ह-श का जेड 和氏之璧
"ह-श का जेड"नीति कथा को चीनी भाषा में"ह-श ची पी"(hé shì zhī bì) कहा जात है। इसमें"ह-श"व्यक्ति का नाम है, जबकि"ची"का अर्थ है"का"और"पी"का अर्थ जेड। यह नीति कथा प्राचीन काल से ही आज तक चीन में बहुत लोकप्रिय है।
प्राचीन चीन के छु राज्य वंश में ह-श नाम का एक शिल्पी रहता था। एक दिन उसे पहाड़ में एक असाधारण पत्थर मिला, अपने व्यापक अनुभव से उसे पता चला कि इस पत्थर के अन्दर एक अनमोल जेड छिपा है। ह-श ने जेड युक्त पत्थर को छु राज्य के राजा ली को भेंट कर दिया।
राजा ली ने दरबारी शिल्पी को इस पत्थर पहचानने का आदेश दिया, दरबारी शिल्पी ने उसे एक साधारण पत्थर बताया, राजा ली को बहुत क्रोध आया, उसके आदेश पर ह-श के एक पांव को काट दिया गया।
राजा ली के देहांत के बाद राजा वुई गद्दी पर बैठा। ह-श ने इस जेड युक्त पत्थर उसे भी भेंट किया। राजा वुई ने दरबारी शिल्पी को पत्थर परखने का आदेश भी दिया। दरबारी शिल्पी ने फिर पत्थर को साधारण बताया, फिर राजा वुई के आदेश पर ह-श का दूसरा पैर भी काट दिया गया।
कुछ वर्षों के बाद राजा वुई भी नहीं रहे। तो वन राजा की गद्दी पर बैठा। इस बार ह-श को उस पत्थर को गोद में लेकर पहाड़ की तलहटी में तीन रात रोकर गुजारने पड़े। रोते-रोते उसके आंसू सूख गए और आंखों से खून निकल आया।
यह घटना वन राजा के कानों में भी पहुंची। उसने अपने आदमी को ह-श के रोने का कारण पूछने भेजा।
ह-श ने जवाब दिया:"मुझे अपने पांव काटे जाने पर दुख नहीं है। मुझे इस बात पर दुख है कि आखिर क्यों सफेद को काला कह दिया जाता है, अनमोल जेड को बेकार पत्थर बताया जाता है। सबसे दुख की बात तो यह है कि वफादार को धोखेबाज करार दिया जाता है।"
वन राजा ने दरबारी शिल्पी को ह-श के पत्थर को तोड़ने का आदेश दिया। तो उसके अन्दर अनमोल जेड मिला। इसके बाद यह जेड ह-श जेड के नाम से चीन में अब तक मशहूर है।
"ह-श का जेड"यानी"ह-श ची पी"(hé shì zhī bì) हमें यह बताती है कि सच्चाई होती है, किसी के गलत कहने से सत्य कभी नहीं बदलता। फिर सच्चाई पर कायम सराहनीय होता है। ह-श के सच्चाई पर कायम रहने से ही अनमोल रत्न प्रकाश में आ सका और एक शिक्षाप्रद कहानी सदियों से लोगों के दिलों में याद रही।