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अध्यापिका फान और उन के दो हजार बच्चे
2017-07-30 19:47:30 cri

फान यूल्येन के पिता जी हान जाति के हैं, और मां वेवूर जाति की हैं। इसलिये उन्हें बचपन से ही हान व वेवूर दोनों भाषाएं आती हैं। लंबे समय तक बाहर में काम करने के अनुभव से वे गहन रूप से यह जानती हैं कि जीवन बिताने में भाषा इतना महत्वपूर्ण है।

समय के चलते ज्यादा से ज्यादा लोग प्यार कक्षा को जानते हैं, और फान यूल्येन पर ज्यादा से ज्यादा विश्वास करते हैं। बहुत मां-बाप अपने बच्चे को फान के यहां लाते हैं। रयहानगुल यासन तो उन में से एक है। जब उन का बेटा किन्डर्गार्टन में था, तो वे अपने बेटे को इस प्यार कक्षा में लाये। उन्होंने कहा,अब मेरा बेटा अच्छी तरह से बातचीत कर सकता है। थांग राजवंश की कविताएं भी सुना सकता है। अध्यापिका ने बहुत ध्यान से उसे सिखाया, तो उसे चीनी में बड़ी प्रगति प्राप्त है। वह होमवर्क भी अच्छी तरह से लिख सकता है। और घर वापस करके मेरे साथ बातचीत करना पसंद करता है। यह प्यार कक्षा बहुत अच्छी है।

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