विश्व बैंक ने 15 तारीख को वर्ष 2010 विश्व विकास रिपोर्ट विकास व जलवायु बदलाव जारी की ।रिपोर्ट में कहा गया है कि विकसित देशों को ग्रीस हाउस गैस का उत्सर्जन घटाने और विकासशील देशों को संबंधित धनराशि व तकनीकी सहायता प्रदान करने में तेजी लानी चाहिए ताकि जलवायु परिवर्तन का मुकाबला किया जाए ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के निपटारे क सिर्फ विकसित देशों पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए ।इसे विकासशील देशों की भागीदारी की जरूरत है ,लेकिन इस की पूर्वशर्त है कि विकसित देश विकासशील देशों को धनराशि व तकनीकी सहायता प्रदान करें ।क्योंकि जलवायु संकट विकासशील देशों से पैदा नहीं हुआ ,पर विकासशील देशों को इस से पैदा अधिकांश नुकसान झेलना पड रहा है ।
विश्व बैंक के महानिदेशक रोबर्ट जोलिक ने एक ब्यान में कहा कि जलवायु परिवर्तन से विकासशील देशों पर बडा प्रभाव पडा है ।यह संकट विकासशील देशों से पैदा नहीं हुआ ।इस संकट के मुकाबले के लिए उन में तैयारियों का अभाव है ।इसलिए चालू साल के अंत तक कोपेनहेगन जलवायु महासभा में एक न्यायपूर्ण समझौता संपन्न होना अत्यंत महत्वपूर्ण है ।
रिपोर्ट के विचार में जलवायु परिवर्तन के पूरे समाधान के लिए भावी कई दशकों में विश्व ऊर्जा ढांचे में बदलाव लाना पड़ेगा ।रिपोर्ट में चेतावनी दी गयी है कि वर्तमान वित्तीय संकट के बीच जलवायु परिवर्तन सवाल की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए ।