वांग च्यैई हैई नान के वू ची शैन के उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में ली जाति की एक गाईड हैं। उन के लिए, पहाड़ों में पर्यटकों के साथ दौरा करते समय गीत गाना एक बहुत सुखद बात है।
मैं आप लोगों के लिए ली जाति के गीत गाऊंगी। यह एक मधुर लोरी है, जिस के बोल इस तरह हैं। सोओ, बच्चे। जल्दी से बढ़ो, जल्दी सोओ। आशा है कि बड़े होने के बाद तुम माता पिता के लिए और ज्यादा काम करोगे।
वांग च्यैई का घर वू ची शैन पहाड़ की तलहटी में स्थित श्वेई मैन काऊंटी में है। श्वेई मैन काऊंटी की आबादी 4000 से कम है, जहां ली व म्याओ जाति के लोग एक साथ रहते हैं। वू ची शैन क्षेत्र हैई नान प्रांत की ली जाति का प्रमुख क्षेत्र है, और ली जाति के गीतों का प्रमुख उद्गम स्थल भी है। ली जाति के लोग, चाहे छोटे हों या बड़े, चाहे पुरुष हों या महिला, सब लोग ली जाति के लोकगीत गाना पसंद करते हैं। दैनिक जीवन में ली जाति का महत्वपूर्ण स्थान है। ली जाति के लोकगीतों में श्रम गीत, प्रेम गीत आदि विविधतापूर्ण गीत हैं।
ली जाति की महिला वांग श्वेईपींग का घर वू ची शैन शहर की छुंग शैन कस्बे के जाना गांव में है।गत वर्ष उस ने नये मकान में स्थानांरित किया। वांग श्वेईपींग के घर में 100 से ज्यादा रबर के पेड़ हैं। वह खेती में अनाज उगाती है, सूअर पालन करती है और फुरसत के समय घर में कपड़ों पर ली जाति की शैली की बुनाई यानि लीचीन बुनती है।
10 की उम्र से ही वांग श्वेईपींग ने लीचीन बुनना शुरु कर दिया था ।वह गांव में लीचीन बुनने की मशहूर कलाकार है।ली जाति की महिलाओं द्वारा बुनाई किया गया दैनिक माल हालिया हैई नान की विशेषता वाला उपहार बन चुका है, जिस का देश विदेश के पर्यटकों ने स्वागत किया है।लीचीन की एक पौशाक 300 चीनी य्वान में बेची जा सकती है। एक महीने में वांग श्वेईपींग लीचीन बुनने से कई सौ चीनी य्वान की आमदनी हासिल कर सकती है।इधर के वर्षों में घर की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। भविष्य के जीवन के प्रति वांग श्वेईपींग को पूरा विश्वास है। उन्हें आशा है कि उस के दो बच्चे विश्वविद्यालय में पढ़ सकेंगे।
मेरी योजना है कि मेरा बेटा विश्वविद्यालय में पढ़ सकेगा। मैं बच्चों का पूरा समर्थन करती हूं।
उसी रात, वांग श्वेईपींग तथा आसपास के गांव की ली जाति की बहनों ने अपने द्वारा बुनी गयी पौशाक पहनकर गांव के चौक पर नृत्य किया और गीत गाया।
ली जाति का मधुर गीत वू ची शैन में गूंज रहा है। हैई नान प्रांत के सान या शहर की फडं ह्वांग कस्बे की पींग लांग गांव ली जाति का एक गांव है, जहां हर एक परिवार के आंगन में अखरोट के पेड़ उगे हैं। नदी का साफ सुथरा पानी गांव में से गुज़रता है। यहां का दृश्य अत्यन्त सुहावना है। ली जाति के किसान फू देह्वेई ने कहा कि खेती में फसल उगाने, पशु पालन करने से ली जाति के किसानों की आमदनी में भारी वृद्धि हुई है। उन के अनुसार,
मैं आम, आर्किड एवं अखरोट आदि से हर वर्ष 40 हजार चीनी य्वान कमा सकता हूं और पशु पालन से और 40 हजार चीनी य्वान कमाता हूं। इसलिए, मेरी वार्षिक आमदनी 80 हजार से ज्यादा चीनी य्वान तक पहुंच सकती है।
पहले फू देह्वेई छोटी व टूटी-फूटी झोंपड़ी में रहता था। अब झोंपड़ी ईंटों की इमारत में बदल गयी है।गत वर्ष उन्होंने नये मकान में स्थानांतिरत किया और अपने घर में पर्यटकों का सत्कार करना शुरु किया। उन के अनुसार, बाद में हम गांव में पर्यटन का विकास करेंगे। मैंने अपने मकान के सामने एक मंडप बनाया है , जहां पर्यटक यहां का स्थानीय खाना खा सकते हैं।
पींगलांग गांव एक सुन्दर ग्रामीण पार्क की तरह है, जहां हरे-हरे पेड़ व घास और रंग बिरंगे फूल उगे हैं। ली जाति के लोग पूरा दिन मेहनत करने के बाद पेड़ों के नीचे बांस नृत्य करते हैं और गाते हैं।
बांस नृत्य पुराने समय में हैई नान की ली जाति के लोगों द्वारा पूजा करने का एक तरीका था। युग में परिवर्तन होने के साथ-साथ, आजकल बांस नृत्य सांस्कृतिक गतिविधि एवं खेल का एक तरीका है। पर्यटक पींगलांग गांव में किसानों के घर जाकर स्थानीय खाना खा सकते हैं और ली जाति के लड़कों व लड़कियों के साथ बांस नृत्य भी कर सकते हैं।
ली जाति के लोगों के लिए सब से महत्वपूर्ण उत्सव 3 मार्च का त्योहार है। चीनी पंचांग के अनुसार, हर वर्ष 3 मार्च तारीख को ली जाति के लोग सुन्दर वेशभूषा में यहां इकट्ठा होते हैं। वे लोग एक साथ गाते हैं, नाचते हैं और तीरंदाजी, कुश्ती,स्वांग आदि विभिन्न जातीय खेल प्रतियोगिता करते हैं। युवक युवतियां अलाव को घेरकर आधी रात तक शराब पीते हैं , गाना गाते हैं और नाचते हैं।
अब हर वर्ष का 3 मार्च त्योहार ली जाति के लोग, यहां तक कि पूरे हैई नान प्रांत की जनता के जीवन का एक अखंडनीय भाग बन चुका है।त्योहार के दौरान, ली जाति की संस्कृति की संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है और जातीय लोकगीत व लोकनृत्य का आयोजन भी होता है।
इस परम्परागत त्योहार का युवती वांग छ्यैई युन के लिए विशेष अर्थ है।
मुझे यह त्योहार सब से अच्छा लगता है। यह त्योहार बाहरी दुनिया के सामने हमारी ली जाति की संस्कृति एवं इतिहास प्रतिबिंबित करता है। इतना ही नहीं, इस त्येहार से हालिया जीवन यहां तक भविष्य के जीवन के प्रति हमारा सपना भी जाहिर होता है।