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    "मोफ़ान शुचू" किताबघर के संस्थापक च्यांग शुन
    2016-10-09 20:08:07 cri

    च्यांग शुन ने कहा कि किताबघर दुनिया में मौजूद अकेला द्वीप है। हालांकि इंटरनेट के युग में इसकी स्थिति कठिन है, लेकिन इसके अस्तित्व को बचाए रखने की आवश्यकता है। क्योंकि रोज़ इंटरनेट पर पढ़ने के बावजूद हम बहुत कम बातें अपने दिमाग में याद रख पाते हैं।

    "मैंने एक भाषण दिया था, जिसका शीर्षक है काग़ज़ और किताब के युग का भविष्य। कहने का मतलब यह है कि मैं बड़ा ख़्याल रखता हूं कि क्या भविष्य में काग़ज़ और किताब पढ़ने की आदत जारी रहेगी भी या नहीं? इंटरनेट के प्रभाव से किताबों के जीवित रहने की स्थिति बहुत मुश्लिक है, लेकिन हम कुछ दिलचस्प कार्यक्रमों के ज़रिए पाठकों को आकर्षित कर सकते हैं। किताबघर खोलने का हमारा उद्देश्य भी यही है। सबसे पहले यहां का वातावरण आरामदेह होना पड़ता है और दूसरी तरफ़ यहां की किताबें रुचिकर और पढ़ने लायक होनी चाहिए। जो पुस्तकें हमारे यहां मिलती हैं, इन्हें अन्य किताबघर में नहीं मिलना चाहिए। यह हमारी विशेषता और दुकान खोलने का कारण है।"

    किताबघर में कीमती लकड़ी से बनी बुकशेल्फ़ में च्यांग शुन द्वारा प्रकाशित और हाथों से बनाई हुई किताबें रखी हुई हैं। कला, आर्किटेक्चर, डिज़ाइन, दर्शन और मनोविज्ञान आदि के बारे में व्यावसायिक पुस्तकें बहुत से विशेषज्ञों और विद्वानों को आकर्षित करती हैं।

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