इधर के वर्षों में विश्व के विभिन्न देशों ने ऊर्जा रणनीति में नई किस्म के ऊर्जा उद्योग के विकास को गति देने को प्राथमिकता दी है। विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट फैलने की स्थिति में विभिन्न देशों ने नई किस्म के ऊर्जा उद्योग के विकास को आर्थिक पुनरूत्थान के महत्वपूर्ण कदमों में से एक बनाया है। चीन ने ऐसा भी किया है। विभिन्न किस्मों की समर्थन नीति लागू करने के जरिये चीन में नई किस्म के ऊर्जा उद्योग के विकास की गति तेज होती जा रही है। सुनिए इसी के बारे में एक रिपोर्ट।
हाल में आयोजित एक बड़े पैमाने वाले व्यापार मेले में चीन के जांगसू प्रांत की आईटेफू लिमिटेड कंपनी द्वारा स्वः विकसित व निर्मित नई ऊर्जा से चालित साइकिल चीनी व विदेशी व्यापारियों में काफी पसंद की गयी है। दुनिया के 17 देशों के व्यापारियों ने उसी समय इस प्रकार के 20 हजार साइकिल खरीदने वाले ठेके पर हस्ताक्षर किये। कंपनी के सी ई ओ श्री शेन काई छङ ने संवाददाताओं को बताया कि कंपनी से निर्मित इस प्रकार के साइकिल को बड़ी पसंद मिलने का कारण यह है कि वह ऊर्जा किफायत व पर्यावरण संरक्षण देने वाली लिथियम बैटरी से चलायी जाती है। लिथियम बैटरियों का वजन बहुत हल्का ही नहीं, बल्कि प्रयोग के बाद वे वनस्पति के खाद के रूप में भी प्रयोग किए जा सकते हैं।
श्री शेन काई छङ ने संवाददाताओं से कहा कि ऊंची लागत होने के कारण इस से पहले ऐसी बैटरी का कोई भी इलेक्ट्रिक साइकिल उत्पादक कंपनी अपने उत्पादों में प्रयोग करना नहीं चाहती थी । चीन सरकार द्वारा नई किस्म के ऊर्जा उद्योग को सहायता देने की नीति अपनाने के बाद इस किस्म की बैटरी को वैज्ञानिक अनुंसधान संस्थाओं से बाजार में उतारा गया है। परिणामस्वरूप इस किस्म की बैटरी बाजार में बहुत लोकप्रिय हो गयी है। श्री शेन काई छङ ने कहाः
इस किस्म की बैटरी के प्रयोग में हम ने 6 करोड़ य्वान की पूंजी लगायी, जिन में से 3 करोड़ य्वान राष्ट्रीय सरकारी भत्ता से आयी है।
वास्तव में विश्व में तेल व कोयला आदि परंपरागत ऊर्जा संसाधनों का भंडार लगातार घट होने के चलते चीन ने अन्य देशों की तरह अनवरत पुनरूत्पादनीय ऊर्जा व नई ऊर्जा के विकास को गति दी है। तीन सालों से पहले चीन सरकार ने पुनरुत्पादनीय ऊर्जा विकास कानून जारी किया, जिस में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि नई पुनरूत्पादनीय ऊर्जाओं को ऊर्जा के विकास के प्राथमिक क्षेत्र में शामिल किया गया। चीन संबंधित वैज्ञानिक अनुसंधान व औद्योगिकरण विकास को सहायता हेतु धनराशि प्रदान करता है। इन सहायता नीति के बढ़ावे में चीन में नई किस्म के ऊर्जा उद्योग के विकास में निरंतर प्रगति मिलती गयी , जिन में पवन जेनेरेटरों की उत्पादन क्षमता में निरंतर तीन सालों में वृद्धि हुई और परमाणु ऊर्जा के निर्माण में बड़ी हद तक तेजी लायी गयी। इस के साथ साथ नई किस्म के ऊर्जा संसाधनों पर सामाजिक पूंजी का ध्यान भी आकर्षिक हुआ है।
जोंगडा कंपनी समूह चीन के एक बड़ी व मझौली बसों का उत्पादन करने वाला उद्यम है। कुछ समय पहले राष्ट्रीय वित्त द्वारा हर इलेक्ट्रिक बस को 6 लाख य्वान की भत्ता देने की नीति के प्रोत्साहन में इस उद्यम ने इलेक्ट्रिक बस के उत्पादन संबंधी नई ऊर्जा का कार्यक्रम शुरू किया। समूह के सी ई ओ श्यु ल्यान ख्वान ने परिचय देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम शुरू होने के समय कई जोखिम पूंजी निवेश संस्थाओं ने हमारे साथ संपर्क किया है। उन्होंने कहाः
हर दिन कम से कम चार-पांच पूंजी निवेश कोष, विदेशी पूंजी निवेश बैंक हमारे साथ संपर्क करने आए हैं, वे हमारे नई ऊर्जा उद्योग के विकास कार्यक्रम में भाग लेना चाहते हैं।
