《राजा गेसार》की प्रस्तुति करने वाले अभिनेता
लम्बे अर्से में《राजा गेसार》की गायन वाचन कला तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में बहुत लोकप्रिय है। लेकिन लम्बे अरसे से इस कला का उत्तराधिकार लिखित तरीके के बजाए सिर्फ़ उत्तराधिकारियों को श्रुति के माध्यम से यानी बोलकर और सुनकर किया जाता है। महाकाव्य《राजा गेसार》की विरासत का विकास करने के लिये स्थानीय सरकार महत्व देती है।
उत्तरी तिब्बत के घास के मैदान में स्थित नाछ्यु प्रिफेक्चर का क्षेत्रफल बहुत विशाल है। जहां《राजा गेसार》कथा गायन वाचकों का जन्मस्थान और《राजा गेसार का जीवन वृत्तांत》को विरासत में प्राप्त करते हुए उसके विकास का केन्द्र भी है। नाछ्यु प्रिफेक्चर के प्रचार विभाग के उप प्रधान ली होंगवेई ने जानकारी देते हुए कहा कि नाछ्यु में《राजा गेसार》के गायन वाचकों की संख्या अधिक है। वर्तमान में सरकारी मान्यता प्राप्त गायन वाचकों की संख्या 71 है। ली होंगवेई ने जानकारी देते हुए कहा:"ये कथा वाचक पढ़े लिखे नहीं हैं। लेकिन वे अच्छी तरह कथा वाचन कर सकते हैं। हर एक गायन वाचक की जुबान में राजा गेसार के बारे में अपनी-अपनी कथा मौजूद है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश, खास कर नाछ्यु प्रिफेक्चर में कई गायन वाचक'भगवान दीक्षित कथा वाचक'हैं। अगर इसे दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो दस वर्ष की उम्र में वाचक बीमार हुई थी, फिर उसने कोई सपना देखा, या एक विशेष अनुभव से गुज़रने के बाद उन्हें गेसार के गायन वाचन वाला कौशल मिला। आज इस प्रकार की स्थिति के प्रति निश्चित वैज्ञानिक व्याख्या नहीं रही।"