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ग्रामीण कृषि तकनीशियन जांग वेइ पिंग के केरियर विकास की कहानी
2009-10-01 10:37:41

चीन एक बड़ा कृषि प्रधान देश है। लम्बे समय से चीन सरकार कृषि, गांव व किसान संबंधी सवालों के समाधान को बड़ा महत्व देती रहती है। भूमि कृषि व देहात का सब से प्रमुख उत्पादन तत्व होती है। ग्रामीण मूल के सुयोग्य व्यक्ति कृषि, गांव व किसान संबंधी सवालों के समाधान में सब से कुंजीभूत क्रियाशील तत्व है। इधर के वर्षों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी व चीन सरकार ने कृषि उत्पादन और ग्रामीण विकास को उदारता देने वाली अनेक नीतियां बनाकर लागू की है, जिस से गांव और कृषि कार्य का जोरदार विकास हो सका और अतीत के गरीब क्षेत्रों का अब कायापलट हुआ । इस के कारण 13 सालों से पहले हाई स्कूल से स्नातक छात्र जांग वेइ पिंग ने शहर में अपनी उच्च शिक्षा पूरी करके फिर गांव वापस लौट कर अपनी जन्म भूमि में स्वतंत्र केरियर करना शुरू किया। आज के कार्यक्रम में हम ग्रामीण कृषि तकनीशियन श्री जांग वेइ पिंग के केरियर विकास की कहानी सुनाएंगे।

इस साल 32 वर्षीय जांग वेइ पिंग युनान प्रांत के शी श्वांग बान ना प्रिफएक्चर के मोहान सीमा पोर्ट क्षेत्र के शांग योंग कस्बे के एक किसान हैं। उन्होंने 1996 में हाई स्कूल से स्नातक कर विश्वविद्यालय में दाखिला पाया। विश्वविद्यालय में पढ़ने के दौरान श्री जांग वेइ पिंग ने यह संकल्प कर लिया था कि वे भावी जीवन में सक्रिय रूप से अपने केरियर का विकास करने की कोशिश करेंगे और ज्यादा योगदान कर सकेंगे। चीन में सुधार व खुलेपन की नीति के गहन रूप से चलने तथा सरकार द्वारा कृषि और ग्रामीण सवालों को अधिक ध्यान दिये जाने के परिणामस्वरूप श्री जांग वेइ पिंग के सामने ग्रामीण क्षेत्र में शानदार केरियर बनाने का अच्छा मौका पैदा किया गया और उन के लिए सुनहरा भविष्य खुल गया ।

गत शताब्दी के नब्बे वाले दसक के अंत तक चीन सरकार ने किसानों को अमीर बनाने के लिये खेतीबाड़ी, वृक्ष रोपण और पशुपालन करने के लिए प्रोत्साहन दिया, जिस से जांग वेइ पिंग ने अपनी जन्मभूमि का विकास करने पर ध्यान देना शुरू किया। संजीदा चिन्तन व विचार और बारंबार जांच पड़ताल के जरिये विश्वविद्यालय में सिर्फ एक सत्र तक पढ़ने वाले श्री जांग वेइ पिंग ने अपनी पढ़ाई छोड़ देने का फैसला लिया और अपनी जन्मभूमि लौट कर हरी मीर्च के पेड़ रोपना शूरू किया। वे स्वतंत्र रूप से केरियर करने लगे। किन्तु उन के फैसले का सभी परिजनों व रिश्तेदारों ने विरोध किया । इसे लेकर श्री जांग वेइ पिंग के छोटे भाई ने हमें बतायाः

उसी समय कोई भी व्यक्ति मेरे बड़े भाई के फैसले का समर्थन नहीं करता था। हमारी आशा है कि वे विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी करेंगे। लेकिन मेरे बड़े भाई का अपना विशेष स्वभाव है जिस से वे अपने फैसले को कभी नहीं बदलते हैं।

बीती हुई बातों की याद करते हुए श्री जांग वेइ पिंग ने प्रभावित हुए हमें बतायाः

उसी समय सभी लोग मेरे फैसले को नहीं समझते थे, वे समझते थे कि गांव में लौटकर किसान बनने का भविष्य अच्छा नहीं है। लेकिन मुझे लगता है कि बहुत से किसान अच्छी तरह सब्जी फलों की खेती कर सकते हैं। मुझे उच्च शिक्षा मिली है, मैं जरूर उन से अधिक बेहतर कर सकूंगा। उसी समय हमारे गांव में अधिकांश लोग तरबूज की खेती करते थे। मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर बाजार सर्वेक्षम के लिये खुनमिंग शहर गया और और बाजार सर्वेक्षण से पता चला है कि हरी मीर्च के उत्पादन से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसलिये मैं ने काली मीर्च की खेती करने का निश्चय किया।

समुन्नत विज्ञान और देश के किसानों को दी गयी उदारता वाली नीति के समर्थन से श्री जांग वेइ पिंग के हरी मीर्च उत्पादन कार्यक्रम में बड़ी सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने वैज्ञानिक प्रबंध तरीके व खेतीबाड़ी के तरीके से हरी मीर्च के किस्मों का सुधार व विकास किया तथा इस के साथ साथ अन्य प्रकार की सब्जियों और फलों का रोपण करना शुरू भी किया, जिस के फलस्वरूप उन्हें बड़ी रकम का मुनाफा हासिल हुआ और अपने लिए मजबूत वित्तीय आधार तैयार हो गया।

अमीर बने जांग वेइ पिंग ने अपने केरियर का सफल विकास करने के अलावा स्थानीय किसानों का नेतृत्व कर सामूहिक समृद्धि बनाने का रास्ता खोजा। उन्होंने शांगयोग कस्बे में शीतकालीन सब्जी व फल संघ की स्थापना की और स्थानीय 400 से अधिक किसान परिवारों का नेतृत्व कर हरी मीर्च का उत्पादन शुरू किया और विशेष आर्डर तरीके से कृषि व्यवसाय संचालन से स्थानीय किसानों की आय बहुत अधिक बढ़ायी। इसके परिणामस्वरूप अतीत के गरीब और पिछड़े हुए गांव को वैचारिक बंधन से निजात गांव वासियों के हाथों से हरी मीर्च उत्पादन का श्रेष्य़ स्थान बन गया । इस के बारे में परिचय देते हुए श्री जांग वेइ पिंग ने कहाः

किसानों द्वारा हरी मीर्च की खेतीबाड़ी के बाद हम उन्हें उत्पादों को बेचने के लिये भी सहायता देते हैं। किसानों के सभी उत्पादन साधन संघ द्वारा प्रदान किया जाता है। हम समर्थन दाम बनाते है ताकि हरेक एकड़ के खेत से किसानों की सब से नीची आय 6000 य्वान से अधिक होने की गारंटी की जाती है । इस तरह मुनाफे के बारे में किसानों के सामने कोई भी चुनौती नहीं है।

श्री जांग वेइ पिंग के विचार में ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के बहुत से मौके मौजूद हैं। यदि हम साबित कदम से काम कर लेंगे, तो किसान अपनी समृद्धि का विस्तार कर सकेंगे। एक मेहनत व बुद्धिमान किसान के रूप में अपनी जन्मभूमि में हरी मीर्च उत्पादन का विकास करना अपना दृढ़ विकल्प है।

श्रोता दोस्तो, अभी आप ने ग्रामीण कृषि तकनीशियन जांग वेइ पिंग के केरियर विकास की कहानी सुनी है। कार्यक्रम सुनने के लिये आप को धन्यवाद, अब रूपा को आज्ञा दें, नमस्ते।(रूपा)

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