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    आपका पत्र मिला 2015-04-22
    2015-04-27 09:55:16 cri

    मीनू:चक्रवर्त्ती जी, सबसे पहले हमें पत्र भेजने और सवाल पूछने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। हम आप जैसे श्रोताओं को चीन के बारे में और ज्यादा जानकारी देना चाहते हैं। अभी मैं "एक पट्टी एक मार्ग " के बारे में और विस्तृत जानकारी देती हूं। "एक पट्टी एक मार्ग को " अंग्रेजी में One Belt One Road या Belt And Road कहा जाता है, जिसका पूरा नाम रेशम मार्ग आर्थिक पट्टी और 21वीं सदी समुद्री रेशम मार्ग है।

    रेशम मार्ग प्राचीन चीन में शुरू होता था, जो एशिया, अफ्रिका और यूरोप को जोड़ने वाला प्राचीन वाणिज्य व व्यापारिक मार्ग था। परिवहन तरीकों के अनुसार उसे थलीय रेशम मार्ग और समुद्रीय रेशम मार्ग में विभाजित किया गया था। रेशम मार्ग पूर्व और पश्चिम के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का मुख्य रास्ता है।

    चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने वर्ष 2013 के सितंबर और अक्तूबर में क्रमशः नए रेशम मार्ग आर्थिक पट्टी और 21वीं सदी समुद्री रेशम मार्ग की रणनीतिक अवधारणा पेश की। और वर्ष 2013 ही में जब चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने चीन-आशियान मेले में भाग लिया, तब उन्होंने आशियान के लिए समुद्री रेशम मार्ग के निर्माण पर जोर दिया।

    "एक पट्टी एक मार्ग " का निर्माण वहां स्थित विभिन्न देशों की समृद्धि और क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग मजबूत करने के लिए लाभदायक है। विभिन्न संस्कृतियों के बीच आदान-प्रदान और विश्व शांति व विकास बढ़ाना दुनिया के विभिन्न देशों के लोगों की भलाई करने वाला महान कार्य है।

    अनिल:इसके अलावा, चक्रवर्त्ती ने यह सवाल भी पूछा कि एशियाई आधारभूत संस्थापन निवेश बैंक (एआईआईबी) का क्या महत्व है? अब मैं इस बारे में बताता हूं। पहला, अनुमान के अनुसार वर्ष 2020 से पहले एशिया में हर साल बुनियादी सुविधाओं के निर्माण में पूंजी-निवेश की मांग 7 खरब 30 अरब अमेरिकी डॉलर पहुंचेगी। वर्तमान विश्व बैंक, एशियाई बैंक आदि अंतरराष्ट्रीय बहुपक्षीय संस्थाएं इस भारी पूंजी की मांग को पूरा करने में अक्षम हैं। दूसरा, चीन विश्व में तीसरा बड़ा विदेशी निवेशक है। चीन के विदेशी ने वर्ष 2012 में 87 अरब 80 करोड़ डॉलर पहुंचकर एक नया रिकार्ड दर्ज किया। 30 सालों के विकास के बाद बुनियादी सुविधाओं के निर्माण में चीन में एक सर्वांगीण इंडस्ट्री चैन संपन्न हो गया। चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 2 अक्तूबर 2013 को एशियाई आधारभूत संस्थापन निवेश बैंक (एआईआईबी) के निर्माण का प्रस्ताव पेश किया। 24 अक्तूबर 2014 को चीन, भारत, सिंगापुर समेत 21 देशों ने पेइचिंग में एआईआईबी के निर्माण का फैसला किया और संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये। 13 अप्रैल 2015 तक एआईआईबी के कुल 57 सदस्य देश हो चुके हैं और अन्य कुछ देश आवेदन की प्रक्रिया में हो रहे हैं।

    चीन के प्रस्ताव में निर्मित क्षेत्रीय वित्तीय संस्था के रूप में एआईआईबी के मुख्य कार्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों को बुनियादी सुविधाओं के निर्माण में सहायता देना है, जिसमें ऋण, निवेश और गारंटी प्रदान करना आदि शामिल हैं। ताकि परिवरहन, ऊर्जा, संचार, कृषि और शहरी विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी-निवेश को बढ़ावा दिया जा सके।

    मीनू:अब पेश है, ओड़िशा से सुरेश अग्रवाल जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.....17 अप्रैल को ताज़ा समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत एक नये तिब्बती गाँव का दौरा और वहां स्थानान्तरण के बाद के जीवन पर अहम जानकारी हासिल हुई। जहाँ सन 2004 से पहले तक छिंगहाई-तिब्बत के बर्फ़ीले पठार पर रहने वाले ग़रीब चरवाहे शून्य से चार डिग्री कम के तापमान पर शिविरों में जीवन बसर करने को विवश थे, वहीं सन 2005 में चीन सरकार द्वारा तीन नदियों का संगम कहे जाने वाले पावन स्थल पर सान च्यान युएन नामक योजना शुरू कर लोगों का स्थानान्तरण किया गया और उन्हें सर्वसुविधायुक्त मकान उपलब्ध कराये गये। करमू नामक शहर के उपनगर में स्थित छयान च्यान युएन नामक गांव तमाम आधुनिक सुविधाओं से युक्त है और वहां रहने वाले लोगों की माली हालत भी काफी सुधर गई है। तमाम जानकारी से रूबरू कराने हेतु हार्दिक साधुवाद।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की फ़्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा के तमाम पहलुओं पर लाइव इण्डिया के वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी का विवेचन काफी सारगर्भित लगा। उमेशजी का यह कहना बिलकुल सही जान पड़ा है कि- चर्चा चाहे चाय पर हो या कि नाव पर, मोदी मुद्दों को बखूबी भुनाना जानते हैं। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री का यह दौरा काफी सफल कहा जायेगा। एक अच्छी सम-सामयिक प्रस्तुति के लिये धन्यवाद।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" की कड़ी में आज स्वर्ग राजा ली पुत्र नचा भी चिन्ताओ दैत्य का मुक़ाबला नहीं कर पाये और अपनी जान बचा कर वहां से भाग खड़े हुये। महामनीषी फिर अग्नि नक्षत्र सामन्त के पास पहुँच उस दैत्य को भस्म करने की प्रार्थना करने लगे। धन्यवाद।

