पुरांग में सीमा व्यापार बाजार
नेपाली व्यापारी अमन बोहरा ने कहा कि उसके जन्मस्थान से पुरांग कांउटी में व्यापार करने आए व्यापारियों की संख्या 30 से अधिक है। प्रत्येक दुकान में अधिक वस्तुएं नहीं बेची जाती है। इसके साथ ही दुकान में बड़े आकार वाली वस्तुएं भी कम हैं।
पुरांग कांउटी के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में पुरांग में सीमा व्यापार करने वाले स्थाई भारतीय व्यापारियों की संख्या 15 है, जिनकी पंजीकृत राशि 7 लाख युआन से अधिक है। जबकि स्थाई नेपाली व्यापारियों की संख्या 59 से अधिक है। उनकी पंजीकृत राशि 12 लाख युआन से ज्यादा है। बाज़ार में भारत और नेपाल की एक भी बड़ी दुकान नहीं रही, लेकिन पिछले वर्ष इनके आयातित माल की कुल राशि 2 करोड़ 10 लाख 20 हज़ार युआन और निर्यातिक राशि 1 करोड़ 56 लाख 20 हज़ार युआन थी। साल भर में इस छोटे सीमा व्यापार बाज़ार की आयात-निर्यात राशि उल्लेखनीय है। नेपाली व्यापारी अमन ने कहा:"हमारे नेपाली व्यापारियों का सौदा बराबर है। देखिए, मिलती-जुलती दुकानों में हम मिलती-जुलती वस्तुएं बेचते हैं। यह स्थानीय लोगों का आवश्यक माल है। हम उनकी मांग के मुताबिक वस्तुएं बेचते हैं। हम अवश्य ही शिकाज़े, नाछ्यु और ल्हासा जाते हैं। इस दौरान हम नेपाल से लाई गई दूसरी अलग और नई वस्तुएं पहुंचाते हैं।"
कुछ लोगों के विचार में यह खेद की बात है कि अमन बोहरा अपना पोस्टग्रेजुएट कोर्स छोड़कर व्यापार करता है। मतलब है कि उसे मास्टर डिग्री प्राप्त करके अधिक मूल्यवान और ज्यादा पैसे कमाने वाली नौकरी करना चाहिए। न कि तिब्बत में सीमा व्यापार बाज़ार में एक छोटी सी दुकान का मालिक बनना। इसकी चर्चा में अमन बोहरा ने मुस्कुराते हुए कहा कि यह कोई बात नहीं है। वर्तमान स्थिति से परिचित होने के बाद वह दूसरा काम करना चाहेगा। उसने योजना बनाई कि भविष्य में अपना व्यापार बढ़ाएगा।