तिब्बती बंधु गाजाडामा
झांगथांग, तिब्बती भाषा में इसका मतलब होता है उत्तरी उजाड़ क्षेत्र। आम तौर पर इसे नाछू और आली दो प्रिफैक्चर के उत्तर में घास का मैदान कहा जाता है। यहां औसत ऊंचाई समुद्री सतह से 5 हज़ार मीटर से अधिक है। अगस्त में यहां जोर से ठंडी हवाएं चलती हैं।सुबह, नीमा काऊंटी के नीमा कस्बे में रहने वाला गाजाडामा रोज़ की तरह मोटरसाइकिल से घर से निकला।
"मेरा बाहर जाने का निश्चित समय नहीं है, लेकिन आम तौर पर सुबह सात या आठ बजे गश्त लगाने के लिए जाता हूं और रात को छह या सात बजे घर वापस आता हूं। अगर गश्त लगाने के दौरान ज्यादा तिब्बती मृग दिखाई दिये, तो मैं आसपास की बर्फीली पहाड़ियों पर भी चला जाऊंगा। आम तौर पर गश्त लगाने में एक दिन का समय लगता है।"
इस साल गाजाडामा की ऊम्र 58 वर्ष हो चुकी है। उसे जानवरों की आदतों और स्थानीय भौगोलिक वातावरण के बारे में बहुत जानकारी है। उसे झांगथांग राष्ट्रीय नेचर रिजर्व क्षेत्र का रक्षक बने हुए 15 साल हो चुके हैं। वह रोज़ाना मोटरसाइकिल पर कुछ खाना, दूरबीन, नोटबुकट, कैमरा लेकर गश्त लगाता है।
"मैं रोज़ाना 400 से अधिक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल का गश्त लगाता हूं। यह क्षेत्रफल दो काऊंटियों या दो कस्बों के बराबर है। क्योंकि यहां ज्यादा लोगों का आवागमन रहता है, इसलिए मैं हर क्षण तैयार रहता हूं। अगर कोई गाड़ी, मोटरसाइकिल राष्ट्रीय नेचर रिजर्व क्षेत्र में आती है, तो मैं उनके यहां आने का कारण पूछता हूं। यह निषिद्ध भूमि है, जहां फोटो खींचना और तिब्बती मृग का पीछा करना या शिकार करना मना है।"
यह राष्ट्रीय नेचर रिजर्व क्षेत्र बहुत ऊंचा है और लोगों की कम आबादी हैं, इसलिए यहां अल्पाइन पारिस्थितिकी तंत्र अच्छी तरह से सुरक्षित है। घास का यह मैदान जंगली जानवरों के लिए स्वर्ग है। पहली और दूसरी श्रेणी के राष्ट्रीय संरक्षित जानवर तिब्बती मृग, जंगली गधे और तिब्बती चिकारा अकसर यहां आते हैं।
दूर से जानवरों को देखते ही गाजाडामा ने अपनी मोटरसाइकिल रोक दी। वह दूरबीन से पर्यवेक्षण करने लगा, फिर कुछ नोट भी किया। क्या जानवर देखा, कब देखा और कितने देखे, यह सब जानकारी वह रोज़ नोट करता है। निश्चित समय पर वह ये सारी जानकारियां वानिकी विभाग को सौंपता है। इसके अलावा वह राष्ट्रीय नेचर रिजर्व क्षेत्र में मनुष्य की गतिविधियों पर भी निगरानी करता है, ताकि जानवरों के जीवन पर प्रभाव न पड़े।