चीन व हाजिकस्तान के सीमांत क्षेत्र में पश्चिमी चीन का सब से बड़ा सड़क पोर्ट होर्गोस पोर्ट स्थित है। होर्गोस पोर्ट का इतिहास 128 वर्ष लम्बा है, जिस से सौ वर्षों में चीन के विदेशी व्यापार का विकास प्रतिबिंबित होता है। चूंकि होर्गोस पोर्ट पश्चिमी चीन, मध्य एशिया व युरोप को जोड़ता है, इसलिए, वह मध्य एशियाई देशों के चीन में प्रवेश करने का द्वार है। इस का बहुत महत्वपूर्ण व्यापारिक स्थान है। होर्गोस पोर्ट सिनच्यांङ के सुन्दर ईली हाजाक स्वायत प्रिफेक्चर में स्थित है, जो एक व्यस्त वाणिज्यक स्थल है, जिस का नाम होर्गोस पोर्ट अंतरराष्ट्रीय सहयोग केंद्र है। वहां विभिन्न किस्मों का माल मिलता है। सिनच्यांङ के ईली हाजाक स्वायत प्रिफेक्चर होर्गोस पोर्ट में किस तरह अपने संसाधनों से पर्यटन अड्डे की स्थापना की गई है? आज के इस कार्यक्रम में हम आप लोगों को यह बताएंगे।
गर्मियों के दिनों में सिनच्यांङ का होर्गोस पोर्ट बहुत सुंदर दिखाई पड़ता है, लाल-लाल फूल, हरे पेड़ों पर हवा में हिलते पत्ते और आकाश में फहराता हुआ रंगीन झंडा ।
होर्गोस पोर्ट सिनच्यांङ के ईली स्वायत प्रिफेक्चर की होछन काऊंटी में स्थित है, जो चीन व हाजाक की सीमा पर है। वह सिनच्यांङ व मध्य एशिया के विभिन्न देशों के बीच व्यापार करने के महत्वपूर्ण पोर्टों में से एक है और सिनच्यांङ के हुंछीलापू एवं आलाशैन पोर्ट के साथ ये सिनच्यांङ के तीन प्रमुख पोर्ट माने जाते हैं।
व्यापार का विस्तार करने के लिए वर्ष 2007 में होर्गोस पोर्ट ने 60 करोड़ से ज्यादा चीनी य्वान की पूंजी लगाकर चीन-हाजाक होर्गोस अंतरराष्ट्रीय सहयोग केंद्र का निर्माण शुरु किया। 5.28 वर्गकिलोमीटर वाले इस सहयोग केंद्र में सिनच्यांङ पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक सलाह-मश्विरा करेगा, व्यापार बिक्री व वित्तीय सेवा देगा। सीमांत व्यापार कमेटी की कम्युनिस्ट पार्टी के महा सचिव श्वू जी छन ने परिचय देते हुए बताया,
हम मुख्यतः दो महत्वपूर्ण औद्योगिक उद्यानों का निर्माण करना चाहते हैं। यहां रेल मार्ग के खुलने से कुछ लॉजिस्टिक्स कारोबार इस में भाग लेंगे।
सिनच्यांङ के होर्गोस पोर्ट के सहयोग केंद्र ने देश के बड़े कारोबारों के इस में भाग लेने, आर्थिक व व्यापारिक विकास करने और पर्यटन अड्डे का निर्माण करने में सफलता हासिल की है।
बड़े कारोबारों व अच्छे उत्पादों के समर्थन में सिनच्यांङ के होर्गोस पर्यटन ब्यूरो ने केंद्र के क्षेत्र में पर्यटन की क्षमता को विकसित करने की कोशिश की है। चूंकि होर्गोस पोर्ट शहर नहीं है, वह केवल एक पोर्ट है, जहां अनेक सुन्दर प्राकृतिक दृश्य, बड़े घास मैदान, बड़े जंगल व नदियां नहीं हैं, फिर भी पोर्ट की यात्रा करने वाले पर्यटकों की संख्या ज्यादा है। आंकड़ों के अनुसार, गत वर्ष इस पोर्ट में यात्रा करने आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग 1 लाख तक पहुंची है। होर्गोस क्यों इतने ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करता है ?होर्गोस सीमांत व्यापार कमेटी के जिम्मेदार श्वू जी छन ने परिचय देते हुए बताया,
हाजिकस्तान के 3 लाख से ज्यादा पर्यटक शॉपिंग करने के लिए यहां आते हैं। इतना ही नहीं, हमारे यहां आकर देश का द्वार देख सकते हैं और सीमांत पर खड़े स्मारक भी देख सकते हैं। सिनच्यांङ में अनेक पोर्ट हैं, लेकिन, हमारे यहां यह एकमात्र ऐसी जगह है, जहां लोग द्वार देखने के साथ-साथ सीमांत स्मारक भी देख सकते हैं।यह भी पर्यटकों को आकर्षित करने का एक कारण है।
