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    नाछ्यु प्रिफेक्चर में महाकाव्य《राजा गेसार》का उत्तराधिकार और विकास
    2016-01-15 19:38:02 cri

    《राजा गेसार》की प्रस्तुति करने वाले अभिनेता

    गेसार कथा वाचक की पहचान व्यवस्था का परिचय देते हुए नाछ्यु प्रिफेक्चर के प्रचार विभाग के उप प्रधान ली होंगवेई ने कहा कि वर्तमान में नाछ्यु प्रिफेक्चर की विभिन्न स्तरीय सरकार गेसार से जुड़े पारंपरिक कला के संरक्षण और उत्तराधिकार पर बड़ा ध्यान देती है। स्थानीय गेसार संस्कृति दल की स्थापना की गई है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सामाजिक विज्ञान अकादमी में गेसार कला का अनुसंधान करने वाले विशेषज्ञ और राष्ट्र स्तरीय कथा-वाचक नए कथा-वाचकों की पहचान निश्चित करते हैं। इसका परिचय देते हुए ली होंगवेई का कहना है:"पहला, आम नागरिकों की मान्यता पर विचार किया जाता है। आम नागरिकों की मान्यता हासिल नहीं करने वाले कथा वाचकों को विशेषज्ञों की स्वीकारोक्ति भी नहीं मिलती है। दूसरा, कथा के गायन वाचन का समय। कथा वाचकों को 20 से अधिक घंटे तक गायन वाचन करना पड़ता है। इसके साथ ही वाचकों के पास गायन वाचन करने की अपनी शैली होनी चाहिए। उसके द्वारा सुनाई गई कथाओं के विषय दूसरे कथा वाचकों के बराबर नहीं होने चाहिए और न ही दूसरों से बिलकुल अगल होने चाहिए। क्योंकि《राजा गेसार》महाकाव्य का ढांचा निश्चित ही है। कथा वाचकों के गायन वाचन में सिर्फ़ ब्यौरे का फ़र्क मौजूद है।"

    मित्रों, तिब्बत में राजा गेसार के कथा वाचक आम तौर पर चरवाहे हैं। कथाओं के गायन वाचन से उन्हें कोई वेतन नहीं मिलता। बताया जाता है कि वर्तमान में नाछ्यु प्रिफेक्चर में 71 कथा वाचकों को सरकारी मान्यता हासिल हुई है। जिनमें 7 कथा वाचक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश स्तर के हैं, और अन्य दो राष्ट्र स्तर के हैं। उन्हें क्रमशः 3 से 5 हज़ार युआन का सरकारी भत्ता मुहैया करवाया जाता है। नाछ्यु प्रिफेक्चर के प्रचार विभाग के उप प्रधान ली होंगवेई ने कहा कि नाछ्यु प्रिफेक्चर इन कथा वाचकों को अधिक भत्ता देने में प्रयासरत है। ताकि उनकी जीवन स्थिति में अधिक सुधार हो सके।"गेसार से जुड़ी पारंपरिक संस्कृति को विरासत में लेते हुए उसका विकास करने और संरक्षण करने के लिए हमारी सरकार ने बहुत प्रयास किया है। राजा गेसार की संस्कृति नाछ्यु प्रिफेक्चर और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की संस्कृति का एक भाग ही नहीं, हमारे चीनी राष्ट्र की संस्कृति का एक हिस्सा भी है।"

    राजा गेसार की कथाओं की गायन वाचन कला के व्यापाक प्रचार प्रसार के लिए नाछ्यु प्रिफेक्चर ने इसे प्रिफेक्चर में वार्षिक घोड़ा दौड़ उत्सव में प्रस्तुति कार्यक्रम में शामिल किया। हर साल घोड़ा दौड़ उत्सव में गेसार के कई कथा-वाचक नाछ्यु में इक्ट्ठा होकर विभिन्न स्थलों से आए देसी-विदेशी पर्यटकों को राजा गेसार से जुड़े शानदार महाकाव्य सुनाते हैं।

    सुप्रसिद्ध तिब्बती लेखक अलाई ने《राजा गेसार का जीवन वृत्तांत》लिखा था। उनके विचार में इस किताब को लिखने का उद्देश्य पाठकों को एक सच्चे तिब्बत के बारे में पूरी जानकारी देना है। इसके बराबर《राजा गेसार》की गायन वाचन कला को विरासत में लेते हुए उसका विकास करने का लक्ष्य सच्चे तिब्बत के प्रति अधिक से अधिक लोगों की समझ बढ़ाना ही है।

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