छु सेना की हार 楚军偷渡
"छु सेना की हार"नीति कथा को चीनी भाषा में"छु चुन थो तु"(chǔ jūn tōu dù) कहा जाता है। इसमें"छु"तो राज्य का नाम है और"चुन"का अर्थ है"सेना", जबकि"थो तु"का अर्थ है"चुपके से पार करना"।
एक बार, छु राज्य की सेना सोंग राज्य वंश पर चोरी छिपे हमला बोलना चाहती थी। हमला बोलने से कुछ दिन पूर्व छु सेना ने दोनों देशों की सीमा पर बहती योंग नदी की गहराई नापी और नदी के सब से छिछले भाग पर पार गुजरने के लिए निशान बनाया, ताकि युद्ध छिड़ने के समय वहां से नदी पार कर धावा बोले। लेकिन क्या जाने हमले के दिन शाम को नदी में अचानक बाढ़ आई, किन्तु छु सेना का इस पर ध्यान नहीं गया, वह देर रात में पूर्व योजना के अनुसार नदी के पास लगाए गए निशान की जगह नदी को पार करने लगी, नदीजा यह निकला कि नदी की बाढ़ के साथ हजार से अधिक सिपाही डूब कर बह गए और छु सेना बिना युद्ध किए ही हार गई।
"छु सेना की हार"यानी चीनी भाषा में"छु चुन थो तु"(chǔ jūn tōu dù) नाम की नीति कथा यह बताती है कि दुनिया में हर चीज़ बदलती जाती है, यह एक प्राकृतिक नियम होता है। नदी में बाढ़ आती है, चली भी जाती है। यदि इस परिवर्तन पर ध्यान नहीं देते हैं और परिवर्तित स्थिति के मुताबिक काम नहीं लेते, तो हार की कटु फल खाना पड़ता है।