    अनिल:अगला पत्र मेरे पास आया है पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु जी का। वे लिखते हैं.....

    सादर नमस्कार। हर दिन की तरह 18 अप्रैल,2015 शनिवार को रात साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक 1269 किलोहर्ट्ज (kHz) पर आपका रेडियो प्रोग्राम सुना। आज अनिल पाण्डेय जी द्वारा पेश किये गए अंतर्राष्ट्रीय समाचार की प्रस्तुति के बाद पंकज श्रीवास्तव और अंजली जी द्वारा प्रस्तुत साप्ताहिक कार्यक्रम "आपकी फरमाईश,आपकी पसंद" प्रोग्राम का ताज़ा अंक मनोयोग से सुना। इस प्रोग्राम में आज पांच हिंदी फ़िल्मी गानों के आलावा चार जानकारियां सुनने को मिलीं जो रोचक लगी।

    इस प्रोग्राम के पहली रिपोर्ट में आपने पंजाब के बठिंडा में एक गांव में रहने वाले किसान राजिंदर पाल सिंह भोला की सफलता के बारे में जो कहानी सुनायी उसकी जितनी भी तारीफ करें वह कम होगी । सुना है कि 2004 में युवा किसान भोला ने 4 रुपए की गुलाब की कलम और मिट्टी का बड़ा बर्तन के सहारे बिजनेस शुरू किया और आज उन्होंने सालाना 6 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं। उनके द्वारा लगाई गई मशीन से बने गुलाब के तेल की मांग कनाड़ा,अमेरिका और कई देशों में ज्यादा है क्योंकि उनका गुलाब आर्गेनिक होता है। एक किलोग्राम गुलाब ऑयल की अंतर राष्ट्रीय मार्केट में कीमत 15 लाख के करीब है। उनके गुलाब जल को एक्सपोर्टर खरीद लेते हैं। यह गर्व की बात है कि किसान भोला को स्टेट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। किसान भोला की बेहतरीन सफलता की कहानी से हमे शिक्षा मिलती है कि अगर हम कुछ करना चाहते है तो हमें चाहिए प्रबल इच्छा और दृढ मनोवल। अगर हम कोशिश करेंगे तो हमारा हर सपना पूरा हो सकता है। मुझे उम्मीद है कि आपकी यह रिपोर्ट मेरे जैसे बेरोजगार आदमी साथ ही आम आदमी को प्रेरणा देगी।

    इसके बाद आपने हमें बताया कि मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा कम्‍प्‍यूटर बनाया गया है, जिसका आकार एक मिलिमीटर या चावल के दाने के बराबर है।आपके रिपोर्ट के मुताबिक, मिशिगन माइक्रो मोटो एम-3 को दुनिया का सबसे छोटा ऑटोनॉमस कम्प्यूटर माना जा रहा है। सुना है कि यह कम्प्यूटर फोटोज ले सकता है,टेम्प्रेचर रीड कर सकता और प्रेशर की रीडिंग्स भी ले सकता है। मुझे लगता है कि यह छोटे एम-3 कम्प्यूटर आनेवाले दिनों में हम सभी के लिए काफी सूचनाप्रद और लाभदायक होगी ।

    इसके बाद प्लेन के पहिए पर बैठ कर 34 हजार फीट की उंचाई पर डेढ़ घंटे का सफर के बारे में आपने जो ऐड्वेन्चरस स्टोरी हमें सुनायी वह मुझे चकित कर दिया । सुना है कि इंडोनेशिया के एक 21 साल का युवक स्टीवन अंब्रीता का सपना था,जकार्ता घूमने का। इसके लिए उन्होंने जकार्ता जाने वाले विमान के लैंडिग गियर पर बैठ गया। इसके बाद जब विमान ने जकार्ता एयरपोर्ट पर लैंड किया तब एयरपोर्ट पर खड़े लोग अंब्राती को पहिए पर देखकर चौंक गए। स्टीवन अंब्रीता का साहसिक कारनामा सुनते हुए मैं सिर्फ यह बोलना चाहूंगा कि इंसान की जुनून न जाने कितना अजब है।

    आज सुना है कि जल्द ऐल्युमिनियम आयन बैटरी वर्तमान में प्रचलित लिथियम आयन और अल्कलाइन बैटरी की जगह लेगी। यह नई बैटरी बेहद कम दाम होगी साथ ही एक बार चार्ज होने पर ये लंबे समय तक बैकअप देगी। गैजेट की दुनिया में यह नई मोबाइल बैटरी के बारे में आगाह करने के लिए शुक्रिया।

    कुल मिलाकर एक सुंदर प्रस्तुति हेतु आपको धन्यवाद।

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