साहब ये की पसंद ड्रैगन 叶公好龙
"साहब ये की पसंद ड्रैगन"नीम की नीति कथा को चीनी भाषा में"ये कोंग हाउ लोंग"(yè gōng hào lóng) कहा जात है। इसमें"ये कोंग"व्यक्ति का नाम है, उच्चारण में चौथी टॉन में तीसरे"हाउ"का अर्थ है पसंद करना, अगर इस शब्द की टॉन तीसरी में होती, तो अर्थ है अच्छा। जैसा कि चीनी भाषा में हम नी हाउ यानी नमस्ते कहते हैं। चौथा शब्द"लोंग"का अर्थ है ड्रैगन।
कहते हैं कि बहुत पहले ये नाम का एक साहब था। उसे ड्रैगन बहुत पसंद था। उसके घर के दरवाज़ों, खिड़कियों और स्तंभों पर ड्रैगन के चित्र लगे थे। दीवारों पर ड्रैगन के विशाल चित्र खींचे गए थे और कपड़ों, बिस्तरों और मच्छरदानी पर भी ड्रैगन के सुन्दर चित्र बनाए गए थे।
शहर और उसके आस पास की जगहों में सभी लोग जानते थे कि साहब ये ड्रैगन को बहुत प्यार करते हैं। खबर स्वर्ग लोक के असली ड्रैगन के कान तक पहुंची, वह बहुत पभावित हुआ और सोचा:"क्यों न नीचे उतर कर साहब ये से मिलने जाए।"
असली ड्रैगन साहब ये के घर पहुंचा। उसका शरीर ये घर के हॉल में लगे खंभे पर लिपटा। पूंछ फ़र्श पर फैली और सिर साहब ये के कमरे में पहुंचा। असली ड्रैगन को देखकर साहब ये बेहद डर गया, चेहरे का रंग एकदम उड़ गया, वह तुरंत बाहर की ओर भागा।
असल में साहब ये को असली ड्रैगन पसंद नहीं था, उसे पसंद था नकली ड्रैगन। यानी वह असली चीज़ की जगह नकली चीज़ पसंद करता था। इस स्वभाव के लोग अपनी बातों के पक्के नहीं होते।