Sunday   may 25th   2025  
Web  hindi.cri.cn
"एक पट्टी एक मार्ग" से श्रीलंका को विकास का नया मौका मिलेगा
2017-05-15 14:45:12 cri

इस वर्ष चीन और श्रीलंका के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच "रबर-राइस संधि" पर हस्ताक्षर करने की 65वीं वर्षगांठ भी है। चीन स्थित श्रीलंका के पूर्व राजदूत बर्नार्ड गूनेटिल्लेके ने हाल ही में चाइना रेडियो इन्टरनेशनल के संवाददाता को दिए एक खास इन्टरव्यू में कहा था कि श्रीलंका और चीन के बीच मित्रवत आवाजाही का इतिहास बहुत पुराना है। कुछ दिन बाद पेइचिंग में आयोजित "एक पट्टी एक मार्ग" अंतरराष्ट्रीय सहयोग के शिखर मंच से दोनों देशों के बीच चतुर्मुखी सहयोग को मज़बूत किया जाएगा और साथ ही श्रीलंका के विकास को नया मौका मिलेगा।

गूनेटिल्लेके ने कहा कि साल 2013 में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने "एक पट्टी एक मार्ग" का प्रस्ताव पेश किया था, जिसे श्रीलंका की पूर्व और वर्तमान सरकार का पूरा समर्थन मिला। श्रीलंका इस प्रस्ताव के रणनीतिक महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है, रेशम मार्ग आर्थिक पट्टी देश के लिए महत्वपूर्ण है। श्रीलंका के विचार में इस प्रस्ताव से श्रीलंका को वाणिज्य और विकास का मौका ही नहीं, बल्कि इससे रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे, इसके साथ ही श्रीलंकाई जनता को मेलजोल के अधिक अवसर भी मिलेंगे।   

गूनेटिल्लेके ने कहा कि श्रीलंका हिंद महासागर में एक मोती माना जाता है। वह 21वीं शताब्दी के समुद्री सिल्क रोड से संबंधित एक महत्वपूर्ण देश है। वर्ष 1952 में चीन और श्रीलंका के बीच राजनयीक संबंधों की स्थापना नहीं करने की स्थिति में दोनों देशों की सरकारों ने औपचारिक रूप से चावल से रबर बदलने के "रबर-राइस संधि" पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद के कई दशकों में अर्थतंत्र, राजनीति, संस्कृति, बौद्ध धर्म और शिक्षा जैसे अलग क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच मित्रवत सहयोग का बड़ा विकास हुआ है। दोनों देशों के बीच राजनयीक संबंधों की स्थापना के बाद अब तक के 60 वर्षों में श्रीलंका और चीन अच्छे पड़ोसी के साथ साथ अच्छे मित्र भी हैं। चीन के साथ मित्रवत संबंधों से श्रीलंका के विभिन्न क्षेत्रों के विकास को बड़ी मदद मिली है।

1  2  3  
आपके विचार (0 टिप्पणियां)
कोई टिप्पणी नहीं
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040