श्रेया के मोबाइल फ़ोन का स्क्रीनसेवर उनके साथ एक चीनी लड़की की सेल्फ़ी है। दोनों लड़कियां बहुत हंसी खुशी साथ रहती हैं। यह चीनी लड़की श्रेया की सबसे अच्छी दोस्त यांग थिंग हैं। श्रेया की आंखों में यांग थिंग बहन की तरह हैं। जब श्रेया नई नई चीन आईं थीं, तब यांग थिंग ने उनकी बहुत मदद की और समर्थन दिए। जब श्रेया सीखने के दबाव का सामना करती हैं, जब उन्हें घर की याद आती हैं या परेशान होती हैं, तब यांग थिंग हमेशा उनके साथ रहती हैं और उनका प्रोत्साहन करती हैं। यांग थिंग अक्सर श्रेया को बताती हैं कि तुम मज़बूत और बहादुर हो, इतनी आसानी से हिम्मत मत हारो।
"यांग थिंग की माँ भी वह प्यार से खाना खिलाती हैं, जो पाओची होती है या जो नूडल्ज़, वह पूछती हैं कि तुम्हें क्या पसंद है, वह प्यार से खाना खिलाएंगी। बहुत अच्छा लगता है।"
श्रेया के फोन में संग्रहित दोनों लड़कियों की सेल्फ़ी में उनके गृहनगर कलकत्ता में खींचे गए फ़ोटो भी शामिल हैं। पिछले वर्ष गर्मी की छुट्टियों में श्रेया ने यांग थिंग को अपने घर भी बुलाया था। उन्होंने एक साथ कलकत्ता के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल की यात्रा की, श्रेया के अल्मा मेटर का दौरा किया और इधर उधर घूमा।
"बहुत अच्छी चीज़ है, वह नहीं भूल सकती है और मैं भी कभी नहीं भूल सकती।"
श्रेया और यांग थिंग के फ़ोटो देखते हुए भारतीय विद्यार्थी दीपक कुमार अपनी चीनी लड़की दोस्त के फ़ोटो दिखाने का इंतजार नहीं कर पाते। दीपक गौरव से कहते हैं कि एक चीनी लड़की दोस्त होना बहुत सुखद बात है। अगर हो सकता है, तो वे इस लड़की के साथ शादी करना चाहते हैं, क्योंकि एक चीनी पत्नी होना बड़ी खुशी की बात है।
भारतीय विद्यार्थी मनोज की चीनी लड़की दोस्त नहीं है, पर उन्हें फिर भी गौरव है, क्योंकि वे अपना पूरा मन शिक्षा और वज़न कम करने में लगाते हैं।
"यहां कुछ भी खाओ, गर्म पानी पीओ, चाय डालो। जब मैं यहां पर आया था, तब मेरा वज़न 81 किलो था, लेकिन अब मैं 73 किलो का हूं और बहुत खुश हूं।"
मनोज ने कहा कि जब वो चीन आए थे, तब वे चॉप्स्टिक्स से बहुत परेशान थे। लेकिन दो महीने बाद वे बहुत अच्छी तरह चॉप्स्टिक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
"मैंने अपना पहला गिफ्ट अपने घर भेजा था, अपनी माँ के लिए, वह था चॉप्स्टिक्ट। मैंने कहा कि माँ यह लो, उसके साथ आप यह खाना। तो यह मेरा सबसे ख़राब अनुभव था, बाकी सब अनुभव जितने भी हैं, वह अच्छे हैं।"