तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के न्यिंग्छी प्रिफेक्चर की गोंबो ग्याम्डा काउंटी का त्सोको गांव ड्राक्सुम त्सो झील के किनारे पहाडों की घाटी में स्थित एक पुराना गांव है। वहां सौ से अधिक तिब्बती परिवार कई पीढ़ियों से जीवन बिताते आये हैं। वे गृह स्थल के पर्यावरण को मूल्यवान समझते हैं, सौ वर्षों से अधिक पुराने मकानों से वो प्रेम करते हैं औऱ एक दूसरे की मदद करने की परंपरा का निर्वहन करते हैं।
रात नौ बजे दिन भर खेती का काम पूरा करने के बाद नोर्बू त्सरिंग ने गांव के लाउड स्पीकर से जुडे साउंड उपकरण को खोल कर एक तिब्बती गीत सुनाया। दस मिनट बाद संगीत सुनकर त्सोको गांव के विभिन्न घरों के प्रतिनिधि अपने अपने आधे पत्थर और आधे लकड़ी से बने परंपरागत तिब्बती मकानों से बाहर निकलकर गांव के केंद्र स्थित गांव वासियों की समिति में आ गए हैं। इस समय जुलाई महीने का अंत है। नोर्बो त्सरिंग गांववासियों के साथ घास के मैदान में घास काटने पर विचार विमर्श करना चाहते हैं ताकि सर्दी में याक के चारे तैयार किये जा सकें। उन्होंने कहा:"दोपहर को चराने के बाद मैं और कुछ लोगों ने गांव में रोगियों और श्रमिकों का अभाव होने वाले कुछ घरों को मदद देकर उनके लिए घास काटी है।"
मीटिंग पर नोर्बू त्सरिंग ने यह जानकारी दी। पांच साल पहले गांव का प्रधान बनने के बाद हर दिन अपने घर का काम पूरा कर नोर्बू त्सरिंग बहुत समय और शक्ति को गांव के सार्वजनिक मामलों में लगाता है। त्सोको गांव के मशहूर पर्यटन स्थल पोसुमत्सो क्षेत्र के उत्तर-पूर्वी छोर पर घाटी में स्थित है।मुश्किल में पड़ने वाले घरों की सहायता करना गांव प्रधान के नाते नोर्बू त्सरिंग की जिम्मेदारी है और गांव की परंपरा भी।