चोमा का घर पत्थरों से बना दो मंजिला मकान है
66 वर्षीय चोमा का घर पत्थरों से बना दो मंजिला मकान है, जिसका इतिहास 420 साल पुराना है। मकान के सुधार के बारे में चोमा ने कहा वे लंबे समय से इस मकान में रहती आ रही हैं। वे अपना पुराना मकान नहीं छोड़ना चाहतीं। गांव में युवा लोगों को शायद नये मकान की प्रतीक्षा है।
त्सोको गांव में मकानों के सुधार की अंतिम योनजा निश्चित नहीं की गयी है, लेकिन पुरानी शैली बनाए रखना एक बुनियादी सिद्धांत है। काउंटी के मकान सुधार ब्यूरो के उपनेदशक वांग छुन ने बताया:"त्सोको गांव के अधिकांश मकान आधे पत्थर और आधे लकड़ी वाले ढांचे के बने हैं। इस पूरी घाटी में सिर्फ तीन गांवों के मकान के ढांचे ऐसे हैं। गांववासियों के मकानों के सुधार में हमारी सोच ये है कि पहले ऐसी शैली में मकान बनाए जाते थे, तो हमें इसे बनाए रखना चाहिए।"
भविष्य में नये मकानों में स्थानांतरित होंगे या पुराने मकानों में बने रहेंगे, यह तय है कि त्सोको गांववासियों की मेहनती और भलाई नहीं बदलेगी और ड्राक्सुम त्सो क्षेत्र के सुंदर दृश्य नहीं बदलेंगे।