने 100 से अधिक देशों व क्षेत्रों को सहायता प्रदान की है और लगभग 2000 विभिन्न कार्यक्रमों का निर्माण किया है। 2009 के आरंभ में एच एक एन एक फ्लू दुनिया में फैलना शुरू हुआ। मैक्सिको शहर की स्थिति एच एक एन एक फ्लू के फैलने के आरंभिक काल में सब से गंभीर था। चीन सरकार ने मैक्सिको सरकार को 50 लाख अमरीकी डालर मूल्य मानवीय सहायता दी। 1 मई को चीन द्वारा मैक्सिको को दी गयी प्रथम खेप वाली सामग्री मैक्सिको पहुंचते समय मैक्सिको के राष्ट्रपति कालडेरोन अपने आप को हवाई अड्डा गये। उन्होंने अपने भाषण में चीन पर आभार व्यक्त करते हुए कहा
मैं मैक्सिको जनता व सरकार की ओर से चीनी जनता व चीन सरकार की सहायता पर आभारी हूं। चीन ने हमें दसेक टन चिकित्सा सामग्री प्रदान की।
2006 में चीन ने सामंजस्यपूर्ण दुनिया का विचारधारा पेश किया, जिस में देशों के बीच शांतिपूर्ण रहने, अर्थतंत्र में समान जीत प्राप्त करने तथा संस्कृति में मतभेद छोड़कर समानता खोजने पर बल दिया गया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बानकिमून ने जुलाई 2008 को चीन की प्रथम यात्रा करते समय आशा जतायी। उन्होंने कहा कि दुनिया में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में चीन को अधिक भूमिका अदा करनी चाहिये। उन्होंने कहा
दुनिया में सब से अधिक जनसंख्या व सब से तेज विकास वाले देश के रूप में चीन विश्वव्यापी जिम्मेदार लेता है। चीन को अपने जिम्मेदार लेकर दुनिया के हितों को ध्यान करना चाहिये। मेरी आशा है कि चीन सरकार व जनता अंतर्राष्ट्रीय मामलों में सकारात्मक भाग ले सकेंगी।
अच्चा दोस्तो, आज के कार्यक्रम यहीं तक समाप्त । अब रूपा को आज्ञा दें, नमस्ते।(रूपा)