गत साल से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट के कारण चीन ने औद्योगिक ढ़ांचागत बंदोबस्त में तेली लायी । नई ऊर्जा को रणीतिक उद्योग का स्थान दे दिया गया। चीनी राष्ट्रीय ऊर्जा ब्यूरो के उपप्रभारी ल्यू जी ने हाल में आयोजित एक सभा में कहा कि सरकार के संबंधित विभाग कुछ क्षेत्रों में इस उद्योग के विकास की गारंटी करेंगे।
प्रथम, नई किस्म की ऊर्जा को एक रणनीतिक उद्योग बनाया जाएगा। दूसरा, नई ऊर्जा उद्योग का विकास कार्यक्रम बनाया जाएगा। तीसरा, नई किस्म की ऊर्जा के तकनीकी अनुसंधान को बढ़ाया जाएगा। चौथा, नई किस्म के ऊर्जा उद्योग में पूंजीनिवेश को जोरदार उन्नत किया जाएगा। पांचवां, व्यवस्थागत सुधार कर नई किस्म की ऊर्जा के विकास को बढ़ाया जाएगा ।
ल्यू जी द्वारा बताया गया नई ऊर्जा वाले उद्योग का विकास कार्यक्रम चीन सरकार द्वारा इस अप्रैल से शुरू की गयी एक अहम योजना है। सूत्रों के अनुसार इस योजना में कुल पूंजीनिवेश 30 खरब य्वान तक पहुंचेगा, जिन में पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि नई ऊर्जा शामिल हैं। इस में परंपरागत ऊर्जा संसाधनों के तकनीकी रूपांतरण से नयी किस्म की ऊर्जा बनाने का काम भी है। इस के बारे में ल्यू जी ने परिचय देते हुए कहाः
मेरे विचार में नई ऊर्जा योजना के तीन महत्व हैं। पहला, वर्तमान वित्तीय संकट का मुकाबला करना, घरेलू मांगों का विस्तार करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना है। दूसरा, जलवायु परिवर्तन का सामना करना, ऊर्जा ढ़ांचे का नया बंदोबस्त करना और ऊर्जा संसाधनों के अनवरत विकास को मुर्त रूप देना है। तीसरा, भविष्य में ऊर्जा के क्षेत्र में देश की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा शक्ति बढ़ाना है।
ल्यू जी के विचार पर अखिल चीनी उद्योग व वाणिज्य संघ की नई ऊर्जा सोसाइटी के उपाध्यक्ष श्यू ली मिंग सहमत हैं। श्यू ली मिंग के विचार में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट के प्रभाव में नई किस्म के ऊर्जा उद्योग का विकास चीन के समग्र अर्थतंत्र को प्रेरित करने की भूमिका अदा करेगा। उन का कहना हैः
सकल अर्थतंत्र को प्रेरित करने की नीति ने नई किस्म के ऊर्जा उद्योग के विकास को बढ़ावा दिया है। सरकार द्वारा 1 या 2 अरब य्वान लगाने से खरब मूल्य वाले बाजार का विस्तार हो सकेगा। नई किस्म की ऊर्जा के विकास से अर्थतंत्र में पांच गुनी वृद्धि होगी।
चीन में सब से पूर्व विकास में लाए और भारी उपलब्धि प्राप्त नई ऊर्जा नाभिकीय ऊर्जा है। शून्य प्रदूषित चीजों की निकासी वाली ऊर्जा के रूप में नाभिकीय ऊर्जा को चीन ने जोरदार विकसित किया है। 2007 में चीन सरकार ने नाभिकीय ऊर्जा संबंधी मध्यकालीन व दीर्घकालीन विकास योजना जारी की जिस के अनुसार 2020 तक चीनी की नाभिकीय बिजली उत्पादन क्षमता 4 करोड़ किलोवाट होगी जो देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता की 4 प्रतिशत पहुंचेगी । चीनी राष्ट्रीय ऊर्जा ब्यूरो के उपप्रभारी शुन छिन का विचार है कि इधर वर्षों में नाभिकीय ऊर्जा के डिजाइन, संचालन व प्रबंधन, संयंत्र बनाने और मानव शक्ति संसाधन के प्रशिक्षण में चीन की कार्य क्षमता दिनोंदिन उन्नत होती जा रही, इसलिये पूर्व योजना को भी उचित रूस से समन्वित करना चाहिये। उन्होंने कहाः
हमारे विचार में पूर्व योजना को उचित रूप से रद्दोबदल करना चाहिये, 2020 तक नाभिकीय बिजली की उत्पादन क्षमता देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता की 5 प्रतिशत होनी चाहिए ,क्योंकि चीन में नाभिकीय ऊर्जा के विकास की बड़ी शक्ति निहित है।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय तक इस साल चीन सरकार द्वारा नई ऊर्जा विकास क्षेत्र में लगायी गयी विभिनन रूपों की पूंजी व भत्ता 6 अरब य्वान से अधिक हो गयी है, जो गत साल की इसी अवधि से कहीं अधिक है। (रूपा)