दोस्तो, चिंगहांग नहर विश्व में सबसे पुरातन नहरों में से एक है। वह दक्षिण चीन के हांगचो शहर से शुरू होकर उत्तर चीन के पेइचिंग शहर तक पहुंची। जिसकी कुल लंबाई लगभग 1797 किलोमीटर है। हांगचो शहर बड़ी नहर की सबसे दक्षिणी जगह पर स्थित है। इसलिये यह नहर हांगचो की मदर रिवर मानी जाती है। वर्ष 2002 से हांगचो शहर में इस नहर का व्यापक उपचार, संरक्षण व विकास को नयी शताब्दी में शहरी निर्माण के दस महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शामिल किया गया। जिससे नहर के दोनों किनारों का सुधार किया गया, बहुत ऐतिहासिक इमारतों की रक्षा व मरम्मत की गयी, अवैध कारखाने हटाए गए, नहर से गाद निकाली गयी, और वातावरण को सुन्दर बनवाया गया। ऐसा करके होंगचो में नहर की स्थिति में काफी सुधार हुआ।
साथ ही हांगचो शहर ने अपने समृद्ध इतिहास व संस्कृति का प्रयोग करके व्यापक रूप से सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों का विकास किया। चिनहांग नहर संग्रहालय के अलावा तरह तरह के संग्रहालय, सांस्कृतिक व रचनात्मक पार्क, ऐतिहासिक खंडहर समेत विशेष सांस्कृतिक केंद्र नहर के निकट स्थित हैं। इसके साथ गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासतों का विकास, संस्कृति का अध्ययन, सांस्कृतिक पर्यटन, और विशेष सांस्कृतिक गतिविधियां भी चलायी जाती हैं।
अब बड़ी नहर एक नये रूप में लोगों के सामने दिखती है। नहर के दोनों किनारों के दृश्य बहुत सुन्दर हैं। इतिहास व संस्कृति इधर-उधर मिल सकते हैं। पर्यटक जल बस द्वारा नज़दीक से नहर की संस्कृति को महसूस कर सकते हैं। हांगचो शहर के नागरिकों के प्रति नहर एक दीवारों के बिना एक संग्रहालय है, कसरत करने का कॉरिडोर है, और सांस्कृतिक जीवन बिताने की सब से अच्छी जगह है।