इस साल 8 अगस्त को पेइचिंग ओलम्पिक के सफल आयोजन की पहली वर्षगांठ है। पेइचिंग ओलम्पिक ने चीन के लिए मूल्यवान ओलम्पिक विरासत ही नहीं छोड़ी है, बल्कि पेइचिंग नागरिकों के जीवन तौर तरीकों व विचारधारा में भी भारी परिवर्तन लायी है, इस कार्यक्रम में हम आप को पेइचिंग ओलम्पिक के बाद पेइचिंग के जीवन में आए कुछ परिवर्तन की चर्चा करेगें ।
चाओ ची आओ का जन्म 8 अगस्त 2008 की सुबह को हुआ था, यह दिन पेइचिंग ओलम्पिक के उदघाटन का दिन था, इस दिन जन्म लेने वाले बच्चों को चीनी लोग ओलम्पिक शिशु के नाम से पुकारते हैं। लेकिन चाओ ची आओ की मां ली येन ने कहा कि असल में इस दिन बच्चे का जन्म का दिन नहीं था, न ही ओलम्पिक के दिन बच्चे को जन्म लेने के बारे सोचा था। वास्तव में 3 अगस्त बच्चे के जन्म का दिन था, आसपास के दोस्तों ने राय दी कि यदि एकाद दिन ठहर सके तो ओलम्पिक नाम का शिशु को जन्म दिया जाए तो कितना अच्छा होगा । आखिरकर इस बच्चे ने 8 अगस्त की सुबह के दिन जन्म लिया। बच्चे की मां ली येन ने कहा कि बच्चे की किस्मत में ओलम्पिक के दिन जन्म लेना था, यह उसकी अच्छी किस्मत है, इस लिए हमने उसका नाम ची आओ रखा यानी कि माता पिता का गौरव शिशु, या ओलम्पिक का बेटा। ली येन हमें बताया
हमने बच्चे से कहा कि बेटे तेरे जन्म के दिन पेइचिंग में दुनिया का महान जश्न ओलम्पिक का आयोजन किया जा रहा था, जब तू बड़ा हो जाएगा तो मामा पापा तुझे ओलम्पिक खेल दिखाने ले जाएगें। यह सुनते ही बच्चे ने अपना सिर उठाया, जैसे कि हम से कहना चाहता हो कि देखों यह है स्टेडियम का ट्रेक, यह है दर्शकों की सीटें , वह है वी आई पी लोगों की सीटें, वह मानो हमारी बातें बड़ी ध्यान से सुन रहा हो, हमें देर तक गौर से देखता रहा।
ली येन हमें बताया कि आशा है कि यह जन्म दिन हमारे बच्चे को ओलम्पिक की भावना से भर देगा, ताकि वह बचपन से खेलकूद व व्यायाम के आकर्षण को समझ सके और शारीरिक तन्दुरस्ती पर विशेषकर ध्यान दे। ली येन का यह विचार बहुत से पेइचिंग लोगों के मन की ही बात है। पेइचिंग ओलम्पिक के आयोजन होने से पेइचिंग लोगों के खेलकूद में बढ़ चढ़कर भाग लेने की भावना अधिक उजागर हुई, ओलम्पिक ने पेइचिंग वासियों को अधिकाधिक व्यायाम स्थलें व व्यायाम शालाएं प्रदान किए हैं। इस साल 72 वर्षीय बुजुर्ग चांग छुंग लू ओलम्पिक राष्ट्रीय तैराकी स्टेडियम यानी वाटर क्यूब के नजदीक रहते हैं। इस साल की जून को यह शानदार राष्ट्रीय तैराकी स्टेडियम आम लोगों के लिए खोल दिया गया, बुजुर्ग चांग छुंग लू ने स्टेडियम के खुलने के पहले ही दिन अपने पोते को लिए इस शानदार तैराकी स्टेडियम का आन्नद उठाने वहां जा पहुचें। उन्होने हमें बताया
मैं अपने पोते को लिए इस का अनुभव लेने आया हूं, लोगों को इस इमारत व इस के अन्दर की विशाल संस्थापनों को देखने का मन है, वह यह देखना चाहते हैं कि खिलाड़ी कैसे यहां रिकार्ड तोड़ते हैं, यह जगह वाकई लाजवाब है।
बुजुर्ग चांग छुंग लू के पोते की आयु 13 साल है, उसने अपने दादाजी की राय पर सहमति जताते हुए कहा
ओलम्पिक स्टेडियम खुल गया है, उसने हमारे लिए व्यायाम में शरीक होने का सुनहरा मौका दिया है, यह सचमुच ओलम्पिक स्टेडियम है, यहां की हर चीजें बहुत ही अच्छी हैं, तभी तो खिलाड़ी यहां पर जीत हासिल करते हैं, मैं भी इसका अनुभव करने आया हूं।
अलबत्ता राष्ट्रीय तैराकी स्टेडियम ने न केवल चीनी लोगों को बल्कि बहुत से विदेशियों को अपनी ओर आकर्षित किया है, उसको देखने के लिए लोग बड़ी तमन्ना लगाए रहते हैं। अधिकतर पेइचिंगवासियों के लिए असल में उनके नजदीक खेलकूद मैदान उनकी पहली पसंद होती है। इस साल 32 वर्षीय ली चाओ छयेन कम्पनी के एक कर्मचारी है, व्यस्त कार्यों के बाद वह अपने दोस्तों के साथ बालीबाल खेलना पसंद करते हैं। पहली बार जब वह पेइचिंग तकनालाजीकल यूनिवर्सिटी में स्थित ओलम्पिक बालीबाल स्टेडियम गए तो उन्हे अनोखा अन्दाज महसूस हुआ। उन्होने कहा
