लोमड़ी से चमड़े की मांग 与狐谋皮
"लोमड़ी से चमड़े की मांग"नाम की नीति कथा को चीनी भाषा में"यू हू मोउ फी"(yǔ hú móu pí) कहा जात है, इसमें"यू"के अर्थ है से या के साथ, "हू"जानवर लोमड़ी है, जबकि"मोउ"का अर्थ है मांगना और"फी"का अर्थ है चमड़ा।
प्राचीन काल में चाओ राजवंश के एक व्यक्ति को मूल्यवान चमड़ा और स्वादिष्ट खाना बहुत पसंद था। वह एक हजार सोने के सिक्कों से कीमती चमड़े का वस्त्र बनाना चाहता था, तो उसने लोमड़ी के पास जाकर उससे सलाह मांगी:"लोमड़ियों में जो सबसे बड़ी है और जिसके बाल सबसे मुलायम और लम्बे हो, वह मेरे सामने आत्मसमर्पण कर दे, मैं उसके चमड़े से कपड़े बनाऊंगा।"
उसकी मांग सुनकर सभी लोमड़ियां घने जंगल में भाग कर छिप गई। एक दिन, चाओ राजवंश का वह व्यक्ति पूजा के लिए एक शानदार भोज देना चाहता था, तो उसने बकरी के पास जाकर कहा:"तुम बकरियों में से जो सबसे मोटी है और जिसका मांस सबसे अच्छा है, मुझे वही बकरी चाहिए।"
उस व्यक्ति की यह बात सुनकर बकरियां जंगल की तरफ दौड़ गयी। इस तरह पांच साल बीत गए, फिर भी उक्त व्यक्ति को अपने काम में सफलता हाथ नहीं लगी।
लोमड़ी से उसका चमड़ा और बकरी से उसका मांस मांगने में सफलता पाने की संभावना नहीं है। क्योंकि इस प्रकार की मांग उन्हें नुकसान पहुंचाती है।