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अंतरिक्ष में बढ़ाया पहला कदम चीन के अंतरिक्ष कार्य के तेज विकास का सबूत है
2009-09-28 16:05:16

इस साल चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ है। पिछले दसेक वर्षों के अथक प्रयास व विकास तले इधर के सालों में चीन की राष्ट्रीय समग्र विज्ञान तकनीक शक्ति विशेषकर अंतरिक्ष क्षेत्र की विज्ञान तकनीक बहुत ही आकर्षजनक रहा है। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को चीन के पहले अंतरिक्षयात्री के अंतरिक्ष में बढ़ाये पहले कदम को लेकर चीन की स्थापना के पिछले 60 सालों में अंतरिक्ष क्षेत्र में हासिल विज्ञान तकनीक उपलब्द्धियों पर कुछ जानकारी देगें।

27 सितम्बर 2008 में भूमि से 300 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में चीनी अंतरिक्षयात्री चाए ची कांग ने चीनी लोगों का अंतरिक्ष में पहला कदम बढ़ाया।(आवाज 1) सनचओ अंतरिक्ष यान यात्री आप को बताना चाहता है कि मैं अंतरिक्ष मोडयूल से बाहर निकल चुका हूं, मेरी शारीरिक स्थिति बहुत अच्छी है, पूरे देश की जनता व पूरी दुनिया की जनता को मेरा सलाम । अभी आप ने चीन के अंतरिक्षयात्री के अंतरिक्ष में बढ़ाए पहले कदम के समय उनके दिए शुभकामना संदेश सुना था। इस से साबित होता है कि चाए ची कांग न केवल चीन के पहले स्पेस वाक करने वाले अंतरिक्षयात्री है, बल्कि रूस और अमरीका के बाद चीन अंतरिक्षयान से बाहर निकलकर स्पेश वाकिंग करने की तकनीक प्राप्त उच्च कोटि तकनीक वाला तीसरा देश बन गया है।

समानव अंतरिक्ष तकनीक विविध विज्ञान विषयों से मिश्रत एक जटिल तकनीक है। वह रोकेट, अंतरिक्षयान, दूर संचार निरीक्षण व नियंत्रण आदि सात व्यवस्थाओं से जुड़ी तकनीक है और वर्तमान विश्व के सबसे जटिल, सबसे विशाल व सबसे जोखिम वाली परियोजना है। चीन समानव अंतरिक्ष परियोजना के उप निर्देशक चांग च्येन छी ने कहा कि बिना उच्च विकसित विज्ञान तकनीक व वैक्षानिक तकनीक क्षमता के अंतरिक्षयान से बाहर निकलकर स्पेस वाकिंग करना नामुमकिन होगा। उन्होने कहा(आवाज2) हमारे अंतरिक्षयान को ओक्सीजन मोडयूल के टूटकर बाहर निकलने व बराबर दबाव तकनीक से निपटने के अलावा, अपने देश द्वारा निर्मित अंतरिक्ष यूनीफोर्म , माइक्रो मशनीनरी तकनीक व कुछ नवीन सामग्री तकनीक से भी कौशलता से निपटने की क्षमता प्राप्त होनी चाहिए।

अलबत्ता, इस तरह की तकनीक 60 साल पहले चीनी लोगों के लिए एक सुदूर सपना ही था। उस समय चीन के पास न ही अंतरिक्षयान को छोड़ने के लिए रोकेट थे, न ही अन्तरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा से मुकाबला करने वाली तकनीकी दल था, पूरे देश में विज्ञान तकनीक अनुसंधान कार्यकर्ताओं की कुल संख्या केवल 500 ही थी।

नए चीन की स्थापना के प्रारम्भिक काल में राष्ट्र ने विज्ञान तकनीक के विकास को एक महत्वपूर्ण स्थान पर रखा और विज्ञान तकनीक विकास की दूरगामी योजना कार्यक्रम तैयार की। 1964 में उत्तर पश्चिम चीन के विशाल रेगिस्तान के आकाश के उपर धमाके के धुएं से बना कुकुरमुत्ता आकार वाले घने बादल ने दुनिया को आश्चर्य में डाल दियाः चीन के पहले एटम बम के विस्फोट परीक्षण को सफलता हासिल हुई। तीन साल के बाद, चीन ने अपना पहला हाइड्रोजन बम के विस्फोट का परीक्षण किया। 1970 में चीन का पहला तुंग फंग हुंग नम्बर एक नाम का कृत्रिम पृथ्वी उपग्रह सफलता से अंतरिक्ष में छोड़ा गया। तब से दो नाभिकीय बम व एक उपग्रह की सफलता ने चीन की राष्ट्रीय विज्ञान तकनीक को प्रबल किया और इस आधार पर चीन ने अन्तरराष्ट्रीय मंच में अपनी महत्वपूर्ण स्थान की नींव भी डाली। चीनी विज्ञान तकनीक मंत्रालय के संबंधित प्रभारी मए युंग हुंग ने इस की चर्चा करते हुए कहा(आवाज3) हमारे देश ने विज्ञान तकनीक विकास में प्रचुर अनुभव एकत्र किए हैं, हमारे पास दुनिया में कम देखने को मिलने वाली संपूर्ण विज्ञान व्यवस्था है। इस के अलावा, हमने भरपूर विज्ञान तकनीक मानव संसाधन भी बटोरे हैं, जो विश्व में अव्वल स्थान पर गिने जाते हैं।