आज होर्गोस पोर्ट अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक शहर का निर्माण करने की कोशिश कर रहा है। यह सिनच्यांङ में सब से बड़ा मध्य एशियाई व्यापारिक शहर है। सीमांत व्यापार कमेटी के जिम्मेदार श्वू जी छन ने कहा कि सहयोग केंद्र और ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करेगा। उन के अनुसार,
अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य सहयोग केंद्र में एक बड़ा बाजार है, यह पर्यटकों को आकर्षित करने वाली प्रमुख जगह है। लोग यहां न केवल शॉपिंग करते हैं, बल्कि यात्रा भी करते हैं। सहयोग केंद्र में होटल हैं और दृश्य स्थल भी हैं। हमारा लक्ष्य है कि पर्यटकों में यहां का दौरा करने के बाद फिर एक बार यहां आने की इच्छा पैदा हो।
सिनच्यांङ के होर्गोस पोर्ट के नेता पोर्ट के पर्यटन के विकास पर बड़ा महत्व देते हैं। खासकर इधर के दो वर्षों में विभिन्न मेलों के जरिये सिनच्यांङ ने होर्गोस पोर्ट को विश्व के विभिन्न स्थलों के लोगों से परिचित करवाया है। संबंधित सरकारी विभागों ने विदेशी व्यापार एवं पर्यटन के सहयोग केंद्र का निर्माण करने के साथ-साथ पोर्ट के दुकानदारों के लिए अनेक उदार नीतियां भी बनाई हैं।
अब सिनच्यांङ का होर्गोस पोर्ट उदार नीतियों के जरिये व्यापारियों को वहां पूंजी निवेश करने के लिए आकर्षित कर रहा है, विदेशी व्यापार से पर्यटन को प्रेरित किया जा रहा है और पर्यटन से अर्थतंत्र के विकास को आगे बढ़ाया जा रहा है। होर्गोस पोर्ट में चीन व हाजिकस्तान के सीमा पार का पर्यटन, सीमांत क्षेत्र में शॉपिंग व सर्वेक्षण दौरा आदि पर्यटन लाईनों को खोला गया है। स्थानीय सरकार होर्गोस पोर्ट को मध्य एशिया की ओर सिनच्यांङ का पर्यटन अड्डा बनाने का प्रयास कर रही है।
आज का होर्गोस पोर्ट एक सुन्दर स्थल है और आधुनिक लॉजिस्टिक्स केंद्र व वाणिज्यक केंद्र भी है। बाजार में रुसी गुड़िया, फ्रांसिसी इत्र, तुर्की शाल आदि बेचे जाते हैं। श्री फैन या मीन यहां की एक लॉजिस्टिक्स कंपनी के जिम्मेदार हैं। बचपन से वह होर्गोस में रहते हैं। उन्होंने होर्गोस में हुए परिवर्तन को अपनी आंखों से देखा है। उन के अनुसार,पहले यह जगह बहुत छोटी थी। दस वर्ष पहले मैं नहीं सोच सकता था कि इस का इतना विकास होगा। आज का होर्गोस कस्बा बहुत बड़ा है।
भविष्य में होर्गोस पोर्ट में चीन-हाजिकस्तान सीमांत सहयोग केंद्र की स्थापना की जाएगी। इस केंद्र में वाणिज्य वार्ता हो सकती है, माल का प्रदर्शन किया जा सकता है और विभिन्न किस्मों के क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक व व्यापार सम्मेलन का आयोजन भी हो सकता है। चीन व हाजिकस्तान के नागरिक इस केंद्र में स्वतंत्र रुप से व्यापार कर सकेंगे और वीजा के बिना इस केंद्र में 30 दिनों तक ठहर भी सकेंगे।इन कदमों से होर्गोस पोर्ट में आदमियों की आवाजाही ज़रुर बढ़ेगी। होर्गोस पोर्ट की प्रबंध कमेटी के उप प्रधान श्री ल्यू च्यैन लीन ने कहा कि होर्गोस पोर्ट सड़क, रेल मार्ग एवं प्राकृतिक गैस पाईप का आधुनिक पोर्ट बन सकेगा।
सहयोग केंद्र दोनों देशों के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाएगा। शांगहाई सहयोग संगठन के ढांचे में यह केंद्र चीन व अन्य देशों के बीच आर्थिक व व्यापारिक संबंध की स्थापना करने के लिए आधार तैयार करेगा। हमारा मुख्य मकसद है कि दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक संबंध तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाया जाए। भविष्य में होर्गोस पोर्ट आयात-निर्यात व्यापार का केंद्र बनेगा, जो आयात-निर्यात माल की प्रोसेसिंग एवं सुयोग्य व्यक्तियों का अड्डा भी होगा। हम आशा करते हैं कि होर्गोस पोर्ट विदेशी व्यापार व प्रोसेसिंग उद्योग पर निर्भर रह कर वाणिज्य व पर्यटन शहर बनेगा।
सौ वर्ष पुनारा होर्गोस पोर्ट का भविष्य और उज्ज्वल होगा।