इतना शानदार बालीबाल स्टेडियम की भव्यता ने हमें आकर्षित ही नहीं किया बल्कि उसकी कारगरता व उसकी सुविधा ने हम पर बड़ा असर डाला है।
पेइचिंग ओलम्पिक की तैयारी के दौरान, ओलम्पिक स्टेडियमों के निर्माण के अलावा पेइचिंग शहर ने बड़ी संख्या में धनराशि शहर के आधारभूत निर्माण में डाली हैं, इन में आधे से ज्यादा धनराशि भूमिगत रेलवे, एक्सप्रेस वे व हवाई अडडे आदि संस्थापनों के निर्माण में डाली गयी हैं, शहर की चारों दिशाओं में जाने वाली भूमिगत रेलवे नेटवर्क ने लोगों के यातायात को बड़ी सुविधाए प्रदान की हैं,यह सभी पेइचिंग में आने वाले चीनीवासियों का पहला सबसे बढ़िया अनुभव रहा है। 28 साल उम्र की पेइचिंगवासी पी जी वी रोजाना चौथे रिंग रोड से तीसरे रिंग रोड की कम्पनी में काम करने आती हैं। भूमिगत रेलवे से पहले उसे इस फासले को तय करने के लिए दो घन्टे लगते थे। जबकि नयी भूमिगत नम्बर पांच व नम्बर 10 रेलवे लाइनों के खुलने से उसने उसके घर और उसकी कम्पनी को जोड़ दिया है, वह बड़ी सुविधा व आराम से नौकरी पर जा सकती हैं। उन्होने कहा
ओलम्पिक के आयोजन होने से शहर में बहुत सी नयी भूमिगत रेलवे लाइने खोली गयी हैं, मैं अब नम्बर पांच लाइन से शहर से दूर के अपने घर से शहर के केन्द्र स्थान में काम करने आ जा सकती हूं और मुझे कोई कठिनाईया जूझनी नहीं पड़ती, मेरा जीवन और सुविधाजनक हो गया है, मैं अपने मन चाहने वाली जगहों में बेफिक्र से जा सकती हूं, मैं अधिकतर जगहों से भूमिगत रेलवे लाइन ले सकती हूं।
2008 पेइचिंग ओलम्पिक के दौरान पेइचिंग ने वाहनों पर परिसीमन लगाया, वाहनों को अपने प्लेट नम्बर के हिसाब से एक हफ्ते में एक दिन वाहन चलाने की मनाही रखी गयी , इस तरह पेइचिंग की वायु गुणवत्ता में भारी सुधार आया, यातायात स्थिति में भी सुधार हुआ। हालांकि कुछ कार चलाने वालों को थोड़ी असुविधा तो महसूस हुई है लेकिन इस ने पेइचिंग के लिए अधिक नीले आकाश लाये हैं।इस को पेइचिंगवासियों का भारी समर्थन प्राप्त है, इस लिए आज भी पेइचिंग में वाहनों पर यही परिसीमन लागू करना जारी रखा जा रहा है। इस पर पी जी वी ने अपनी राय देते हुए कहा
आजकल पेइचिंग में कारों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, इस परिसीमन कार्यवाही से यातायात दबाव को थोड़ा बहुत हल्का किया जा सकता है और कारों की संख्या को घटाया जा सकता है। इस से वायु की गुणवत्ता में तरक्की हुई है। इस तरह मैं भी नौकरी पर जाने के लिए कार का कम उपयोग करने लगी हूं, इस से मेरा खर्चा भी कम हुआ है, आने जाने में लोगों को अधिक सुविधाएं हासिल हो रही हैं, मैं अब केवल सप्ताहांत में ही कार का प्रयोग करती हूं, मेरा पैसा कम खर्च होता है और हमारे शहर का वातावरण अधिक साफ होने लगा है।
ओलम्पिक के दौरान स्वंयसेवकों की मुस्कराहट व उनकी उच्च कोटि की सेवा ने लोगों पर बेहतरीन छाप छोड़ी है, ओलम्पिक की यह विरासत आज भी पेइचिंग के जीवन में दिखाई देती है। हर एक बड़ी गतिविधियों के दौरान बड़ी संख्या में स्वंयसेवकों की निस्वार्थी सेवा पेइचिंग के शहर की सुन्दरता व उसके व्यस्त जीवन में चार चांद लगा रही है। पेइचिंग ओलम्पिक के बाद ओलम्पिक की छोड़ी विरासत आज भी और कल भी पेइचिंग में ही नहीं बल्कि पूरे चीन में ओलम्पिक भावना और उसकी विचारधारा सभी चीनियों के जीवन व कार्यों में अपना करिश्मा दिखाती रहेगी।