1978 में चीन ने आर्थिक सुधार व खुलेपन नीति लागू करना शुरू किया। उसी समय से ही चीन ने विज्ञान तकनीक को पहली उत्पादन शक्ति रणनीतिक विचारधारा निर्धारित की और बड़े जत्थे में विज्ञान तकनीक के अंग्रिम मोर्चे की ओर कदम बढ़ाया। दसेक सालों के परिश्रम से चीन ने अपने विज्ञान तकनीक की सूरत का काया पलट दिया, विज्ञान तकनीक शक्ति तेजी से उभरने लगी। इस से चीन की जनता के जीवन में भारी परिवर्तन आने के साथ चीनी लोगों ने विज्ञान तकनीक की गौरवता महसूस की। इस गौरव ने आखिर समानव अंतरिक्ष परियोजना को अत्यन्त प्रेरित किया। (आवाज4) निवासी सुश्री वांग ने कहाः मुझे बड़ा गौरव है, इस से मेरे देश की विज्ञान तकनीक पर चार चांद लगे हैं, हमारे देश की राष्ट्रीय शक्ति प्रबल होना हमारे लिए भारी महत्व रखता है, मैं अंतरिक्षयात्री से कहना चाहती हूं कि आप चीन के महान वीर हैं।

उधर निवासी श्री ल्यो ने कहाः सनचओ नम्बर सात अंतरिक्षयान के छोड़े जाने से हमारा कदम अंतरिक्ष में जा पहुंचा है, इस ने दुनिया को आश्चर्य में डाला है, मैं अपने देश की सफलता पर अत्यन्त गौरवता महसूस करता हूं।

समानव अंतरिक्ष परियोजना पिछली शताब्दी के 90 वाले दशक से शुरू हुआ था, अब तक हमने प्रचुर विज्ञान तकनीक हासिल कर ली है। अपने पहले समानव अंतरिक्ष उड़ान से पहले चीन ने अपनी शक्ति पर निर्भर रहकर 15 आकार वाले व 50 से अधिक उपग्रहों को अंतरिक्ष में छोड़ा , इस के सिवाए चीन ने अपनी शक्ति से छांगचंग नाम रखे सिलसिलेवार वाहन रोकेट निर्मित किए और उनसे 70 से अधिक देश विदेश के उपग्रहों को अंतरिक्ष में छोड़ने की सफलता हासिल की है।

चीन के समानव अंतरिक्ष परियोजना के तेज विकास ने अलग अलग तौर अक्टूबर 2003 में पहले अंतरिक्षयात्री को अंतरिक्ष में 21 घन्टे भेजने के बाद, 2005 में दो अंतरिक्षयात्रियों को पांच दिन की अंतरिक्षयात्रा में सफलता हासिल की। सितम्बर 2008 में चीन ने तीन अंतरिक्षयात्रियों को तीन दिन की अंतरिक्षयात्रा के लिए भेजा, इस मिशन में अंतरिक्षयात्री चाए ची कांग ने अंतरिक्ष में चीन की पहली स्पेस वाकिंग की।

और तो और चीन नें चांद में भी अपनी नजर रखी है। अक्टूबर 2007 में चीन ने पहला चांद सर्वेक्षण उपग्रह छांग ए नम्बर एक को छोड़ा, एक साल की उड़ान में चांद सर्वेक्षण उपग्रह ने नियमित विभिन्न सर्वेक्षण को बड़ी अच्छी तरह पूरा किया। चीन के चांद सर्वेक्षण परियोजना के महा डिजाइनर सुन च्या तुंग ने हमें बताया(आवाज 5) इस से पहले अंतरिक्ष गतिविधियां पृथ्वी से नजदीक वायु मंडल में जारी रही हैं, यानी पृथ्वी से कुछ सौ, हजार व 10 हजार से अधिक किलोमीटर दूरी उंचाई पर सर्वेक्षण जारी रहा है। अंतरिक्ष तकनीक की सफलता से उभरे हौसले ने हमें अंतरिक्ष खोज करने के कदमों को बढ़ावा दिया है, हमारा पहला कदम निसंदेह चांद की ओर जाना है।

इस के अतिरिक्त चीन ने 2007 से अपना बृहद यात्री विमान निर्मित करने की परियोजना को बखूबी अंजाम देना शुरू किया। चीनी अंतरिक्ष विज्ञान तकनीक उद्योग लिमेटड कम्पनी के महा इंजीनीयर कान ली वए ने कहा की चीन वर्ष 2020 में अपने पहले यात्री विमान को पा लेने में सफलता हासिल कर लेगा। उन्होने कहा(आवाज6) यदि हम योजनानुसार 2020 में अपना बृहद यात्री विमान का निर्माण पूरा कर लें, तो कहा जा सकता है कि हमारे देश की राष्ट्रीय शक्ति की प्रबलता उल्लेखनीय रूप से बढ़ जाएगी, इस से हमारे अन्य उद्योगों के विकास व उनकी प्रगति को भारी प्रेरित शक्ति मिलेगी।

इन सालों में चीन ने वेनएजुला, नाइजीरीया के लिए दूर संचार उपग्रह छोड़े हैं, इन उपग्रहों को फिलहाल इन देशों के दूर चिकित्सा इलाज, शैक्षिक सेवा आदि क्षेत्रों में बड़ी अच्छी तरह उपयोग किये जा रहे हैं।

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